सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी फोर्टिस हेल्थकेयर के गिरवी शेयर बेचने की इजाजत

सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी फोर्टिस हेल्थकेयर के गिरवी शेयर बेचने की इजाजत नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने फोर्टिस हेल्थकेयर में उन शेयरों को बेचने की इजाजत देने से बना कर दिया है, जिन्हें बैंकों और दूसरे लेंडर्स के पास पहले ही गिरवी रखा जा चुका है। यह प्रमोटरों मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह के लिए बड़ा झटका है, जो शेयर बेचकर कर्ज घटाने की कोशिश कर रहे हैं। कोर्ट ने साफ किया है कि प्रमोटरों की कंपनियों को इस हॉस्पिटल ग्रुप में गिरवी और बिना गिरवी, दोनों तरह के शेयरों के बारे में यथास्थिति बनाए रखनी होगी।

घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक वकील ने ईटी को बताया कि इसका अर्थ यह हुआ कि बैंक और दूसरे फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस उनके पास गिरवी रखे गए फोर्टिस हेल्थकेयर के शेयरों को कोर्ट के अगले आदेश तक बेच नहीं सकेंगे।

इस मामले में फैसले के लिए 31 अक्टूबर की तारीख तय की गई है। कोर्ट का यह निर्णय आने के बाद गुरुवार को बीएसई पर फोर्टिस हेल्थकेयर का शेयर इंट्राडे में 5.80 पर्सेंट तक गिर गया था। बाद में पिछले दिन के मुकाबले 5.12 पर्सेंट की गिरावट के साथ यह 146.40 रुपये पर बंद हुआ।

सिंह ब्रदर्स के कंट्रोल वाली कंपनियों आरएचसी होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड और ऑस्कर इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने का अनुरोध किया था कि उसका 11 अगस्त का आदेश फोर्टिस हेल्थकेयर के गिरवी रखे शेयरों पर भी लागू होगा या नहीं। सिंह परिवार की एक प्रमोटर फर्म फोर्टिस हेल्थकेयर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड ने 14 अगस्त को इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस के पास करीब 30.59 लाख शेयर गिरवी रखे थे, जो टोटल इक्विटी का 0.59 पर्सेंट हिस्सा है। यह बात स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कंपनी ने बताई थी। एफएचएचपीएल पर आरएचसी और ऑस्कर का संयुक्त मालिकाना हक है।

11 अगस्त के आदेश में कंपनियों को फोर्टिस हेल्थकेयर में एफएचएचपीएल की शेयरहोल्डिंग के बारे में 'यथास्थिति' बनाए रखने का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने वह आदेश तब दिया था, जब दाइची सैंक्यो ने हॉस्पिटल चेन में स्टेक सेल रोकने के लिए कोर्ट से गुहार लगाई थी। दाइची ने दावा किया था कि स्टेक सेल से उन एसेट्स की वैल्यू घट जाएगी, जिन्हें वह एक ऑबिट्रेशन अवॉर्ड के तहत सिंह ब्रदर्स से रिकवर करना चाहती है।

एक्सिस बैंक और यस बैंक ने भी उनके पास गिरवी रखे गए फोर्टिस के शेयरों को बेचने की इजाजत कोर्ट से मांगी थी ताकि वे दिए गए कर्ज को रिकवर कर सकें।

कोर्ट ने बैंकों को इन शेयरों को बेचने की इजाजत देने का आदेश देने से मना कर दिया और कहा कि 11 अगस्त का उसका आदेश गिरवी रखे गए शेयरों पर भी लागू होता है।

दाइची के वकीलों और आरएचसी ने ईटी के सवालों के जवाब नहीं दिए।
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