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बाबरी ध्वंस केस: आडवाणी, जोशी, उमा समेत 12 पर चलेगा आपराधिक साजिश का मामला

बाबरी ध्वंस केस: आडवाणी, जोशी, उमा समेत 12 पर चलेगा आपराधिक साजिश का मामला लखनऊ: अयोध्या में विवादास्पद ढांचा गिराए जाने के मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री मुरली मनोहर जोशी तथा केंद्रीय मंत्री उमा भारती सहित सभी 12 आरोपियों पर सीबीआई की विशेष अदालत ने आरोप तय कर दिए हैं.

इन पर अब आपराधिक साजिश का मामला चलेगा. इससे पूर्व कोर्ट ने 20 हजार के निजी मुचलके पर सभी को ज़मानत दे दी थी, हालांकि सभी आरोपियों ने अदालत से आरोपों को खारिज करने का आग्रह किया था.

इनके ऊपर बाबरी मस्जिद गिराने की साजिश करने, दो धर्मों के लोगों के बीच दुश्मनी पैदा करने, धार्मिक भावनाएं भड़काने, राष्ट्रीय एकता को तोड़ने के आरोप हैं.

पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा था कि बाबरी मस्जिद गिराने की आपराधिक साज़िश करने का मुकदमा आडवाणी, जोशी के खिलाफ लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में चलेगा.

लालकृष्ण आडवाणी पेशी के लिए लखनऊ पहुंचे तो वीवीआईपी गेस्ट हाउस में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ उनसे मिलने पहुंचे. योगी ने आडवाणी का फुलों के गुलदस्ते से स्वागत किया.

इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने आज कहा कि इसमें कोई साजिश नहीं थी. ये एक खुला आंदोलन था. कोर्ट का सम्मान करती हूं इसलिए पेश होने जा रही हूं.

इसे लेकर बीजेपी नेता विनय कटियार ने कहा कि हाई कोर्ट ने भी कह दिया है कि वह रामलला का स्थान है, फिर केस किस बात का. उस वक़्त लाखों लोग वहां मौजूद थे तो फिर साज़िश कैसी?

केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि ये एक क़ानूनी प्रक्रिया है, इसे होने दीजिए. हमें पूरा विश्वास है कि हमारे नेता निर्दोष हैं और वो इससे बाहर निकलेंगे.

केस अभी चल रहा है इसलिए मैं कोई बयान नहीं देना चाहता क्योंकि बाहरी लोगों को केस के बारे में कोई बयान नहीं देना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने निर्देश दिया था कि 1992 के बाबरी विध्‍वंस केस में आडवाणी, जोशी, उमा भारती और अन्य पर षडयंत्र के आरोपों को लेकर मुकदमा चलेगा और रायबरेली से मामले को लखनऊ स्थानांतरित कर दिया गया, जहां इसी से जुड़ा एक अन्य मामला चल रहा है.

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि कोर्ट के पास यह अधिकार और उसकी डयूटी है कि वह किसी मामले में पूरा न्याय दें. यह अपराध जिसने देश के संविधान के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को हिला दिया वह 25 साल पहले हुआ था.

आरोपी इस केस में सही तरह से बुक नहीं किए गए, क्योंकि सीबीआई ने आरोपियों को लेकर सही तरीके से केस को ज्वाइंट ट्रायल के लिए आगे नहीं बढ़ाया.  

इन पर हैं आरोप
लालकृष्ण आडवाणी. मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, विष्णु हरि डालमिया, रामविलास वेदांती, महंत नृत्य गोपाल दास, चंपत राय बंसल और बैकुंठलाल शर्मा प्रेम पर आरोप हैं.

बता दें कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मौजूदा वक्त में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह पर केस नहीं चलेगा. पद पर होने की वजह से उन्हें केस से छूट दी गई है. पद से हटने के बाद उन पर केस चल सकता है.

क्या है मामला
  • 1992: बाबरी मस्जिद गिराने को लेकर दो एफआईआर
  • कार सेवकों के ख़िलाफ़ एफआईआर
  • मस्जिद से 200 मीटर दूर नेताओं पर एफआईआर
  • एक एफआईआर पर लखनऊ की विशेष अदालत में सुनवाई
  • दूसरा मामला रायबरेली कोर्ट में
  • एक की जांच सीबीआई को, दूसरी यूपी सीआईडी को
  • 1993: 13 नेताओं के ख़िलाफ़ आपराधिक साज़िश की धारा
  •  दोनों मामलों को लखनऊ कोर्ट ट्रांसफ़र करने की हाइकोर्ट में अर्ज़ी
  • 2001: हाइकोर्ट ने कहा, रायबरेली का केस लखनऊ ट्रांसफ़र नहीं हो सकता
  • सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला, हाइकोर्ट का फ़ैसला बरक़रार
  • रायबरेली कोर्ट ने आपराधिक साज़िश की धारा हटाई
  • 2010: हाइकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फ़ैसले को बरक़रार रखा
  •  2011: हाइकोर्ट के फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की चुनौती
  • 2015: पीड़ित हाजी महमूद  ने भी सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दी
  • 19 अप्रैल 2017: सुप्रीम कोर्ट का आदेश, आपराधिक साज़िश का मामला चलेगा
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