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सीपीईसी के बाद पाकिस्‍तान पर होगा चीन का ही राज

जनता जनार्दन डेस्क , May 16, 2017, 15:37 pm IST
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सीपीईसी के बाद पाकिस्‍तान पर होगा चीन का ही राज इस्‍लामाबाद: पाकिस्‍तान के मुख्‍य अखबार द डॉन ने चीन-पाकिस्‍तान इकोनॉमिक कॉरीडोर (सीपीईसी) के प्‍लान के बारे में पहली बार पूरी जानकारी दी है। द डॉन की ओर से दी गई यह खास जानकारी ऐसे समय में सामने आई है जब भारत ने चीन की राजधानी बीजिंग में वन बेल्‍ट वन रोड (ओबीओआर) में हिस्‍सा लेने के लिए मना कर दिया और पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ वहां पर मौजूद थे।

सबकुछ पीएम नवाज की हां पर निर्भर अगर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस प्‍लान को स्‍वीकार किया तो वह अपने देश को एक चीनी प्रांत में तब्‍दील करने की मंजूरी देंगे और साथ ही पाकिस्‍तान के नागरिक चीनी सामानों के सबसे बड़े उपभोक्‍ता और सबसे बड़े मजदूर के तौर पर भी सामने आएंगे। फिलहाल नवाज ओबीओआर के लिए चीन की राजधानी बीजिंग में मौजूद हैं।

खेती का प्‍लान चीन सीपीईसी के जरिए पाकिस्‍तान की हजारों एकड़ जमीन पर अपने कई प्रोजेक्‍ट्स को सेट करेगा जिनमें बीज उत्‍पादन से लेकर सिचाईं की तकनीक और सप्‍लाई चेन तक होगी। डॉन की इस रिपोर्ट के मुताबिक यह प्‍लान इस बात को बताने के लिए काफी है कि किस तरह से सप्‍लाई चेन को एक सिरे से दूसरे सिरे तक संचालित किया जाएगा।

साथ ही चीन के बिजनेसमेन अपने खुद के खेत भी संचालित करेंगे और वह यहां पर फल, सब्जियों और अनाजों की प्रॉसेसिंग करेंगे। लॉजिस्टिक्‍स कंपनियां बड़े पैमाने पर स्‍टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन सिस्‍टम को ऑपरेट करेंगी। कराची लेकर पेशावर तक चीन की नजरें चीन ने सीपीईसी के जरिए कराची से लेकर पेशावर तक सर्विलांस के लिए अपनी इनफॉर्मेशन टेक्‍नोलॉजी को डेप्‍लॉय करने का प्‍लान भी तैयार किया है।

इस पूरे क्षेत्र पर 24 घंटे कानून व्‍यवस्‍था के लिए नजर रखी जाएगी। इस सर्विलांस सिस्‍टम का नेटवर्क चीनी चैनल को स्‍थानीय जनसंख्‍या के लिए सांस्‍कृतिक समावेश के लिए कार्यक्रम टेलीकास्‍ट करने के मकसद में मदद करेगा।

चीन का सेफ सिटी प्रोजेक्‍ट चीन ने सीपीईसी के तहत एक सेफ सिटी प्रोजेक्‍ट का प्‍लान भी तैयार किया है। चीन, पाकिस्‍तान में राजनीतिक अस्थिरता, आतंकवाद, महंगाई और विदेश मुद्रा को आकर्षित न कर पाने और पश्चिम पर उसके असर को देखते हुए अपने जाोखिम को कम से कम करने की कोशिश करने के तहत इस प्रोजेक्‍ट का प्‍लान तैयार कर रहा है।

ग्‍ वादर का जिक्र क्‍यों चीन का मानना है कि पाक एक बिलियन डॉलर का पूरा निवेश कमजोर अर्थव्‍यवस्‍था के चलते सोख सकता है। इसलिए चीन चाहता है कि पाकिस्‍तान इस प्रोजेक्‍ट के लिए लोन, बॉन्ड और स्‍थानीय सरकार में हिस्‍सेदारी के जरिए फाइनेंस इकट्ठा करे। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक ग्‍वादर का जिक्र इसलिए इतना ज्‍यादा होता है क्‍योंकि इसका आर्थिक पहलू खासतौर पर बलूचिस्‍तान और अफगानिस्‍तान से खनिज को ले जाने में इसकी क्षमता काफी ज्‍यादा है।

यह है ग्‍वादर की अहमियत ग्‍वादर भारतीय महाद्वीप से दक्षिण अफ्रीका से न्यूजीलैंड तक व्‍यापार का बड़ा दरवाजा है। हालांकि डॉन ने अपनी रिपोर्ट में चीन के बाहरी व्‍यापार को ग्‍वादर के जरिए होने के बारे में कुछ नहीं लिखा है।
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