फिलीपींस में पीएम मोदी को याद रहा बनारस, आईआरआरआई के दौरे में की किसानों की बात

फिलीपींस में पीएम मोदी को याद रहा बनारस, आईआरआरआई के दौरे में की किसानों की बात मनीलाः मनीला में 31वें आसियान सम्मेलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टिट्यूट का दौरा किया. फिलीपींस रे लॉस बानोस में स्थित इस रिसर्च इंस्टिट्यूट में रिजिल्यन्ट राइस फील्ड लैबोरेटरी का शुभारंभ भी किया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर रिचर्स फील्ड में फावड़े से मिट्टी की खुदाई भी की.

विश्व के इस प्रसिद्ध संस्थान में वैज्ञानिकों के सामने उन्‍होंने खाने की कमी और चावल के बीज की बेहतर गुणवत्ता के विकास पर काम पर काम करने पर जोर दि‍या. उन्‍होंने आगे कहा कि बड़ी संख्‍या में भारतीय वैज्ञानिक, लोस बानोस के अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) में काम कर रहे हैं.

आईआरआरआई के कई वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री को बाढ़ प्रभावि‍त इलाकों में चावल की कई कि‍स्‍मों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि यह कि‍स्‍म 14 से 18 दिनों तक बाढ़ में खड़ी रह सकती है. इतना ही नहीं बाढ़ प्रभावि‍त इलाकों में यह कि‍स्‍म प्रति हेक्टेयर 1-3 टन अधिक चावल पैदा कर सकती हैं.

भारत सरकार प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में आईआरआरआई का एक सेंटर स्थापित कर रही है. जो कि चावल की उच्च उपज विकसित करने के लिए काम करेगा. पहले ही आईआरआरआई के 17 देशों में कार्यालय हैं.

बता दें कि‍, आईआरआरआई को चावल की किस्मों के विकास में अपने काम के लिए जाना जाता है. इसने 1960 केदशक में हरित क्रांति में भी योगदान दिया था.

इस दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया कि‍, "वाराणसी केंद्र चावल की उत्पादकता को बढ़ाने, उत्पादन की लागत कम करने, किसानों के कौशल की गुणवत्ता को बढ़ाने और किसानों की आय बढ़ाने के लि‍ए काम करेगा.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि आईआरआरआई ने भारत में कृषि क्षेत्र में सफलतापूर्वक सहयोग कि‍या है. इस दौरान आईआरआरआई ने बाढ़ और सूखे वाले इलाके काफी काम कि‍या है, जि‍ससे कि‍सानों को फायदा हुआ है. उन्होंने कहा कि आईआरआरआई और उसके साझेदारों ने ओडिशा में 2,00,000 महिला किसानों की सहायता की है. इसके लि‍ए उन्‍होंने कैपेसि‍टी बि‍ल्‍डिंग प्रोग्राम और कृषि तकनीक के कार्यक्रम भी चलाए थे.

प्रधानमंत्री ने यहां पर एक फोटो प्रदर्शनी को भी देखा. जिसमें धान की खेती, वाराणसी में खुलने वाले सेंटर आदि के बारे में विस्तार से बताया गया था. पीएम ने इस दौरान आईआरआरआई में कार्यरत कई भारतीय विज्ञानिकों से भी बातचीत की.

इसके पहले 31वें आसियान समिट की मनीला में औपचारिक शुरुआत हुई. मोदी सहित अन्य वैश्विक नेता इस सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं.

इससे पहले भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका व जापान के अधिकारियों ने एशिया प्रशांत क्षेत्र में प्रस्तावित चार-पक्षीय गठजोड़ के तहत सुरक्षा सहयोग को आकार देते हुए पहली आधिकारिक बैठक की है, जिसमें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण भारत-प्रशांत क्षेत्र (इंडो-पैसेफिक) को मुक्त, खुला और समावेशी बनाने एवं साझा हितों को बढ़ावा देने से जुड़े मुद्दों पर गहन चर्चा की गई. इस रणनीतिक क्षेत्र में चीन अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है.

बैठक के बाद इसमें शामिल सभी चार देशों ने अपने अपने बयान जारी किये, जिसमें भारत-प्रशान्त महासागरीय क्षेत्र पर चर्चा को प्रमुख रूप से शामिल किया गया और सभी देशों ने नियम आधारित आदेश को बरकरार रखने और क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान सुनिश्चित करने के लिए काम करने का संकल्प जताया. यह बैठक आसियान सम्मेलन से पहले आयोजित की गई, मंगलवार से शुरू होने वाले आसियान सम्मेलन में भारत-प्रशांत क्षेत्र और दक्षिण-चीन सागर में चीन के सैन्य विस्तार की चुनौतियों के बारे में भी चर्चा की जा सकती है.

इस बैठक को इन चारों देशों के बीच चार-पक्षीय सुरक्षा वार्ता व्यवस्था शुरू करने की दिशा में पहले कदम के रूप में देखा जा रहा है. अधिकारियों ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में उभरते सुरक्षा परिदृश्य के अलावा आतंकवाद तथा अन्य सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के उपायों पर भी चर्चा की.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बातचीत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिये एक-दूसरे से संबद्ध दृष्टिकोण और मूल्यों पर आधारित सहयोग पर केंद्रित रही. मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘वे इस बात पर सहमत हुए कि मुक्त, खुला, समृद्ध और समावेशी भारत-प्रशांत क्षेत्र, क्षेत्र के देशों और कुल मिलाकर दुनिया के लिये दीर्घकालीन हितों को पूरा करता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आसियान की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित डिनर के दौरान नेताओं के परस्पर मेल मिलाप के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग से अलग-अलग संक्षिप्त मुलाकातें कीं. आसियान के 31वें शिखर सम्मेलन व इससे संबंधित अन्य बैठकों में भाग लेने यहां आये मोदी नेताओं के स्वागतकक्ष में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे, रूस के प्रधानमंत्री दमित्रि मेदवेदेव और मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजक से भी बातचीत करते देखे गये.

फिलीपींस के राष्ट्रपति रॉड्रिगो दुतेर्ते द्वारा यहां पासाय सिटी के भव्य एसएमएक्स कंवेंशन सेंटर में आयोजित स्वागत समारोह के दौरान उन्होंने कई अन्य नेताओं के साथ बातचीत की. प्रधानमंत्री मोदी समेत अन्य नेता भी फिलीपींस का राष्ट्रीय पहनावा बारोंग तागालोंग पहने दिखाई दिये. फिलीपींस के प्रख्यात डिजायनर अलबर्ट अंद्रादा ने इन कढ़ाईदार कमीजों को डिजायन किया है.
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