वेंकैया नायडू की पाकिस्तान को धमकी, याद करो 1971 में क्या हुआ था

वेंकैया नायडू की पाकिस्तान को धमकी, याद करो 1971 में क्या हुआ था नई दिल्लीः पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की तरफ से उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार वेंकैया नायडू ने आज पड़ोसी देश पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा. नायडू ने आज पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने को लेकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देना चाहिए.

उन्होंने कहा, “हमारे पड़ोसी को यह समझना चाहिए कि आतंकवाद को बढ़ावा देने से उसे कोई मदद नहीं मिलेगी.” नायडू ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को 1971 का युद्ध भूलना नहीं चाहिए. नायडू ने आज “कारगिल पराक्रम परेड” के दौरान यह बात कही.

नायडू ने आतंकवाद को मानवता का दुश्मन बताया और कहा कि इसका कोई मजहब नहीं होता. उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि पाकिस्तान ने यह पॉलिसी (आतंकवाद) अपना ली है. पाकिस्तान को याद रखना चाहिए कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और उसका एक इंच भी, यहां तक कि उनके कब्जे वाला कश्मीर भी किसी को लेने नहीं दिया जाएगा."

नायडू ने कहा, 'हम शांतिप्रिय लोग हैं, हमने कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया और यह हमारी विशेषता है. हम युद्ध नहीं चाहते, हम टकराव नहीं चाहते, हम हिंसा नहीं चाहते. हम शांति चाहते हैं, हम पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध भी चाहते हैं लेकिन उन्हें भी ऐसा करना होगा. अगर हम परवार होता है तो हमारे जवान मुंहतोड़ जवाब देते हैं.”   

बता दें पाकिस्तान ने 21 जुलाई को जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए भारत की चौकियों पर गोलीबारी की.

गोलाबारी में सेना का एक जवान शहीद हो गया था. इस महीने पाकिस्तान ने 18 बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया है जिसमें नौ जवानों समेत 11 लोगों की मौत हो गई और 18 लोग घायल हुए हैं.

संघर्षविराम का उल्लंघन पर रक्षा प्रवक्ता ने बताया था, "पाकिस्तान ने शाम करीब छह बजे सुंदरबनी सेक्टर में भारतीय सेना की चौकियों पर बिना उकसावे के गोलीबारी की. सेना ने मजबूती और प्रभावी तरीके से इसका जवाब दिया."

पाकिस्तान की तरफ से लगातार सीज फायर का उल्लंघन हो रहा है. साथ ही घुसपैठ की भी कई  वारदात लगातार सामने आ रही हैं. 8 और 9 जुलाई को भी पुंछ सेक्टर में पाकिस्तानी सेना ने सीजफायर का उल्लंघन किया था. वहीं 18 जुलाई को ही गुरेज सेक्टर में भी सेना ने घुसपैठ की एक कोशिश नाकाम करते हुए दो आतंकियों को मार गिराया था.

1971 में जब देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी, तब भारत और पाकिस्तान के बीच जंग हुई थी. पूर्वी पाकिस्तान की आजादी की लड़ाई के दौरान 3 दिसंबर 1971 को भारत-पाक जंग की शुरुआत हुई. यह युद्ध महज 13 दिनों तक चला था.

इस युद्ध में पाकिस्तान की करारी हार हुई थी और उसके सैनिकों को भारतीय सेना के सामने सरेंडर करना पड़ा था. इस युद्ध के परिणाम के तौर पर दुनैया का न केवल इतिहास बल्कि भूगोल भी बदल गया था और बांग्लादेश के रूप में नए देश का जन्म हुआ था.
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