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यह देश की मन की बात है,मेरे मन की बात नहीं है: पीएम

जनता जनार्दन संवाददाता , Sep 24, 2017, 12:12 pm IST
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यह देश की मन की बात है,मेरे मन की बात नहीं है: पीएम  नई दिल्ली: अपने रेडियो कार्यक्रम के जरिये लोगों को संबोधित किया. उन्होंने एक बार फिर स्वच्छता अभियान, देश में पर्यटन और खादी उद्योग पर अपनी बात जोरदार ढंग से रखी. उन्होंने लोगों का से जुड़ने के लिए धन्यवाद दिया और खादी को जुड़ने के लिए आभार जताया. उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि वह विदेश में घूमने जाएं लेकिन अगर देश में पहले घूमें तो ठीक होगा. उन्होंने कहा कि देश में ऐसी बहुत से जगह हैं जहां के बारे में लोग बिल्कुल नहीं जानते हैं. ऐसा करने से उनका व्यक्तित्व विकास भी होगा. 

यह देश की मन की बात है, मेरे मन की बात नहीं है
अपनी बात रखते हुए पीएम ने सबसे पहले बताया कि यह 36वां एपिसोड है. यह कार्यक्रम देश की सकारात्मक शक्ति से जुड़ने का अवसर दिया है. उन्होंने कहा कि यह देश की मन की बात है, मेरे मन की बात नहीं है. उन्होंने कहा कि मुझे लोगों के सुझाव का खजाना मिलता है. उन्होंंने कहा कि कई बातें मुझे प्रेरणा देती है. कई सुझाव होते हैं. उन्होंने कहा कि लोग अपनी बात मुझ तक पहुंचाते हैं. देश के कोने कोने से यह बात मुझतक पहुंचती है. तीन साल की यह यात्रा पूरी हो गई है. उन्होंने कहा कि मन की बात को राजनीति से दूर रखा है. 

अन्न बचाने के प्रयास में कई लोग पहले से लगे हैं
उन्होंने कहा कि तीन साल बाद समाज के अलग अलग क्षेत्र से जुड़े लोग इसका आकलन करेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि अन्न बचाने के प्रयास में कई लोग पहले से लगे हैं. उन्होंने कहा कि मैंने महाराष्ट्र के चंद्रकांत कुलकर्णी की बात कही थी. उन्होंने स्वच्छता के लिए अपनी पेंशन दे दी. हरियाणा के सरपंच की एक तस्वीर पर सेल्फी विद डॉटर एक मुहिम बनी. 

खादी के प्रति लोगों में रुचि बनी है
उन्होंने कहा कि टूरिज्म क्षेत्र के लिए लोगों से तस्वीरें मांगी. इतनी तस्वीरें आईं कि भंडार बन गया. खादी के प्रति लोगों में रुचि बनी है. उन्होंने कहा कि लोगों से मैंने खादी का उपयोग करने के लिए लोगों ने इसका सम्मान किया. खादी की बिक्री बढ़ी है. इससे गरीब के घर में रोजगार पहुंचा. 2 अक्टूबर से खादी में रियायद मिलती है. इसे आगे बढ़ाना चाहिए. खादी खरीदकर गरीब के घर में दिया जलाएं. 

बड़े बड़े कॉपोरेट हाउस भी खादी का प्रयोग कर रहे हैं
उन्होंने कहा कि खादी की बिक्री बढ़ने से इस दिशा में लगे लोगों में उत्साह जागा है. नई तकनीक तलाशी जा रही है. वाराणसी में बंद पड़ा खादी का कारखान फिर शुरू हुआ है. बड़े बड़े कॉपोरेट हाउस भी खादी का प्रयोग कर रहे हैं. लोगों को गिफ्ट खादी के दे रहे हैं.

संकल्प से सिद्धी हो रही है. हर कोई इसे स्वीकारता है
उन्होंने कहा कि मन की बात में लोगों ने संकल्प लिया था. गांधी जयंती से पहले 15 दिन देश में स्वच्छता अभियान से जुड़ेंगे. आज हर कोई से अभियान का हिस्सा बन रहा है. संकल्प से सिद्धी हो रही है. हर कोई इसे स्वीकारता है. राष्ट्रपति भी इस मुहिम से जुड़े हैं. 

अब लोग टोकते हैं. गंदगी होने नहीं दे रहे हैं
सार्वजनिक स्थान पर सफाई का खास ख्याल रखा जा रहा है, अब लोग टोकते हैं. गंदगी होने नहीं दे रहे हैं. स्वच्छता को स्वभाग बनाना है. ढाई करोड़ बच्चों ने स्वच्छता से जुड़ी मुहिम में हिस्सा लिया. पेंटिंग, निबंध आदि में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि मीडिया के लोगों ने इस अभियान को आगे बढ़ाया है . 

श्रीनगर नगर निगम ने उनसे अपना एंबेसेडर बनाया है
उन्होंने कश्मीर के बिलाल डार की बात कही. बताया कि वह इससे स्वच्छता के साथ साथ आजीविका कमा रहा है. श्रीनगर नगर निगम ने उनसे अपना एंबेसेडर बनाया है. उन्होंने कहा कि निगम से उसे गाड़ी दी है, टेलिफोन दिया है. वह सफाई के काम में लगा है. डार बधाई के पात्र हैं.

महात्मा गांधी से लेकर सरदार पटेल तक अक्टूबर में जन्म लिया. इन नेताओं ने देश के लिए कष्ट झेले हैं. सभी महापुरुषों का केंद्र बिंदू था. देश के लिए कुछ करना. मात्र उपदेश ही नहीं अपने जीवन के द्वारा उन्होंने कुछ कर के दिखलाया. कई महापुरुष सत्ता के गलियारों से दूर रहे हैं और सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय में लगे रहे. नाना जी देशमुख ने राजनीति छोड़कर लोगों की सेवा की. दीन दयाल जी भी समाज के अाखिरी व्यक्ति के जीवन में  बदलाव के लिए प्रयासरत थे. 

टूरिज्म में वैल्यू एडिशन तब होगा जब हम विद्यार्थी के तौर पर घूमें
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब मौसम है कि लोग घूमने निकलते हैं. हमारे देश में कई लोग विदेशों में ही घूमने जाते हैं. उन्होंने कहा कि हमारा देश विविधताओं से भरा हुआ है. आप विदेश जाएं ठीक है, लेकिन भारत में देखने के लिए बहुत कुछ हैं. पहले आप देश को समझ लें. देश के महापुरुषों ने पहले देश को घूमा, उसे समझा. टूरिज्म में वैल्यू एडिशन तब होगा जब हम विद्यार्थी के तौर पर घूमें. उन्होंने कहा कि 500 से ज्यादा जिलों में मैं गया हूं. 450 से ज्यादा में तो मैं रुका. 

अक्टूबर से मार्च तक के समय में देश  के टूरिज्म को बढ़ाने में अपना सहयोग दें
एक भारत श्रेष्ठ भारत का सपना इसमें निहित है. उन्होंने कहा कि अलग अलग जगह अलग अलग खानपान है. भारत को अपने भीतर आत्मसात कीजिए. इन अनुभवों से आपका जीवन समृद्ध होगा. अक्टूबर से मार्च का समय पर्यटन का होता है. 
पीएम ने कहा कि लोग अपनी पसंद के सात जगहों के बारे में बताएं. भारत सरकार उसपर काम करेगी. अक्टूबर से मार्च तक के समय में देश  के टूरिज्म को बढ़ाने में अपना सहयोग दें.
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