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संघ परिवार के पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को क्रास वोटिंग के बाद भी मिले सबसे कम वोट शेयर

संघ परिवार के पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को क्रास वोटिंग के बाद भी मिले सबसे कम वोट शेयर नई दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से ताल्लुक रखने वाले रामनाथ कोविंद चुनाव जीत कर देश के 14वें राष्ट्रपति होंगे. अखबार उनकी जीत और भाजपा के रणनीतिकारों की तारीफ से भरे हैं, पर कुछ तथ्य ऐसे हैं, जो चौंकाते हैं. इस बार राष्ट्रपति के चुनाव में पिछले 65 साल में सबसे ज्यादा 99% वोटिंग हुई थी. इतनी बड़ी वोटिंग के बावजूद एनडीए कैंडिडेट कोविंद को केवल 65.65% वोट मिले.

अखबार लिख रहे हैं कि यह मत प्रतिशत विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को मिले वोटों से दोगुना है, पर वह यह नहीं बता रहे कि मीरा को अबतक जहां राष्ट्रपति चुनाव में हारे हुए सभी प्रत्याशियों से अधिक वोट मिले हैं, वहीं कोविंद को मिले वोट पिछले 43 साल में किसी भी राष्ट्रपति को मिले वोट शेयर में सबसे कम है.

इससे पहले 1974 में कांग्रेस के फखरुद्दीन अली अहमद को 56.23% वोट मिले थे. यह और बात है कि कोविंद के जीत भले ही कम वोट से मिली हो, पर वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति चुन लिए जाने के बाद संघ की अनुगामी भाजपा 33 साल पहले वाली कांग्रेस जितनी मजबूत हो जाएगी.

राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा चाहती थी कि कोविंद कम से कम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को मिले वोटों के प्रतिशत की बराबरी कर लें, पर वह यह नहीं कर सके. मुखर्जी तो दूर वह तमाम लोगों के आसपास भी नहीं थे, जबकि देश के पहले दलित राष्ट्रपति के आर नारायणन ने अब तक सबसे अधिक वोट पाने का इतिहास रचा था. उनका मत प्रतिशत भी ऐतिहासिक था, और तब यह लगा भी था कि इतिहास रचा जा रहा है.

भाजपा रणनीतिकारों को अब सोचना चाहिए कि इतने प्रचंड बहुमत के बावजूद उन्होंने कहां गलती की. इस समय न केवल लोकसभा में बहुमत के साथ केंद्र में भाजपा की प्रचंड बहुमत वाली सरकार है, बल्कि कई राज्यों में भी भाजपा की ही सत्ता है. फिर भाजपा प्रणब दा के रिकॉर्ड को तोड़ नहीं पाई.

आइए जानें खास बातें
- कोविंद यूपी से आने वाले पहले प्रेसिडेंट होंगे. केआर नारायणन के बाद दूसरा दलित नेता देश के सर्वोच्च पद पर बैठेगा.
- साथ ही, कोविंद पहले ऐसे राष्ट्रपति होंगे जो बीजेपी से सीधे जुड़े रहे हैं। वे 25 जुलाई को 11 बजे शपथ लेंगे. उसी दिन प्रणब मुखर्जी को फेयरवेल दिया जाएगा.
- इस बीच, नरेंद्र मोदी ने कोविंद के साथ-साथ मीरा को भी बधाई दी. मोदी ने कहा कि मीरा कुमार ने जिस भावना के साथ चुनाव लड़ा, उस पर हम सबको गर्व है.

किसे कितने वोट?
कुल वोटिंग हुई थी: 10,69,358
जीत के लिए जरूरी थे: 5,34,680
मीरा को मिले: 3,67,314
कोविंद को मिले: 7,02,044 यानी कुल वोटों के 65.65% और मीरा से दोगुने

कहां से कितने वोट मिले?
- कोविंद को सांसदों ने 3,69,576 और 31 विधानसभा के विधायकों ने 3,32,468 वोट दिए।
- मीरा को सांसदों से 1,59,300 और विधायकों से 2,08,014 वोट मिले।

जीतने के बाद क्या बोले कोविंद?
- "ये बेहद भावुक मौका है। राष्ट्रपति पद के लिए चुना जाना मेरा लक्ष्य नहीं था। अब संविधान की रक्षा मेरा कर्तव्य होगा और मैं सर्वे भवंतु सुखिन: की भावना से काम करूंगा. हम मीरा कुमार को भी शुभकामनाएं देते हैं."
- " जिस पद का गौरव राजेंद्र प्रसाद, राधाकृष्णन, एपीजे अब्दुल कलाम, प्रणब मुखर्जी जैसे विद्वानों ने बढ़ाया है, उसके लिए चयन मुझे जिम्मेदारी का अहसास कराता है. यह बहुत भावुक क्षण है. आज दिल्ली में सुबह से बारिश हो रही है. इस मौसम में मुझे बचपन का अपना वो गांव याद आता है. मिट्टी का घर था, कच्ची दीवारें थीं, फूस की छत के नीचे खड़े होकर हम भाई-बहन सोचते थे कि बारिश कब बंद होगी."
- "कितने ऐसे रामनाथ होंगे जो खेती कर रहे होंगे, बारिश में भीग रहे होंगे, जीवन के लिए संघर्ष कर रहे होंगे. आज परौंख गांव का कोविंद उन्हीं का प्रतिनिधि बनकर राष्ट्रपति भवन जा रहा है. इस पद पर चुना जाना मेरा लक्ष्य नहीं था, मैंने कभी इस बारे में कभी सोचा तक नहीं था. देश के लिए अथक सेवा भाव मुझे यहां तक लाया है. संविधान की रक्षा करना और उसकी मर्यादा बनाए रखना मेरा कर्तव्य होगा. मैं राष्ट्र की सेवा में निरंतर लगा रहूंगा. देश के लोगों का मैं आभार व्यक्त करता हूं."

किसने क्या कहा?
- मोदी ने कोविंद की 20 साल पुरानी एक फोटो ट्वीट की। उन्होंने लिखा- ''कोविंदजी! 20 साल से आपको जानना सौभाग्य की बात है। मैं मीरा कुमारजी को भी बधाई देना चाहता हूं। उन्होंने जिस लोकतांत्रिक भावना से चुनाव लड़ा, उस पर हम सबको गर्व है।''
- मोदी ने मीरा कुमार को भी बधाई दी। कहा- "मीरा कुमार ने जिस तरह की लोकतांत्रिक भावना के साथ राष्ट्रपति चुनाव लड़ा, उस पर हमें गर्व है।"
- वहीं, मीरा कुमार ने कहा, "मैं सम्मानीय कोविंद जी को भारत के राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई देती हूं। कठिन समय में उन पर संविधान की रक्षा का दायित्व आया है। सोनिया गांधी और देश के नागरिकों को धन्यवाद देती हूं, जिन्होंने मेरा उत्साहवर्धन किया। जिस विचारधारा की लड़ाई के लिए मैं इस चुनाव में खड़ी हुई, वो आज 20 जुलाई 2017 के बाद भी जारी रहेगी।"
- अमित शाह बोले- कोविंद जी को ऐतिहासिक जीत पर बधाई।

किस तरह हुई काउंटिंग?
- राज्यों के वोट की काउंटिंग अल्फाबेटिकल बेस पर हुई। वोट की काउंटिंग चार अलग-अलग टेबल पर की गई। 8 राउंड में यह पूरी हुई।
- गुरुवार शाम 4.22 मिनट पर रिटर्निंग अफसर अनूप मिश्रा ने राष्ट्रपति चुनाव में राम नाथ कोविंद की जीत का एलान किया।

किसे कितने वोट मिले
कब      प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट       कितने वोट मिले
2017    रामनाथ कोविंद           7,02,044
2012    प्रणब मुखर्जी              7,13,763
2007    प्रतिभा पाटिल             6,38,116
2002    अब्दुल कलाम             9,22,884
1997    के. आर. नारायणन       9,56,290
1992    शंकर दयाल शर्मा          6,75,864
1987    आर. वेंकटरमण           7,40,148
1982    ज्ञानी जैल सिंह            7,54,113
1977    नीलम संजीव रेड्डी        निर्विरोध
1974    फखरुद्दीन अली अहमद    7,54,113
1969    वी. वी. गिरि               4,20,077
1962    जाकिर हुसैन               4,71,244
1962    डॉ. एस. राधाकृष्णन      5,53,067
1957    डॉ. राजेन्द्र प्रसाद          4,59,698
1952    डॉ. राजेन्द्र प्रसाद          5,07,400

65 साल में सबसे ज्यादा वोटिंग
- राष्ट्रपति इलेक्शन में सोमवार को करीब 99% वोटिंग हुई थी। रिटर्निंग अधिकारी अनूप मिश्रा ने बताया कि यह अब तक की सबसे ज्यादा वोटिंग है।
- लोकसभा (543) और राज्यसभा (233) में कुल 776 सांसद हैं। लोकसभा और राज्यसभा से दो-दो सीट खाली हैं। बिहार के सासाराम से बीजेपी के सांसद छेदी पासवान के पास वोटिंग का अधिकार नहीं था। इस तरह 771 सांसदों को वोट डालना था, लेकिन 768 सांसदों ने ही वोटिंग की। वहीं टीएमसी के तापस पाल, बीजेडी के रामचंद्र हंसदह और पीएमके के अंबुमणि रामदौस ने वोट नहीं डाले। ये सभी लोकसभा सांसद हैं। दोनों सदनों में 99.61% वोटिंग हुई।
- देश में 31 विधानसभाएंं हैं। इनमें 4120 एमएलए हैं। इनमें 10 सीट खाली है और एक विधायक अयोग्य है। इस तरह, 4,109 विधायकों को वोट डालना था, लेकिन 4,083 ने वोटिंग की। यानी कुल 99.37% वोटिंग हुई।

इस बार के राष्ट्रपति चुनाव के मायने
1) दलित: देश को केआर नारायणन के बाद दूसरा दलित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के रूप में मिला।
2) एनडीए: एपीजे अब्दुल कलाम के बाद दूसरी बार एनडीए की पसंद के राष्ट्रपति होंगे रामनाथ कोविंद।
3) यूपीए: मीरा कुमार की हार के बाद यूपीए को प्रतिभा पाटिल के बाद दूसरी महिला राष्ट्रपति बनवाने का क्रेडिट नहीं मिल पाया।
4) बीजेपी: 37 साल में पहली बार सर्वोच्च पद पर उसका नेता रहेगा। 6 अप्रैल 1980 को पार्टी बनी थी। 1990 में पहली सरकार राजस्थान में बनी। 1996 में देश में उसकी केंद्र में पहली सरकार बनी। अटल बिहारी वाजपेयी पीएम बने थे। कलाम एनडीए की पसंद के राष्ट्रपति बने थे, लेकिन वे भाजपा के नहीं थे। भैरोंसिंह शेखावत बीजेपी के थे जो उपराष्ट्रपति थे। कोविंद के रूप में सर्वोच्च पद ऐसा नेता संभालेगा जो बीजेपी से जुड़ा रहा है।
5) यूपी: 9 प्रधानमंत्री देने वाले यूपी से देश के पहला प्रेसिडेंट होंगे रामनाथ कोविंद। इससे पहले लखनऊ में जन्मे मोहम्मद हिदायतुल्लाह दो बार एक्टिंग प्रेसिडेंट रह चुके हैं।

रामनाथ कोविंद: ऐसे भाजपा प्रवक्ता थे, जो  कभी टीवी पर नहीं आए
- कोविंद (71) एक अक्टूबर 1945 को कानपुर की डेरापुर तहसील के परौंख गांव में जन्मे। 1978 में SC में वकील के तौर पर अप्वाइंट हुए। 1980 से 1993 के बीच SC में केंद्र की स्टैंडिंग काउंसिल में भी रहे।
- कोविंद 1977 में तब पीएम रहे मोरारजी देसाई के पर्सनल सेक्रेटरी बने।
- बीजेपी का दलित चेहरा हैं। पार्टी ने बिहार इलेक्शन में गवर्नर के तौर पर उनके दलित चेहरे को प्रोजेक्ट किया था। कोविंद दलित बीजेपी मोर्चा के अध्यक्ष रहे। ऑल इंडिया कोली समाज के प्रेसिडेंट हैं।
- कोविंद 1994 से 2000 तक और उसके बाद 2000 से 2006 तक राज्यसभा सदस्य रहे। अगस्त 2015 में बिहार के गवर्नर अप्वाइंट हुए।
- वे 1990 में घाटमपुर से एमपी का इलेक्शन लड़े, लेकिन हार गए। इसके बाद वे 2007 में यूपी की भोगनीपुर सीट से चुनाव लड़े, पर ये चुनाव भी वे हार गए। उनके परिवार में पत्नी सविता, एक बेटा और एक बेटी है।
- कोविंद बीजेपी के नेशनल स्पोक्सपर्सन रह चुके हैं, लेकिन वे लाइमलाइट से इतने दूर रहते हैं कि प्रवक्ता रहने के दौरान कभी भी टीवी पर नहीं आए।

कब पद संभालेंगे नए राष्ट्रपति?
- प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। नए राष्ट्रपति कोविंद 25 जुलाई को पद संभालेंगे। उसी दिन प्रणब का फेयरवेल संसद के सेंट्रल हॉल में होगा। स्पीकर सुमित्रा महाजन स्पीच देंगी। वे प्रणब को एक स्मृति चिह्न और सभी सांसदों के सिग्नेचर वाली बुक देंगी। इसके बाद हाई-टी होगी।
- रिटायरमेंट के बाद प्रणब उसी बंगले में शिफ्ट होंगे, जहां पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम रहते थे। बताया जाता है कि प्रणब रिटायरमेंट के बाद अपनी ऑटोबायोग्राफी का तीसरा पार्ट लिखना चाहते हैं।
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