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पनामा पेपर खुलासाः जेआईटी रिपोर्ट के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट जाएंगे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ

पनामा पेपर खुलासाः जेआईटी रिपोर्ट के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट जाएंगे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ इस्लामाबाद: पनामा पेपर मामले में ज्वाइंट इनवेस्टिगेशन टीम की रिपोर्ट आने के बाद पाकिस्तान का राजनीतिक घटनाक्रम अचानक तेज हो गया है. इस मामले में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ व उनके बच्चों का नाम आने के कारण अब यह अटकलें तेज हो गयी हैं कि उनका उत्तराधिकारी कौन बनेगा.

हालांकि पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ की फैमिली ने पनामागेट मामले में संयुक्त जांच टीम (जेआईटी) की रिपोर्ट खारिज कर दिया है. शरीफ परिवार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है.

बता दें कि पनामागेट मामले में खुलासा हुआ था कि नवाज फैमिली की दूसरे देशों में कई कंपनियां हैं. भारत के भी कई लोगों के नाम भी पनामा पेपर्स लीक में सामने आए थे. पर यहां की सरकार ने उतना जोर नहीं लगाया जितना पाकिस्तान में लगा है.

जेआईटी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश अपनी रिपोर्ट में शरीफ और उनके बेटों हसन नवाज और हुसैन नवाज के साथ ही बेटी मरियम नवाज के खिलाफ राष्ट्रीय दायित्व ब्यूरो (एनएबी) अध्यादेश 1999 के तहत भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने की सिफारिश की है.

इस बीच शरीफ की बेटी मरियम ने एक ट्वीट में जेआईटी की सिफारिशों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा," जेआईटी रिपोर्ट मंजूर नहीं है."

मरियम ने कहा ''हर विरोधाभास पर सिर्फ बहस नहीं जाएगी, बल्कि इसे सुप्रीम कोर्ट में खत्म किया जाएगा. सरकारी खजाने के एक भी पैसे का गलत इस्तेमाल नहीं हुआ.''

सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल मई में पनामा मामले में सच्चाई का पता लगाने के लिए जेआईटी का गठन किया था. सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ इन्वेस्टिगेटिंग टीम के नतीजों पर सोमवार से सुनवाई कर रही है. पीठ में जस्टिस अजमत सईद, जस्टिस इजाजुल अहसन और जस्टिस एजाज अफजल शामिल हैं.

नवाज शरीफ और उनकी फैमिली पर आरोप हैं कि उन्होंने दूसरे देशों में कई कंपनियां बनाईं. इन कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की गई. ये विवाद पिछले साल शुरू हुआ था.

विपक्ष के दबाव के बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने अपील के बाद मामले की जांच के लिए एक ज्वाइंट इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई. इस टीम की रिपोर्ट 10 जुलाई को आ गई.

हालांकि रिपोर्ट आने के पहले ही इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ नवाज शरीफ का इस्तीफा मांगा था. इमरान ने रविवार को एक बयान में कहा था कि नवाज और उनकी फैमिली का अगला ठिकाना लाहौर की जेल होगा.

पाकिस्तान के राजनीतिक हालात के मद्देनजर इस रेस में फिलहाल नवाज शरीफ के छोटे भाई और पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ इस रेस में सबसे आगे लग रहे हैं. शहबाज इस संभावना के मद्देनजर परिवार के अंदर और पार्टी पीएमएल-एन में बड़ी सावधानी से अपनी बातें आगे बढ़ा रहे हैं.

उनकी पार्टी के एक नेता ने एक प्रमुख पाकिस्तानी अखबार से कहा है - शहबाज शरीफ बड़ी सावधानी से अपने कार्ड खेल रहे हैं. वे संकट के समय अपने भाई नवाज शरीफ के साथ दिख रहे हैं और इसी समय वे उन लोगों से भी संपर्क कर रहे हैं जो महत्व रखते हैं.

सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान मुसलिम लीग - नवाज के अंदर इस पूरे मुद्दे पर लंबी चर्चा हुई है. इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई है कि शहवाज अगर केंद्र में जायेंगे तो राज्य कौन संभालेगा. पर, एक बड़ा सवाल यह है कि क्या पार्टी शहवाज का नेतृत्व आसानी से स्वीकार करेगी, वह भी तब जब अगले साल चुनाव होने हैं.

मालूम हो कि छह सदस्यीय जेआइटी शरीफ परिवार की विदेश में संपत्ति और मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले की जांच कर रही है. जेआइटी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दाखिल की है. इस मामले में  नवाज शरीफ उनके दो बेटों व बेटी को पूछताछ का सामना करना पड़ा है.  

क्या है पनामा पेपर्स लीक?
- पिछले साल ब्रिटेन से लीक हुए टैक्स डॉक्युमेंट्स बताते हैं कि कैसे दुनियाभर के 140 नेताओं और सैकड़ों सेलिब्रिटीज ने टैक्स हैवन कंट्रीज में पैसा इन्वेस्ट किया. इनमें भारत के भी कई लोगों के नाम सामने आए.
- शैडो कंपनियां, ट्रस्ट और कॉरपोरेशन बनाए गए. इनके जरिए टैक्स बचाया गया.
- लीक हुए डॉक्युमेंट्स खासतौर पर पनामा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और बहामास में हुए इन्वेस्टमेंट के बारे में बताते हैं.
- सवालों के घेरे में आए लोगों ने इन देशों में इन्वेस्टमेंट इसलिए किया, क्योंकि यहां टैक्स रूल्स काफी आसान हैं और क्लाइंट की आइडेंडिटी का खुलासा नहीं किया जाता.
- पनामा में ऐसी 3.50 लाख से ज्यादा सीक्रेट इंटरनेशनल बिजनेस कंपनियां हैं.
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