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एक जुलाई से शुरु हो गयी भारत में एक देश एक कर व्यवस्था, जीएसटी की नई दरें लागू, संसद के विशेष अधिवेशन में हुआ ऐलान

एक जुलाई से शुरु हो गयी भारत में एक देश एक कर व्यवस्था, जीएसटी  की नई दरें लागू, संसद के विशेष अधिवेशन में हुआ ऐलान नई दिल्ली : भारत अब एक देश एक कर व्यवस्था वाला देश बन गया है। केंद्र सरकार ने  शुक्रवार की मध्य रात्रि यानि एक जुलाई से जीएसटी कानून लागू कर दिया। संसद में विशेष अधिवेशन के दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने विशेष संबोधन में इसकी घोषणा की ।
ऐसे में हम आपको जानकारी दे  रहे हैं जीएसटी से जुड़ी कुछ जरूरी बातें...

देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून को लागू करने की सरकार की नीति भारत में अप्रत्यक्ष कर सुधारों के क्षेत्र में एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

उपभोक्ताओं की द्ष्टि से इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा, कि वस्तुओं पर उन्हें अपेक्षाकृत कम कर अदा करना पड़ेगा, जो वर्तमान में लगभग 25-30 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया गया है।

यही नहीं, जीएसटी को लागू करने से भारतीय उत्पाद घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धी बन जायेंगे। विभिन्न अध्ययनों से यह पता चला है कि जीएसटी आर्थिक विकास की गति बढ़ाने में मददगार साबित होगा।
GST Bill क्या होता है

    इसके लागू होने के बाद किसी भी सामान को खरीदने के लिए केवल एक टैक्स देना होगा।
    पूरे भारत केवल एक ही कीमत रहेगी। मान लीजिये अभी जैसे कोई आप कोई कार आगरा में खरीदते हैं तो उसकी कीमत अलग होती है,
    वहीं जब आप उसी कार को किसी और राज्य जैसे दिल्ली में खरीदते हैं तो आपको अलग कीमत चुकानी पड़ती है। जीएसटी बिल लागू होने के बाद राज्य में एक ही रेट पर चीज़े ले सकेंगे।

एक राष्ट्र-एक टैक्स

देश में एक समान कर प्रणाली की व्यवस्था के तहत जीएसटी कानून लागू होने के देशभर में कारोबारियों को कर चुकाना आसान हो जाएगा।

अब जैसे ही इनमें से राज्यों से जुड़े जीएसटी विधेयक को कम से कम आधे राज्यों की विधानसभाओं की मंजूरी मिल जाती है तो तभी यह कानून देश में लागू किया जा सकेगा।

इससे पहले देश में जीएसटी व्यवस्था लागू करने के लिए गठित जीएसटी परिषद ने एक दर्जन से ज्यादा बैठकों में विचार विमर्श करके जीएसटी प्रणाली के लिए विभिन्न नियमों को अंतिम रूप देकर मंजूरी पहले ही दे रखी है।

इसी दिशा में राज्यों के वित्त मंत्रियों वाली जीएसटी परिषद ने जीएसटी के लिए चार दरें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत तय कर नियमों को अंतिम रूप दिया था। मसलन अब इन दरों में वस्तुओं एवं सेवाओं को रखने का काम किया जा रहा है।
जीएसटी के प्रमुख फायदे

    सरकार के एक जुलाई से जीएसटी लागू करने का लक्ष्य में संसद और अब राष्टÑपति की मुहर लगते ही रास्ता बिल्कुल साफ हो गया है।
    जीएसटी लागू हो जाने पर केंद्र और राज्य स्तर के कई कर के साथ सेस और सरचार्ज मिलकर एक हो जाएंगे।
    जैसे केंद्र की ओर से लगने वाले प्रमुख अप्रत्यक्ष करों, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, विशेष उत्पाद शुल्क और सेवा कर मिलकर एक हो जाएंगे,
    वहीं राज्यों की ओर से लगाए जाने वाले प्रमुख अप्रत्यक्ष करों जैसे वैट, विलासिता कर, मनोरंजन कर (स्थानीय निकायो को छोड़) और चुंगी मिलकर एक हो जाएंगे।
    नई व्यवस्था लागू होने के बाद सबसे बड़ा लाभ ये होगा कि एक सामान पर पूरे देश में एक ही कर होगा।

सोना होगा महंगा

देश में वस्तु एवं सेवाकर यानी जीएसटी व्यवस्था लागू होते ही इसका सबसे ज्यादा भार उन लोगों पर पड़ेगा जो सोने के शौकीन हैं। जीएसटी के लागू होते ही सोने और गहनों की बिक्री पर 3 फीसदी के दर से जीएसटी लगने लगेगा।
कपड़े-बिस्कुट पर भी असर

वहीं 1,000 रुपये तक की कीमत वाले कपड़े सस्ते होंगे। इसके अलावा 500 रुपए तक के जूते-चप्पल पर 5 फीसदी जीएसटी  लगाया जाएगा, जबकि बिस्कुट को 18 फीसदी जीएसटी की श्रेणी में रखा गया है।
स्वास्थ्य सेवाओं पर राहत

इसमें जहां शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया गया, वहीं अनाज व दूध जैसी घरेलू वस्तुएं कर-मुक्त रहेंगी।
अनाज व दूध कर मुक्त

जीएसटी के तहत अनाज, दूध व पूजा सामग्री करमुक्त करने का फैसला किया गया है। इसी प्रकार लॉटरी पर कोई कर नहीं लगाया जाएगा। वहीं चीनी, चाय और खाद्य तेल 5 फीसद टैक्स स्लैब के दायरे में होंगे।

इसके अलावा घी और सूखे मेवे, फ्रीज किए हुए मांस उत्पाद, पैकिंग में आने वाले बटर, चीज, एनिमल फैट सॉसेज, फ्रूट जूस, आयुर्वेदिक दवाएं, टूथ पावडर, कलरिंग बुक्स, पिक्चर बुक्स, छाते, सिलाई मशीन और मोबाइल फोन 12 प्रतिशत टैक्स के दायरे में आ जाएंगे।

इस कर के दायरे में  आईस्क्रीम, रिफाइंड शक्कर, पास्ता, कॉर्नफ्लैक्स, पैस्ट्री और केक, प्रीजर्व की हुई सब्जियां, मिनरल वाटर, जैम, सॉस, सूप, इंस्टेंट फूड मिक्स, टिशू, लिफाफे, नोट बुक, स्टील के बर्तन, प्रिंटेज सर्किट, स्पीकर्स और मॉनिटर्स के अलावा कैमरों पर 18 प्रतिशत टैक्स लगने वाला है।
राहत के साथ हल्की होंगी जेबें

    जीएसटी के लिए परिषद द्वारा तय किये गये नए नियमों के तहत रजिस्ट्रेशन, रिटर्न, रिफंड, कंपोजीशन, ट्रांजिशन, इनवॉइस, पेमेंट, वैल्युएशन और इनपुट टैक्स क्रेडिट शामिल है।
    दूरसंचार, वित्तीय सेवाओं पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा, तो सिनेमा हॉल, जुआघरों और घुड़ दौड़ पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जायेगा।
    बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि एसी सुविधा वाले और शराब परोसने का लाइसेंसी रेस्तरां पर 18 प्रतिशत, पांच सितारा होटलों पर 28 प्रतिशत और 1,000 से 2,500 रुपये की दर वाले होटलों और नॉन एसी रेस्टोरेंट पर 12 फीसद की दर से सेवा कर लगाया जाएगा।
    जबकि 5000 रुपए प्रति रात से ऊपर के किराए वाले होटल्स पर 28 फीसद की दर से जीएसटी लागू होगा।

तंबाकू उत्पादों सर्वाधिक उप-कर

जीएसटी कानून के तहत तंबाकू उत्पादों पर 71 से 204 प्रतिशत की दर से उपकर लगाया जायेगा। इसके तहत खुशबूदार जर्दा और फिल्टर खैनी पर 160 प्रतिशत, फिल्टर और बिना फिल्टर वाली 65 मिमी लंबाई वाली सिगरेट पर पांच प्रतिशत, इसके ऊपर प्रति 1,000 सिगरेट पर 1,591 रुपये भी लिये जायेंगे।

बिना फिल्टर वाली 65 मिलीमीटर से से 70 मिलीमीटर लंबी सिगरेट पर शीर्ष दर के ऊपर पांच प्रतिशत जमा 2,876 रुपये का उपकर लगाने का फैसला लिया गया है। इसी प्रकार फिल्टर सिगरेट पर पांच प्रतिशत जमा 2,126 रुपये प्रति एक हजार सिगरेट की दर से उपकर लगेगा।

सिगार पर जीएसटी की शीर्ष दर के ऊपर 21 प्रतिशत या प्रति 1,000 सिगार 4,170 रुपये जो भी अधिक होगा की दर से उपकर लगेगा।  जबकि ब्रांडेड गुटखा पर 72 प्रतिशत उपकर होगा। इसके अलावा पाइप और सिगरेट में भरे जाने वाले तंबाकू मिश्रण पर 290 प्रतिशत की दर से उपकर लगाया जायेगा।
लग्जरी सामान होगा महंगा

जीएसटी के तहत बबल गम, बिना कोकोआ वाली चॉकलेट, चॉकलेट वाली वेफर्स, पान मासाला, कलर पेंट, डियोड्रैंट, शेविंग क्रीम, आफ्टर शेव, डाई, सनस्क्रीन, वॉलपेपरस सिरामिक टाइल्स, वॉटर हीटर, डिश वॉशर, वजन तोलने की मशीन, वॉशिंग मशीन, एटीएम, वेंडिंग मशीन, वैक्यूक क्लीनर, शेवर, हेयर क्लीपर, आॅटोमोबाइल्स, बाइक्स, एसी, रेफ्रिजरेटर निजी उपयोग वाले एयरक्राफ्ट और याच जैसी चीजें 28 प्रतिशत टैक्स के दायरे में आएंगी।
ये सामान होगा सस्ता   

    जीएसटी कानून लागू होने के बाद अनाज और उसके उत्पाद यानि गेहूं, चावल, दूसरे अनाज, आटा, मैदा, बेसन, चूड़ा, रस्क, पिज्जा ब्रेड, नमकीन भुजिया, मिक्सचर, पास्ता, नूडल्स, पेस्ट्री और केक के दाम घटेंगे।
    वहीं दूध और उसके उत्पाद दही, लस्सी, पनीर और मिल्क फूड के दाम भी नहीं बढ़ेंगे। वहीं कच्ची सब्जियां और फलों में प्रोसेस्ड फल-सब्जियां, फ्रूट-वेजिटेबल जूस, और जूसमिक्स ड्रिंक्स सस्ते हो जाएंगे।
    इसी प्रकार चीनी, गुड़ और फ्लेवर्ड चीनी सस्ती होगी। इसके अलावा स्टील और कोयला में भी टैक्स कुछ कम होने से कोयले से बनने वाली बिजली और लोहा सस्ता हो सकता है।

यहां पड़ेगी महंगाई की मार

    जीएसटी के तहत मेकअप के सामान, सनस्क्रीन लोशन, शैंपू, हेयर क्रीम, हेयर डाइ, शेविंग क्रीम, डिओड्रेंट, तेल, घी, रिफाइंड आॅयल, जैम, जेली, ज्विंगम, हेयर आॅयल साबुन और टूथपेस्ट महंगा होगा। फ्लोर कवरिंग, बाथरूम के सामान और कारें महंगी होंगी।
    इसके अलावा कारों पर 28 प्रतिशत की सर्वोच्च दर से जीएसटी लगेगा। वहीं छोटी कारों पर 1 प्रतिशत, मध्यम पर 3 प्रतिशत और बड़ी एवं लग्जरी कारों पर 15 प्रतिशत की दर से उपकर भी लगेगा।
    देश में वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से सभी बैंकिंग और बीमा सेवाएं महंगी हो जाएंगी। आपको बैंक खाते में बैलेंस मेन्टेन करने, चेक बुक लेने, एटीएम से पैसे निकालने और ऑनलाइन फंड ट्रांसफर करने सहित सभी सेवाओं पर ज्‍यादा सेवा कर देना होगा।
    इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल ने वित्तीय सेवाओं पर सेवा कर 18 फीसदी बढ़ा की घोषणा की है जो अभी 15 फीसदी है। इसका असर बीमा खरीदने पर भी पड़ेगा। यानी इन सब सेवाओं के बदले अब आपको ज्यादा रुपए देने होंगे
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