नाम था स्पीक एशिया, और लूटने के चक्कर में हुई बोलती बंद
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jul 30, 2011, 18:57 pm IST
Keywords: मुंबई स्पीक एशिया अमीर बनाने कंपनी लालच फर्जी झूठी जालसाज Mumbai Speak Asia creating rich corporate greed false deceptive
मुंबई: लोगों को अमीर बनने के सपने दिखाने वाली आजकल कई कंपनियाँ बाजार में मौजूद है। जिनमें से कई कंपनियाँ चैन सिस्टम चलाती है तो कुछ इंटरनेट के माध्यम से ईमेल पर सर्वे भेजकर उसे भरवाती है। जबकि अधिकांश कंपनियाँ लोगों को अमीर बनने का, जल्दी पैसे कमाने का लालच देकर फरार हो जाती है। अभी हाल ही में स्पीक एशिया का फर्जीवाडा सामने आया है। यह एक ऎसी कंपनी है जो लोगों को झूठी तथा बड़ी लालच देकर इस प्रकार लुभाती थी, पहले स्पीक एशिया ने शुरू में निवेशकों से 11 हजार रूपए लिये और हर हफ्ते सर्वे के नाम पर सभी निवेशकों को समय पर पैसा देती रही। इस कंपनी के सर्वे भरने के लिए कहीं जाना नहीं पडता था सिर्फ घर बैठे ही सिर्फ पन्द्रह से बीस मिनट में हाँ या नहीं में पूरा सर्वे भर दिया जाता था। 11 हजार लगाने के बाद हर महीने चार हजार रूपए आते देख लोगों को पहले विश्वास नहीं हुआ, लेकिन जब वे खुद सदस्य बने, तब यह नेटवर्क तेजी से पूरे देश में फैल गया। दिसंबर से लेकर मई यानी छह महीने में लखनऊ, कानपुर, रायपुर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, गाजियाबाद, बैंगलोर और पटना समेत कई बडे शहरों में स्पीक एशिया का बुखार तेजी से चढ गया। यह वो समय था जब कंपनी के खाते में 1320 करोड रूपए जमा हो गये।चैन सिस्टम के साथ-साथ सर्वे भी करवाती थी। अमीर बनाने वाली कंपनी स्पीक एशिया अब स्वयं फकीर बनती दिखाई दे रही है। एक सर्वे के माध्यम से लोगों को लालच देने वाली कंपनी के सीईओ खुद पुलिस से बचने के लिए दुबई भाग गए, वहीं पुलिस ने इंदौर से सीओओ को हिरासत में ले लिया है। गौरतलब है कि हालांकि इस कंपनी को देश में आए हुए महज तीन महीने ही हुए है, लेकिन उसके बावजूद भी इस कंपनी ने अभी तक देश के 12 लाख लोगों से 1320 करोड रूपए ऎठ चुकी है। अचानक जब मई में रिजर्व बैंक ने खाते फ्रीज किये और भारत सरकार ने कंपनी के पंजीकरण पर सवाल उठाये, तब स्पीक एशिया ने धारकों का पैसा बंद कर दिया। यानी जिन्होंने फरवरी के बाद से पैसा लगाया, उनका पैसा फंस गया। |
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