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'पद्मावत' रिलीज: करणी सेना का देशव्यापी बंद, राहुल गांधी ने कहा भाजपा देश को हिंसा और घृणा की आग में झोक रही

'पद्मावत' रिलीज: करणी सेना का देशव्यापी बंद, राहुल गांधी ने कहा भाजपा देश को हिंसा और घृणा की आग में झोक रही नई दिल्लीः संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म 'पद्मावत' तमाम विवाद, विरोध, धमकी, तोड़फोड और आगजनी के बीच गुरुवार 25 जनवरी को रिलीज हो गई. हिंदी, तमिल और तेलुगु में ये फिल्म देश भर के 4500 स्क्रीनों पर रिलीज हुई.

इस फिल्म की शूटिंग के दौरान से ही उत्पात मचाए करणी सेना ने देशव्यापी बंद का ऐलान किया है. विरोध के चलते गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश और गोवा में सिनेमाघर मालिकों ने फिल्म नहीं दिखाने का फैसला किया है.

पद्मावत फिल्म को लेकर सियासी सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय नेता जहां इस मामले पर खामोश हैं तो वहीं बीजेपी शासित कई राज्य फिल्म को दिखाने के पक्ष में नहीं है. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पद्मावत के विरोध में हो रही हिंसा को नाजायज ठहराया है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि हरियाणा में बच्चों के खिलाफ हिंसा को किसी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता. हिंसा और नफरत कमजोर लोगों का हथियार है. बीजेपी नफरत और हिंसा का इस्तेमाल करके हमारे देश में आग लगा रही है.

नर्मदा की यात्रा की परिक्रमा कर रहे कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने पद्मावत फिल्म को लेकर कहा- 'किसी समाज और देश के ऐतिहासिक तथ्यों से किसी को ठेस पहुंचती है, तो ऐसी फिल्में नहीं बनानी चाहिए.'  इसका मतलब साफ है कि दिग्विजय पद्मावत फिल्म पर कहीं न कहीं विरोध में खड़े नजर आ रहे हैं.

विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया ने पद्मावत फिल्म को लेकर सख्त रवैया अख्तियार किए हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी वो फिल्म को रिलीज किए जाने के खिलाफ हैं. तोगड़िया ने कहा,'केंद्र सरकार फिल्म पर रोक लगाए नहीं तो सिनेमा घर में जो होगा वो इतिहास देखेगा.'

आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पद्मावत फिल्म के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं. केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'अगर केंद्र सरकार, सारी राज्य सरकारें और सुप्रीम कोर्ट मिलकर एक फिल्म रिलीज नहीं करा सकते और सुरक्षित नहीं दिखा सकते हैं तो कैसे आएगा निवेश? एफडीआई को भूल जाओ, यहां तक कि स्थानीय निवेशक इंवेस्ट करने में संकोच करेंगे. पहले से ही घटती देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार के लिए ये सही नहीं है.

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एक बाद एक ट्वीट कर पद्मावत फिल्म के खिलाफ हिंसक विरोध कर रहे करणी सेना के साथ-साथ बीजेपी जमकर लताड़ लगाई. सिसोदिया ने कहा, मैं भाजपा व करणी सेना से पूछना चाहता हूं - आप इतने निर्मम और निर्दयी हैं कि मासूम बच्चों को भी नहीं बख्शा? आप कहते हो हम हिंदुओं, राजपूतों के लिए लड़ रहे हैं, पर इन बच्चों में भी कई हिंदू होंगे, शायद कुछ राजपूत भी हों. आपने बच्चों पर हमला क्यों किया? आख़िर किसके लिए लड़ रहे हो? इसके बाद दूसरे ट्वीट में लिखा कि शर्म आनी चाहिए.... खुद को सेना बताने वाले इन गुंडों को भी जो राजपूत आन-बान-शान के नाम पर बच्चों को पत्थर मार रहे हैं, और उन सरकारों को भी जो  इन गुंडों से डरती हैं. राजपूत अपनी वीरता के लिए प्रसिद्ध हैं, इस तरह की कायरता के लिए नहीं.

पद्मावत फिल्म को लेकर बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व और मोदी सरकार पूरी तरह से खामोशी अख्तियार किए हुए हैं. वहीं बीजेपी शासित मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा  गुजरात और गोवा की सरकारें इस फिल्म के विरोध के खिलाफ हैं. इतना ही नहीं इन राज्यों में फिल्म न दिखाए जाने के लिए सुप्रीमकोर्ट में अपील दायर की थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म के रोक लगाने पर मना कर दिया है.

हरियाणा सरकार के मंत्री अनिल विज ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री ने पहले ही सार्वजनिक भावनाओं को देखकर कहा था कि सिनेमा हॉल फिल्म को स्क्रीन नहीं दिखा पायेंगे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है तो हम आदेश के बाध्यकारी हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि जो सिनेमाघरों फिल्म को दिखाना चाहते हैं. उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाएगी.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ फिल्म पद्मावत के खिलाफ में खड़ा है. संघ के राजस्थान क्षेत्र के संघचालक डॉ. भगवती प्रकाश ने कहा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर इतिहास के साथ खिलवाड़ गलत है. उन्होंने संघ का अभिमत रखते हुए कि प्रेरक इतिहास के प्रति संघ सदैव आग्रही रहा है और इसलिए संघ के स्वयंसेवक सहज ही ऐसे राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर समाज के साथ सहभागी होकर अग्रसर होते ही हैं.

राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि प्रदेश का एक भी सिनेमाघर फिल्म को दिखाने के लिये तैयार नहीं है. कटारिया ने कल अलवर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि प्रदेश में एक भी सिनेमाघर ऐसा नहीं है जो फिल्म को दिखाने को तैयार हो. उन्होंने कहा कि जो फिल्म का विरोध कर रहें है उन्हें भी अदालत में जाना चाहिए और इतिहास, समाज और प्रदेश के सम्मान की दृष्टि से अपना पक्ष वहां रखना चाहिए. प्रदर्शनकारियों को कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए. . उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाये रखना हमारी जिम्मेदारी है और उसके लिये जरूरी कदम उठायेंगे. लेकिन हम प्रदर्शनकारियों से आग्रह करते है कि वे विरोध प्रदर्शन लोकतांत्रिक तरीके से करें. शहर में कल तीन मल्टीप्लेक्स के बाहर हुई हिंसा की घटनाओं के बाद गुजरात के थियेटर मालिकों ने कल कहा कि वह फिल्म पद्मावत का प्रदर्शन नहीं करेंगे.

हालांकि राज्य सरकार ने कहा कि गुजरात के ज्यादातर राजपूत समुदायों ने आज राष्ट्रव्यापी बंद में शामिल नहीं होने पर रजामंदी जताई है, लेकिन पूरे राज्य में अर्द्धसैनिक बलों के साथ-साथ बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.

प्रभारी पुलिस महानिदेशक प्रमोद कुमार ने कहा कि फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के कारण राज्यभर से 118 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ ही 300 लोगों को हिरासत में लिया गया है. उन्होंने बताया कि करीब 20,000 पुलिसकर्मियों और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को राज्यभर में तैनात किया गया है. केंद्र सरकार की तरफ से बीएसएफ और आरएएफ जैसे अर्धसैनिक बलों की 16 कंपनियां उपलब्ध कराई गयी हैं.

वहीं पुलिस और प्रशासन ने फिल्म की रिलीज को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने का दावा किया है. दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद प्रशासन हाई अलर्ट पर है. राजधानी दिल्ली में थिएटरों के बाहर रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की गई है. वहीं गुरुग्राम में पहले ही धारा 144 लगा दी गई है.

24 जनवरी को पूरे देश में इस फिल्म के पेड प्रिव्यू के शोज भी रखे गए. जिसे देखने के बाद लोगों ने इस फिल्म की काफी सराहना करते हुए कहा कि उन्हें फिल्म कुछ भी आपत्तिजनक नहीं लगा. हालांकि इस फिल्म का नाम अलाउद्दीन खिलजी रखा जाता तो अच्छा था. फिल्म में रानी पद्मावती का किरदार निभा रहीं अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने कहा कि वे इस की रिलीज और लोगों की प्रतिक्रिया को लेकर काफी उत्साहित हैं. दीपिका ने अपने सभी क्रू सदस्यों की ओर से फिल्म का समर्थन करने वालों को शुक्रिया कहा.

महाराजा रावल रतन सिंह बने शाहिद कपूर ने बताया कि वे पद्मावत से पहले काफी घबराए हुए थे क्योंकि लोगों को फिल्म में उनके किरदार के बारे में बहुत कम पता था. शाहिद ने कहा कि ये फिल्म उनके लिए काफी खास है. ऐसा किरदार निभाना कठिन था और वे इसके लिए आभारी हैं. 'शाहिद ने कहा, हमने सब कुछ कर लिया है, अब फैसला करने की बारी दर्शकों की है.'

फिल्म पद्मावत का विरोध इस हद तक बढ़ गया है कि बुधवार को दिल्ली से सटे गुरुग्राम में उपद्रवियों ने पहले रोडवेज की एक बस को फूंक दिया. फिर सोहना रोड पर उपद्रवियों ने जीडी गोयनका स्कूल की बच्चों से भरी बस पर पथराव किया. बच्चों ने सीट के नीचे छिपकर अपनी जान बचाई. इस हमले का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें टीचर बच्चों को फर्श पर लेट कर बचने की सलाह दे रही है.
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