एपेक में भारत की सदस्यता की वकालत कर सकते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

एपेक में भारत की सदस्यता की वकालत कर सकते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वाशिंगटनः दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं और एशियाई अर्थव्यवस्था में भारत की मजबूत पहचान स्थापित करने को लेकर अगले सप्ताह अच्छी खबर मिल सकती है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले सप्ताह मनीला में आयोजित होने वाली एशिया पैसिफिक इकोनॉमिक कोऑपरेशन (एपेक) शिखर सम्मेलन में भारत को एपेक का 21वां सदस्य बनाए जाने का पुरजोर समर्थन कर सकते हैं.

एपेक का अगला समिट अगले सप्ताह मनीला में होने वाला है, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी भी शिरकत करेंगे. इस बीच अमेरिका खुफिया एजेंसी सीआईए के चीन विशेषज्ञ ने संकेत दिया है कि इस समिट में ट्रंप भारत को एपेक का सदस्य बनाए जाने पर जोर डालेंगे.

सीआईए के अनुसार भारत को एपेक का सदस्य बनाने को लेकर अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच पिछले कुछ समय से इस पर विचार-विमर्श चल रहा है. सीआईए के विशेषज्ञ ने ट्रंप और नरेंद्र मोदी के बीच अच्छे दोस्ताना रिश्ते की बात कही और यह पहली बार है जब एपेक के मंच पर ट्रंप ने मोदी की खुलकर तारीफ की है.

ट्रंप अगर भारत को एपेक का सदस्य बनाए जाने पर डोर डालते हैं तो यह भारतीय अर्थव्यवस्था को बूस्ट देने वाला और एशिया की अर्थव्यवस्था में भारत को मजबूत हस्तक्षेप प्रदान करने वाला साबित होगा. इससे भारत और चीन के बीच संबंधों में बेहतर नियंत्रण भी स्थापित होगा.

सीआईए के चीन विशेषज्ञ डेनिस वाइल्डर के मुताबिक, "ट्रंप का यह कदम एशिया क्षेत्र में भारत की मजबूत उपस्थिति सुनिश्चित करने की अमेरिका की रणनीति को अमली जामा पहनाने जैसा होगा और इससे भारत को अपने सबसे कड़े प्रतिद्वंद्वी चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाएगा."
वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल