हैप्पी बाल दिवस 2017: देश अपने पहले और सबसे प्रिय प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू को याद कर रहा
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Nov 14, 2017, 13:18 pm IST
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नई दिल्लीः भारत के पहले प्रधानमंत्री और बच्चों के चाचा नेहरू को आज बाल दिवस के मौके पर पूरा देश याद कर रहा है. भले ही वर्तमान में केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा सरकार और उसकी मशीनरी जानबूझकर देश के पहले प्रधानमंत्री के योगदान को अनदेखा करने की कोशिश कर रही है.
आज के दिन जहां कांग्रेस सेवादल ने इंडिया गेट से लेकर आईजीआई तक शांति मार्च निकाला, वहीं देश के सभी राज्यों में बाल दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. आजादी के बाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की 128वीं जयंती पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी व पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह समेत तमाम नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की. पंडित नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है और इस उपलक्ष्य में देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह व पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शांतिवन में नेहरू की समाधि पर श्रद्धांजलि दी. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी देश के लिए पंडित नेहरू के योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की. नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 में हुआ था. भारत में 14 नवंबर को बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इसी दिन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिवस भी मनाया जाता है. उन्हें सभी लोग चाचा नेहरू के नाम से जानते थे. नेहरू को बच्चों से काफी ज्यादा लगाव था, वे हमेशा बच्चों के साथ उनके बीच होते थे. बच्चों के प्रति उनके इसी प्यार और स्नेह के कारण भारत में उनके जन्मदिन को बाल दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा. पंडित नेहरू हमेशा बच्चों के प्रति प्यार और उन्हें महत्व देने की बात करते थे. वह कहते थे आज के बच्चे ही कल के भारत की नींव रखेंगे. जैसा हम उन्हें बड़ा करेंगे वैसा ही देश का भविष्य भी होगा. बाल दिवस के दिन स्कूलों, दफ्तरों और कई संस्थानों में कई तरह के आयोजन होते हैं. जिनमें बच्चे ही हिस्सा लेते हैं और अपने नाटक या कविता से चाचा नेहरू को याद करते हैं. राष्ट्रीय बाल दिवस पर होने वाले कार्यक्रमों में झंडे लेकर रैली निकालना, खेल प्रतियोगिताएं, गायन-नृत्य प्रतियोगिता और बच्चों को कई तरह के खिलौने और फल दिए जाते हैं. बाल दिवस पर जानिए चाचा नेहरू के जीवन से जुड़ी ये खास बातें 1. पंडित जवाहर लाल नेहरू ने एक विस्थापित कश्मीरी पंडित परिवार में जन्म लिया था. वह पेशे से वकील पंडित मोतीलाल नेहरू और हाउस वाइफ स्वरूप रानी के चार बच्चों में सबसे बड़े पुत्र थे. 2. जवाहर लाल नेहरू ने अपनी 16 साल तक की उम्र में अंग्रेजी की अच्छी खासी पढ़ाई कर ली थी. भारत की संस्कृति को जानने के लिए उन्होंने हिंदी और संस्कृत का भी संपूर्ण ज्ञान प्राप्त किया. इसके बाद 1905 में नेहरू अपनी आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चले गए. उन्होंने यहां तीन साल रहकर कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से नेचुरल साइंस में ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की. उन्होनें इसके बाद लंदन में 2 साल की उच्च शिक्षा प्राप्त कर बैरिस्टर बनने के लिए क्वालिफाई किया. 3. जवाहर लाल नेहरू ने 1916 में कमला नेहरू से शादी कर ली, इसके एक साल बाद उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया जिसका नाम इंदिरा प्रियदर्शनी था. 4. पंडित नेहरू का वकालत के प्रति भी काफी जुनून था. वह इसके लिए वकालत की प्रैक्टिस भी करते थे. लेकिन यह काफी कम समय के लिए ही था. इसके बाद जवाहर लाल नेहरू को महात्मा गांधी की बिना भय और नफरत के ब्रिटिश साम्राज्य के प्रति उनकी विचारधारा ने प्रभावित किया. 5. जवाहर लाल नेहरू लोगों के प्रधानमंत्री होने के साथ-साथ एक अच्छे राजनेता, बुद्धिजीवी और एक स्कॉलर थे. इसके अलावा वह उस दौर के सबसे लंबे कद के प्रधानमंत्री भी थे. उन्होंने अर्थव्यवस्था, विज्ञान, टेक्नॉलजी, अन्तरराष्ट्रीय संबंध और शिक्षा की बड़ी योजनाओं से देश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने का काम किया. वह बच्चों में काफी लोकप्रिय थे और बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कह कर पुकारते थे. पंडित नेहरू को प्रकृति और साहित्य से भी प्रेम था. वह इतिहास प्रेमी थे और उन्होंने कई किताबें लिखीं थीं. उनकी लोकप्रियता का आलम यह था कि जब वह अमेरिका दौरे पर गये तो वहां के राष्ट्रपति ने प्रोटोकाल तोड़कर उन्हें एयरपोर्ट पर रिसीव किया था. पंडित नेहरू पंचशील और गुट निरपेक्ष आंदोलन के जनक के तौर पर भी जाने जाते हैं और उनकी नीतियों ने दो ध्रुवीय विश्व को शांति के पथ पर चला कर भारत को सक्षम राष्ट्रों की कतार में लाकर खड़ा किया था. |
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