महात्मा गांधी- मानवता के महान दूतों में से एकः साबरमती आश्रम में बेंजामिन नेतन्याहू
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jan 17, 2018, 17:49 pm IST
Keywords: Mahatma Gandhi Humanity Great prophets Prophets of inspiration Israeli PM Benjamin Netanyahu Sabarmati Ashram बेंजामिन नेतन्याहू महात्मा गांधी मानवता के महान दूत साबरमती आश्रम
अहमदाबाद: यहूदियों के बारे में हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की राय चाहे जो रही हो, पर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम पहुंच कर सूत काता और महात्मा गांधी मानवता के महान दूतों में से एक बताया. बता दें कि नेतन्याहू 6 दिवसीय भारत दौरे पर हैं.
नेतन्याहू सुबह अहमदाबाद पहुंचे और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लगभग आठ किलोमीटर लंबे रोडशो में शामिल हुए. इससे पहले वह साबरमती आश्रम गए. गुजरात में मकर संक्रांति (उत्तरायण) के मौके पर लोकप्रिय पतंग महोत्सव आयोजित होता है. महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम में लंबा वक्ता बिताया था. बेंजामिन नेतन्याहू अपनी पत्नी सारा नेतन्याहू और पीएम नरेंद्र मोदी के साथ रोड शो करते हुए साबरमती आश्रम गए और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को स्मरण किया. इस दौरान नेतन्याहू ने महात्मा गांधी की तस्वीर पर सूत की माला चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. साथ ही उन्होंने गांधी जी का चरखा भी चलाया. पीएम मोदी की मौजूदगी में नेतन्याहू की तरफ से ये गर्मजोशी दिखी. लेकिन अतीत में जाने पर इजरायल और यहूदियों के प्रति महात्मा गांधी के विचार थोड़ा अलग नजर आते हैं. फिलिस्तीन को लेकर यहूदी समाज महात्मा गांधी के निशाने पर रहा है. हालांकि, यहूदियों पर हुए अत्याचार और उत्पीड़न की भी महात्मा गांधी ने आलोचना की है. 'हरिजन' में महात्मा गांधी का इस संबंध में लिखा गया लेख फिलीस्तीन के समर्थन में खड़ा नजर आता है. उन्होंने लिखा, 'अपने देश के लिए यहूदियों का विलाप मुझे ज्यादा प्रभावित नहीं करता है. क्योंकि फिलीस्तीन और अरब का ताल्लुक वैसा ही है, जैसा इंग्लैंड का इंग्लिश और फ्रांस का फ्रैंच से. इसलिए यहूदियों को अरबियों पर थोपना गलत और अमानवीय है.' महात्मा गांधी ने कहा है कि फिलिस्तीनी क्षेत्र में यहूदियों का दखल एक धार्मिक कृत्य के समान है जो ताकत का इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं देता है. उन्होंने लिखा, 'बाइबिल की अवधारणा वाला फिलिस्तीन भौगोलिक रूप से अलग है. वो उनके दिलों में है. इसलिए ब्रिटिश बंदूक के साथ वहां प्रवेश करना गलत है. एक धार्मिक कृत्य को हथियारों के आधार पर नहीं किया जा सकता.' हालांकि, महात्मा गांधी ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान यहूदियों पर हुए जुल्म को भी गलत ठहराया है और वो उनके समर्थन में खड़े आए हैं. लेकिन फिलीस्तीन के मुद्दे पर महात्मा गांधी ने हमेशा इजरायल की आलोचना की है. बेंजामिन नेतन्याहू साबरमती आश्रम पहुंचे तो उन्होंने महात्मा गांधी को मानवता के महान दूतों में से एक बताया. आश्रम की विजिटर बुक में नेतन्याहू और उनकी पत्नी सारा ने चार पंक्तियों का संदेश लिखा. उस पर दोनों ने हस्ताक्षर किए हैं. संदेश में अतिथि दंपति ने लिखा कि 'उनका यह दौरा प्ररेणादायक रहा.' कल रायसीना संवाद कार्यक्रम में नेतन्याहू ने कहा था कि कमजोर देश नहीं टिकते हैं, मजबूत ही टिकते हैं और मजबूत के साथ ही गठजोड़ किया जाता है. |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
हां
|
|
नहीं
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|