अखिलेश सपा के निर्विरोध अध्यक्ष बने, पार्टी के अधिवेशन में नहीं पहुंचे मुलायम
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Oct 05, 2017, 17:58 pm IST
Keywords: Akhilesh Yadav SP Samajwadi Party SP Leader SP CDL Samajwadi Party Akhilesh yadav SP president selected Akhilesh yadav Akhilesh yadav UP Ex CM सपा अखिलेश यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष
आगरा: समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन गुरुवार को आगरा में हुआ। इसमें पार्टी का निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। अखिलेश ने अधिवेशन में आने का न्योता दिया था, लेकिन वे नहीं पहुंचे। पहले खबरें आ रही थी कि वे पहुंच सकते हैं। अखिलेश को अगले 5 साल के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। अधिवेशन में देश भर से करीब 15 हजार पार्टी डेलिगेट्स हिस्सा ले रहे हैं। 10 महीने बाद फिर अखिलेश के नाम पर मुहर...
सपा अध्यक्ष पद पर अखिलेश के नाम पर दोबारा मुहर 10 महीने बाद लगी है। अखिलेश पहली बार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एक जनवरी 2017 को बने थे। तब सपा महासचिव रामगोपाल यादव द्वारा बुलाए गए राष्ट्रीय अधिवेशन में मुलायम सिंह को सपा के संरक्षक की भूमिका दी गई थी। वहीं, झगड़े की जड़ माने जा रहे राष्ट्रीय महासचिव को पार्टी से निकाल दिया गया था, जबकि शिवपाल यादव को सपा के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था।
- इससे पहले, 4 नवंबर 1992 को जब समाजवादी पार्टी की स्थापना हुई थी, उस वक्त से ही मुलायम सिंह सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।
अखिलेश, डिंपल बुधवार से ही आगरा में
- अधिवेशन में हिस्सा लेने के लिए अखिलेश यादव और डिंपल यादव बुधवार को आगरा पहुंचे थे, जबकि रामगोपाल 3 अक्टूबर को ही पहुंच गए थे।
- 28 सितंबर को मुलायम सिंह से मिलकर अखिलेश ने उन्हें आगरा के राष्ट्रीय अधिवेशन में आने का न्योता दिया था, लेकिन अधिवेशन में मुलायम नहीं पहुंचे।
- पहले खबरें आई थीं कि एक कारोबारी दोस्त से मुलायम सिंह ने अधिवेशन में जाने के लिए चार्टर्ड प्लेन मांगा था। वहीं, बुधवार को अखिलेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, ''मैंने नेताजी से आशीर्वाद मांगा है, मैं चाहता हूं वो आगरा आएं।''
मुलायम ने आगरा चलने को कहा, शिवपाल ने किया इनकार
- बुधवार को शिवपाल ने मुलायम से मुलाकात की थी। सूत्रों के मुताबिक, मुलायम ने ही शिवपाल को अपने आवास पर बुलाया था। नेता जी ने शिवपाल से अधिवेशन में चलने को कहा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। कहा ये भी जा रहा है कि नाराज चल रहे शिवपाल ने लोहिया ट्रस्ट से भी इस्तीफे की पेशकश की है।
- इस बीच, मुलायम ने शिवपाल से कहा है कि वो उन्हें पार्टी में महासचिव की कुर्सी दिला देंगे और वे दिल्ली में पार्टी का काम देखेंगे, लेकिन शिवपाल ने इससे इनकार कर दिया है। - इससे पहले इटावा में गांधी जयंती पर पार्टी ने रैली निकाली थी, लेकिन शिवपाल इसमें भी शामिल नहीं हुए थे। जबकि शिवपाल पिछले 7 साल से इस रैली में शामिल होते आए हैं। नई पार्टी का एलान करना था, ऐन वक्त पर पलटे मुलायम
- बता दें कि 25 सितंबर को मुलायम सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था। इसमें उन्हें समाजवादी पार्टी से अलग होकर नई पार्टी बनाने का एलान करना था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में नई पार्टी बनाने वाले प्रेस नोट को पढ़ा ही नहीं। इसके उलट उन्होंने कहा कि मैं कोई नई पार्टी नहीं बना रहा हूं। इससे पहले खबरें आई थीं कि मुलायम अखिल भारतीय समाजवादी पार्टी का एलान कर सकते हैं। - बता दें कि समाजवादी पार्टी में फूट के बाद दो गुट बन गए हैं। एक गुट मुलायम और उनके छोटे भाई शिवपाल यादव का है, तो दूसरा गुट अखिलेश और मुलायम के चचेरे भाई रामगोपाल यादव का है। 15 महीने से चल रहा है यादव परिवार में झगड़ा
- करीब डेढ़ साल से यादव परिवार में कलह चल रही है। अखिलेश और रामगोपाल एक तरफ हैं तो शिवपाल और मुलायम दूसरी तरफ। - मुलायम शिवपाल के साथ खड़े दिखते हैं। लेकिन जानकारों का कहना है कि कहीं ना कहीं यह विवाद मुलायम की शह पर ही बढ़ता चला गया। - कुछ दिनों पहले ही शिवपाल के कहने के बावजूद मुलायम ने नई पार्टी बनाने का एलान नहीं किया था। बताया जाता है कि इसके बाद से ही शिवपाल अलग मोर्चा या पार्टी बनाने की तैयारी कर रहे हैं। |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
हां
|
|
नहीं
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|
सप्ताह की सबसे चर्चित खबर / लेख
|