राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप की पहली सालगिरह पर शटडाउन, 'दिवालिया' होने के कगार पर अमेरिका
जनता जनार्दन डेस्क ,
Jan 20, 2018, 13:44 pm IST
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वाशिंगटनः राष्ट्रपति पद की शपथ लेने की पहली सालगिरह इस रूप में मनानी होगी, इस बारे में डोनाल्ड ट्रंप ने सोचा भी नहीं होगा. अमेरिकी सरकार बंदी की कगार पर आ गई है. पिछले पांच वर्षों में ऐसा पहली बार इसलिए हो रहा है क्योंकि सीनेटर्स ने सदन द्वारा पारित फंडिंग बिल को खारिज कर दिया है. इसी बिल के जरिए सरकार को 16 फरवरी तक की फंडिंग सुनिश्चित थी. फिलहाल अमेरिकी सरकार आधिकारिक तौर पर बंदी का सामना कर रही है.
'द हिल' के मुताबिक बिल को पारित करने के लिए 60 वोटों की जरूरत थी और उस संख्या के मुकाबले 48 सीनेटरों ने बिल के खिलाफ वोटिंग की है. केवल पांच डेमोक्रेटों ने बिल के पक्ष में मतदान किया है. डेमोक्रेट सीनेटर राजनीतिक खतरे का उल्लेख करते हुए स्टॉपगैप स्पेंडिंग पर रोक लगा चुके हैं. इसके बाद शनिवार सुबह कई सरकारी दफ्तर आधिकारिक तौर पर बंद रहे. इस बड़े आर्थिक संकट के बाद अमेरिका के कई सरकारी विभाग बंद करने पड़ेंगे और लाखों कर्मचारियों को बिना सैलरी के घर बैठना होगा. शटडाउन पर व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव साराह सैंडर्स ने कहा कि डेमोक्रट सांसदों ने राजनीति को राष्ट्रीय सुरक्षा और अमेरिकी हितों के ऊपर रखा है. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया है कि टैक्स कटौती और अमेरिका की बढ़ती अर्थव्यवस्था के खिलाफ डेमोक्रेट सीनेटर शटडाउन चाहते हैं. ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था शायद अब तक की सबसे अच्छी स्थिति में है और देश बेहतरीन काम कर रहा है. राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी का पहले साल पूरा होने के मौके पर ट्रंप ने कहा, 'आप नौकरी की संख्याओं को देखें या हमारे देश में वापस आने वाली कंपनियों को देखें, आप स्टॉक मार्केट को देखें जो सवार्धिक ऊंचाई पर है, बेरोजगारी पिछले 17 साल में सबसे निचले स्तर पर है.' जबकि सरकारी खर्चों को लेकर महत्वपूर्ण आर्थिक विधेयक पर संसद की मंजूरी नहीं मिलने से सरकार को 'शटडाउन' करना पड़ा है. सत्ताधारी रिपब्लिकन पार्टी के बहुमत वाली प्रतिनिधि सभा में तो यह बिल आसानी से पास हो गया, मगर सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत होने के बावजूद इसे पारित होने के लिए विपक्षी डेमोक्रेट के सहयोग की जरूरत थी. मगर सहयोग और समर्थन नहीं मिल सका. शुक्रवार मध्य रात्रि को सरकारी फंडिंग से जुड़े विधेयक को पास होने से रोकने के इस कदम के पीछे विपक्षी डेमोक्रेटिक की खास रणनीति बताई जा रही है, ताकि ट्रंप को अवैध अप्रवासियों से जुड़े इमिग्रेशन मामले में बैकफुट पर आने के लिए मजबूर किया जा सके. व्हाइट हाउस ने एक स्टेटमेंट में शट डाउन का ठीकरा डेमोक्रेट्स के सिर पर फोड़ते हुए उन्हें ‘लेजिस्लेटर्स’ नहीं ‘लूजर्स’ कहा. बता दें कि जिस विधेयक को ट्रंप पारित कराना चाह रहे थे, वह अमेरिका में संघीय सरकार को आर्थिक मंजूरी प्रदान करने वाला था. अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन प्रतिनिधि सभा ने तो इसे पारित कर दिया था, मगर ऊपरी सीनेट में पारित होने के दौरान बाधा आई. दरअसल इमीग्रेशन का मुद्दा अमेरिका में काफी समय से छाया हुआ है. विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी चाहती है कि उन सात लाख लोगों को निर्वासन से बचाया जाए, जो मैक्सिको और मध्य एशिया से अमेरिका में आए थे, इन सभी को ओबामा के कार्यकाल में अस्थाई कानूनी दर्जा मिला था. मगर रिपब्लिकन पार्टी और ट्रंप इससे असहमत हैं. बिल पारित होने के दौरान आई बाधाओं को लेकर ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ सीनेट से पारित कराने के लिए डेमोक्रेट की जरूरत है, लेकिन वे गैरकानूनी इमीग्रेशन और कमजोर सीमाएं चाहते हैं.” अमेरिका में सरकारी शटडाउन एक बहुत खराब स्थिति है. इसका असर आपातकाल से भी खराब है. शटडाउन के दौरान नौकरियों की बहुत बुरी स्थिति होती है. शटडाउन की घोषणा के बाद सिक्योरिटी सेक्टर छोड़कर बाकी जगहों के गैर-जरूरी संघीय कर्मियों को छुट्टी पर भेज दिया जाता है. वो भी अनपेड लीव पर. जिससे कर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. 1990 के बाद से अब तक पांच बार अमेरिका में शटडाउन की नौबत आ चुकी है. 1990 में जार्ज एच-डब्ल्यू बुश, 1995 में बिल क्लिंटल, 2013 में ओबामा और अब जाकर 20 जनवरी से ट्रंप के कार्यकाल में शटडाउन हुआ है. |
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