नीतीश, तेजस्वी तनावः जेडीयू की भ्रष्टाचार से दोस्ती नहीं, उपमुख्यमंत्री ने कहा 13 साल का था, पद क्यों छोड़ूं

जनता जनार्दन संवाददाता , Jul 12, 2017, 14:25 pm IST
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नीतीश, तेजस्वी तनावः जेडीयू की भ्रष्टाचार से दोस्ती नहीं, उपमुख्यमंत्री ने कहा 13 साल का था, पद क्यों छोड़ूं पटना: बिहार में मचे सियासी संग्राम के बीच आज राज्य कैबिनेट की बैठक शुरू हुई, जिसमें सीएम नीतीश कुमार के साथ ही उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और स्वास्थ्यमंत्री तेजप्रताप भी शामिल होने पहुंचे. दोनों भाइयों ने मीडिया से दूरी बनाई रखी.

आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के मामले में हो रही कार्रवाई को तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की साजिश करार दिया है.

घोटाले में अपना नाम आने के बाद पहली बार मीडिया से खुद मुखातिब हुए तेजस्वी ने कहा कि ये महागठबंधन को तोड़ने की बीजेपी की साजिश है. वह भयभीत है, इसलिए इस तरह के आरोप लगा रही है.

आरजेडी सुप्रीमो के बेटे तेजस्वी ने कहा, पहले दिन से ही हमारी नीति रही है कि करप्शन के मामले में जीरो टोलरेंस की नीति रहेगी. तीनों विभाग जो मेरे पास रहा कोई उंगली नहीं उठा सकता और हमने सभी के लिए काम किया है.'

इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'मंत्री बनने के बाद तो हमने कुछ गलत किया नहीं और जिस वक्त घोटाले की बात कही जा रही है, उस वक्त मैं महज 13-14 साल का था, तब तो मेरी मूंछ भी नहीं आई थी. बताइये 13-14 साल का कोई लड़का क्या घोटाला करेगा?'

कैबिनेट की बैठक के लिए पहुंचते ही मीडिया की भीड़ से दोनों की धक्का-मुक्की हुई, साथ ही तेजस्वी से ऑनकैमरा जमकर हाथापाई भी हुई, लेकिन दोनों ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। कुल 18 एजेंडों पर मुहर लगने के बाद बिहार कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई। बैठक में नीतीश के साथ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और स्वास्थ्यमंत्री तेजप्रताप यादव सहित कई मंत्री मौजूद रहे।

तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर बिहार के महागठबंधन में गांठ बढ़ती जा रही है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को बर्खास्त करने का दबाव बढ़ता ही जा रहा है.

जेडीयू ने कल तेजस्वी से जनता के सामने आरोपों पर सफाई देने को कहा तो आरजेडी ने एक बार फिर दोहराया है कि तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे.

इन तमाम राजनीतिक सरगर्मी के बीच आज की कैबिनेट की बैठक अहम रही, हालांकि बिना किसी ताम-झाम के ही एजेंडों पर मुहर लगने के साथ ही बैठक संपन्न हो गई.

सीबीआई रेड के बाद तेजस्वी पर लगे आरोपों के बाद नीतीश और तेजस्वी यादव आज पहली बार आमने-सामने थे. ऐसे में इनके बीच क्या बात हुई, इसके बारे में अभी कुछ बताया नहीं जा रहा है.

तेजस्वी के इस्तीफे की बात को लेकर नीतीश ने मंगलवार को अपने आवास पर  28 जेडीयू नेताओं के साथ घंटों चर्चा की थी. इस बैठक में नीतीश के चेहरे पर सरकार की छवि की चिंता साफ झलक रही थी.

दरअसल बुधवार सुबह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट बैठक बुलाई थी, जिसमें उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी हिस्सा लिया. इसके बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने बीजेपी पर साजिश का ठीकरा फोड़ा. तेजस्वी ने भ्रष्टाचार के इन आरोपों को उन्हें और बिहार को बदनाम करने की साजिश करार दिया. उन्होंने कहा, 'हमें जनता ने चुना है. हमारा गठबंधन अटूट है. बिहार की जनता हमारे साथ खड़ी है और जब तक बीजेपी का बिहार और देश से सफाया नहीं कर देते हम चैन से नहीं बैठेंगे.'

बता दें कि आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और उनके परिवार पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद सीएम नीतीश कुमार ने मंगलवार को जेडीयू विधायकों, सांसदों और जिला पदाधिकारियों की बैठक की थी. इस बैठक के बाद जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि पार्टी तेजस्वी यादव से आरोपों पर सफाई चाहती है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव सार्वजनिक तौर पर तथ्य रखें और अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई दें.

मंगलवार को जेडीयू की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ किया कि भ्रष्टाचार पर उन्होंने हमेशा जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है. जेडीयू ने तेजस्वी यादव के मुद्दे पर राजद को चार दिन का अल्टीमेटम दिया था. जेडीयू ने कहा कि अगर चार दिन के भीतर लालू यादव तेजस्वी के इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं कर पाते तो फिर जेडीयू कोई बड़ा ऐलान कर सकती है.

मीटिंग में नीतीश कुमार ने साफ शब्दों में कहा कि ये मामला दूसरी पार्टी यानी आरजेडी से जुड़ा है, ऐसे में तेजस्वी के इस्तीफे पर आरजेडी को ही फैसला लेना होगा. वहीं राष्ट्रीय जनता दल भी इस बात अड़ी है कि तेजस्वी किसी कीमत पर इस्तीफा नहीं देंगे. आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि तेजस्वी यादव हमारे नेता हैं और वो किसी भी कीमत पर इस्तीफा नहीं देंगे.

दरअसल, बिहार सरकार में सहयोगी आरजेडी के प्रमुख लालू यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के यहां सीबीआई छापों के बाद ये बड़ी बैठक हुई है. सबकी निगाहें महागठबंधन के भविष्य पर टिकी हुई हैं.
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