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फिल्म रिव्यू: डैडी

फिल्म रिव्यू: डैडी मुंबई: हॉलीवुड हो या बॉलीवुड, जब भी किसी गैंगस्टर या माफिया की बायोपिक बनाई जाती है, कहीं ना कहीं उस व्यक्ति का महिमामंडन किया ही जाता है. यह दिखाने की कोशिश जरूर की जाती है कि वो व्यक्ति गलत नहीं था, उसकी परिस्थितियां ऐसी थीं.

अर्जुन रामपाल की फिल्म 'डैडी' इस कोशिश का अपवाद नहीं है. एक मिल मजदूर का बेटा जो पहले एक गैंगस्टर और फिर एक पॉलिटिशियन के रूप में उभरता है, दरअसल परिस्थितियों का मारा है. उसके गैंगस्टर बनने की असली वजह उसकी गरीबी थी, ऐसा इस फिल्म के माध्यम से दिखाया गया है.

कहानी: 2.5 स्टार

किसी भी बायोपिक में कहानी से ज्यादा वजन उसे दिखाने के तरीके में होता है.

70 और 80 के दशक में मुंबई के भायखला एरिया में अरुण गुलाब गावली के एक अंडरवर्ल्ड डॉन के रूप में उभरने की कहानी है 'डैडी'.

अरुण गावली कैसे अंडरवर्ल्ड में आया, उसने कितने खून किए, किस तरह से वो राजनीति में आया और कैसे जेल गया, जितनी ईमानदारी से दिखाया जा सकता था, दिखाया गया है.

दाउद इब्राहिम से उसके रिश्ते, BRA गैंग की स्थापना और उस दौर का मुंबई एक कहानी के रूप में देखना एक अच्छा अनुभव है.

फिल्म में बहुत हिंसा है, खून-खराबा है और इसे हकीकत के करीब रखने की कोशिश है.

एक पुलिस इंस्पेक्टर और गावली से जुड़े लोगों की जबानी पूरी फिल्म की कहानी सुनाई गई है. इन लोगों के बयानों और किस्सों के माध्यम से ही अरुण गावली की जिंदगी के टुकड़ों को एक साथ पिरोया गया है.

एक अच्छी कोशिश के लिए फिल्म की कहानी को हम 2.5 स्टार दे रहे हैं.

एक्टिंग: 3 स्टार

अरुण गावली के रोल में अर्जुन रामपाल के इस रोल को उनका बेस्ट रोल माना जा सकता है. किरदार में घुसने की उनकी कोशिश रंग लाई है. साथ ही उन्होंने उस दौर और परिवेश के हाव-भावों को भी अच्छे से निभाया है. उनकी पत्नी जुबैदा के रोल में ऐश्वर्या फिट तो बैठी हैं, लेकिन एक्टिंग के मामले से वो जरा कच्ची नजर आई.

फिल्म में एक सरप्राइज है दाउद इब्राहिम के किरदार में. मुंह में सिगार दबाए, फोल्डेन फ्रेम के चश्मे और मूंछों में फरहान अख्तर अपनी आवाज की वजह से अटपटे से लगते हैं.

एक्टिंग के लिए फिल्म को हम 3 स्टार दे रहे हैं.

सिनेमाटोग्राफी: 3 स्टार

जैसा कि हमने पहले भी कहा, फिल्म में बहुत खून-खराबा है. अंडरवर्ल्ड से जुड़ी होने की वजह से यह राम गोपाल वर्मा की फिल्मों जैसी फील भी देती है. अंधेरे कमरे, पीली रौशनी वाले बल्ब और सीपिया टोन इस फिल्म को 70 और 80 के दशक का एहसास देते हैं. इसके लिए हम फिल्म को 3 स्टार देते हैं.

कुल मिलाकर: 3 स्टार

फिल्म 'डैडी' एक अंडरवर्ल्ड डॉन की कहानी है जो अपने लोगों के लिए रॉबिन हुड बन गया था. गावली के किरदार को पहली बार एक फिल्म के रूप में देखना रोचक होगा.

हालांकि अगर आप एक हल्की-फुल्की फैमिली ड्रामा देखने के मूड में हैं तो यह वायलेंट बायोपिक ड्रामा आपके विचलित कर सकता है.

लेकिन अगर आप अंडरवर्ल्ड से जुड़ी माफिया फिल्मों के शौकीन नहीं भी हैं, तो भी यह फिल्म आपको बांधे रखेगी. कुल मिलाकर हम इस फिल्म को 3 स्टार दे रहे हैं
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