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संसद का शीतकालीन सत्र: विपक्ष का हंगामा, लोक सभा, राज्य सभा सोमवार तक के लिए स्थगित

संसद का शीतकालीन सत्र: विपक्ष का हंगामा, लोक सभा, राज्य सभा सोमवार तक के लिए स्थगित नई दिल्लीः संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन दोनों सदनों में गर्मागर्मी देखने को मिल रही है. विपक्ष ने शुक्रवार को राज्य सभा की कार्यवाही शुरू होते ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी और शरद यादव की सदस्यता खत्म करने के मुद्दे पर हंगामा किया.

कांग्रेस और विपक्षी सदस्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी की मांग कर रहे थे. हंगामे के चलते राज्य सभा की कार्यवाही को पहले 12 बजे तक और फिर दोपहर 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर पीएम मोदी की टिप्पणी से जुड़ा मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी सदस्यों ने एक गंभीर मामले पर नियम 267 के तहत कार्य स्थगन का प्रस्ताव दिया था. उन्होंने कहा, यह एक गंभीर मामला है। इससे सरकार ही नहीं विपक्ष भी चिंतित है.

उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व उपराष्ट्रपति, पूर्व सेना प्रमुख तथा कई राजनयिकों के खिलाफ गंभीर आरोप लगा है. आजाद ने कहा, '...पाकिस्तान के साथ साजिश करने का आरोप लगा है.' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात चुनाव के दौरान 10 दिसंबर को एक चुनावी रैली में यह आरोप लगाया था.

आजाद जब बोल रहे थे तो संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार और सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों ने उठकर विरोध जताना चाहा. किंतु विपक्षी सदस्यों की आपत्ति के बाद वे बैठ गए. आजाद ने कहा, 'यह कोई साधारण मामला नहीं है. इस मुद्दे पर जब विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया तो सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर विचार करने के बाद नियम 267 के तहत दिए गए नोटिस को अस्वीकार कर दिया. उन्होंने इसके बाद सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने को कहा. किंतु विपक्षी सदस्यों के हंगामा जारी रखने के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने संसद परिसर में मीडिया से मुखातिब होकर उम्मीद जताई है कि संसद में सकरात्मक बहस होगी जिससे देश को लाभ होगा. दूसरी तरफ विपक्ष ने भी अपने तेवर साफ कर दिए हैं.

कांग्रेस ने कहा है कि पीएम मोदी को गुजरात चुनाव में 'पाकिस्तान' का इस्तेमाल करने के मुद्दे पर संसद में सफाई देनी होगी. इस बीच आज मोदी कैबिनेट की बैठक भी होनी है, जिसमें तीन तलाक पर बिल को मंजूरी दी जाएगी. 5 जनवरी तक चलने वाले शीतकालीन सत्र में गुजरात और हिमाचल के चुनावी नतीजे सरकार और विपक्ष के तेवरों पर खासा असर डालेंगे.

सत्र के शांतिपूर्ण रहने की उम्मीद जताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'आम तौर पर दिवाली के साथ-साथ ठंड का मौसम शुरू हो जाता है, लेकिन ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेट चेंज के चलते ठंड अभी भी ठीक से नहीं आई है. हमारा विंटर सेशन आज से शुरू हो रहा है. 2017 में शुरू हो रहा सत्र 2018 तक चलेगा. इसमें सरकार के कई अहम कामकाज होंगे, जो दूरगामी प्रभाव पैदा करने वाले हैं. अच्छी बहस हो, सकरात्मक बहस हो. इनोवेटिव सुझावों के साथ बहस हो तो संसद के समय का उपयोग देश के लिए कारगर होगा. कल सर्वदलीय बैठक में भी तय हुआ कि देश को आगे बढ़ाने की दिशा में सदन का सत्र चलेगा. देश लाभान्वित होगा.'

प्रधानमंत्री ने विपक्ष से सहयोग की अपील की है, लेकिन कांग्रेस के तेवर आक्रामक हैं. कांग्रेस पहले ही आरोप लगा चुकी है कि सरकार ने सत्र में कटौती इसलिए की कि वह उसके तीखे आरोपों का असर गुजरात चुनाव पर नहीं पड़ने देना चाहती थी. इसके अलावा विपक्ष राफेल विमानों की खरीद, किसानों की बदहाली, गुजरात चुनाव प्रचार में पाकिस्तान को घसीटने और जीएसटी के सवाल पर सरकार को घेरने की तैयारी में है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने गुजरात चुनाव में 'पाकिस्तान' के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा. उन्होंने कहा, 'पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व उपराष्ट्रपति और नौकरशाहों पर गुजरात चुनाव के लिए पाकिस्तान के साथ साजिश का आरोप लगाया है. प्रधानमंत्री को संसद में इस पर सफाई जरूर देनी चाहिए.'

इस सत्र में कुल 14 कार्यदिवस होंगे. पहले दिन लोकसभा में दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद कार्यवाही स्थगित कर दी गई. गुजरात में अगर परिणाम बीजेपी के विरोध में आया तो पहले से ही हमलावर विपक्ष और आक्रामक हो सकता है, लेकिन अगर यह बीजेपी के पक्ष आया में तो सरकार विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों की अनदेखी कर सकती है.

विपक्ष के पास सरकार के घेरने के लिए कई मुद्दे हैं. राफेल लड़ाकू विमान को लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार 37 विमानों की खरीदारी काफी ऊंचे दामों पर कर रही है. यूपीए ने 526 करोड़ रुपये में एक विमान खरीदने का सौदा तय किया था जबकि एनडीए सरकार इसके लिए 1570 करोड़ रुपये देने पर राजी है. इसके अलावा जीएसटी को लेकर भी विपक्ष हमलावर रुख अपना सकता है. इसके अलावा कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी ने महिला आरक्षण बिल को पास कराने की बात कहकर कमजोर पड़ रहे एक जरूरी राष्ट्रीय अजेंडे की याद दिलाई है.

सरकार के सामने कई अहम बिलों को पास कराने की चुनौती भी है. इनमें प्रमुख हैं फाइनैंशल रेजॉलूशन ऐंड डिपॉजिट इंश्योरेंस (एफआरडीआई) बिल, इन्सॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड संशोधन बिल, फॉरेस्ट संशोधन बिल, नागरिकता संशोधन विधेयक 2016, मोटरवाहन संशोधन विधेयक 2016, ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिकार संरक्षण विधेयक आदि. सरकार की कोशिश होगी कि तीन तलाक से संबंधित बिल इसी सत्र में पेशकर उसे पारित कराया जाए. जीएसटी में हुए बदलाव को कानूनी जामा पहनाने के लिए संशोधन पेश किए जाएंगे.
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