Saturday, 20 April 2024  |   जनता जनार्दन को बुकमार्क बनाएं
आपका स्वागत [लॉग इन ] / [पंजीकरण]   
 

आतंक के आका की जीवनी,'ग्रोइंग अप बिन लादेन'

आतंक के आका की जीवनी,'ग्रोइंग अप बिन लादेन' चंद साल पहले की बात है ऑस्ट्रिया की एक दिल दहला देने वाली क्राइम स्टोरी दुनियाभर के अखबारों में सुर्खियां बनी थी । ऑस्ट्रिया में जोश फ्रिट्ज नाम के एक शख्स ने अपनी बेटी को चौबीस साल तक बंधक बनाकर रखा और इस दौरान लगातार उसके साथ बलात्कार करता रहा । उसके अपनी बेटी से सात बच्चे भी पैदा हुए । यह एक साधारण अपराध की कहानी नहीं थी बल्कि यह एक ऐसे जुर्म की दास्तां थी जिसने दुनियाभर के लोगों में पापी पिता के खिलाफ घृणा भर दी । जब एमा डोनोग का उपन्यास-रूम- प्रकाशित हुआ तो उसे पश्चिमी देशों के अखबारों ने जोश फ्रिट्ज के जुर्म से जोड़ दिया ।

उपन्यासकार पर आरोप लगा कि उसने अपने उपन्यास का प्लॉट जोश फ्रिट्ज के जुर्म की कहानी से उठाया है । इन आरोपों में चाहे जितना दम हो लेकिन प्रकाशकों ने पहल करके-रूम- को जबरदस्त प्रचार दिलवाया । लेकिन हमारे हिंदी के प्रकाशक किसी तरह की कोई फॉर्वर्ड प्लानिंग नहीं करते । कारोबार को देसी अंदाज में चलाते हैं, कारोबार को प्रोफेशनल तरीके से चलाने का चलन अभी हिंदी प्रकाशन जगत में है नहीं । जिस वक्त जो पांडुलिपि आ जाए उसे प्रकाशित कर देने का चलन ज्यादा है । खैर यह एक अवांतर विषय है जो विस्तार की मांग करता है । इस पर फिर कभी बात होगी ।

फिलहाल हम बात कर रहे थे ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद उस शख्सियत में पैदा हुए जन जिज्ञासा की । इसी जन जिज्ञासा के चलते दो हजार नौ में प्रकाशित ओसामा बिन लादेन की जीवनी को भारत में नए सिरे से लॉंच किया गया है । ओसामा की इस लगभग प्रामाणिक जीवनी को जीन सासन ने उसकी पहली पत्नी नजवा और उसके बेटे ओमर से बातचीत के आधार पर लिखा है । इस किताब के साथ एक विडंबना है - दुनिया के सबसे बड़े आतंकवादी की यह जीवनी समर्पित है उन लोगों को जिनके अपने आतंकी हमले में मारे गए । उनलोगों को भी समर्पित है यह किताब जो आतंकवादी वारदात के शिकार हुए ।

दरअसल ओसामा के बारे में लिखना लगभग नामुमकिन था क्योंकि जब से आतंकी गतिविधियों में भाग लेना शुरू कर किया तो उसने खुद को जन-गतिविधियों से दूर कर लिया । जब 1980 में सोवियत सेना ने अफगानिस्तान पर हमला किया तो ओसामा और उसके रहनुमा अब्दुल्ला आजम ने प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से मुजाहिदीनों की मदद शुरू कर दी । उस वक्त तक ओसामा आतंकी संगठनों को सिर्फ आर्थिक मदद कर रहा था । इस तरह की कई कहानियां जो ओसामा से जुड़ी हैं वो लगभग ज्ञात हैं लेकिन इस जीवनी में उसके बेटे ओमर और उसकी पहली पत्नी नजवा ने कई राज खोले हैं ।

मसलन ओसामा के बारे में यह धारणा है कि वो इंजीनियर था लेकिन उसकी पत्नी नजवा ने ये खुलासा किया है कि ओसामा ने कभी भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई नहीं की । ओसामा का पारिवारिक जीवन बेहद संपन्न था । उसके पिता बहुत बड़े बिल्डर थे और 1966 में उन्होंने अपना पहला निजी विमान खरीदा था । ओसामा की इस जीवनी में उसके कई निजी प्रसंगों को लेखक ने उसके बेटे और उसकी पत्नी से बातचीत और ईमेल से सवाल जबाव के आधार पर सामने लाकर कहानी की शक्ल दी है । अगर नजवा की माने तो ओसामा और उसके बीच चौदह साल की उम्र के पहले ही प्यार हो गया था ।

नजवा को ओसामा की आंखों में अपने लिए प्यार तो दिखता था लेकिन ओसामा उसको खुलकर बोल नहीं पाते थे । उसके मुताबिक ओसामा बेहद इंट्रोवर्ट था । नजवा ओसामा का चुप रहना बुरा भी लगता था।  आखिरकार चौदह साल की उम्र में ओसामा ने अपनी अम्मी से अपने विवाह की इच्छा जाहिर कर दी । हालांकि नजवा की मां इस शादी के खिलाफ थी लेकिन परिवारवालों के दबाव के आगे दोनों के बीच शादी हुई ।

ओसामा ने आगे चलकर तीन और शादियां की । नजवा और ओमर ने ओसामा को एक संवेदनशील पारिवारिक इंसान से एक खूंखार आतंकवादी बनते देखा और उसे इस किताब में बयान किया । अफगानिस्तान की तोरा-बोरा की पहाड़ी में एके 47 की तड़तड़ाहट के बीच की जिंदगी को बेहद ही रोचक तरीके से पेश किया गया है । ओसामा की इस जीवनी को उसकी पत्नी और बेटे से बातचीत के आधार पर एक सूत्र में पिरोना बेहद मुश्किल काम था । जीन सासन ने काफी मशक्कत की है लेकिन किताब के संपादन में उनसे चूक हो गई है उसमें से वेवजह के विस्तार और कुछ घटनाओं के दोहराव को संपादित किया जा सकता था । शुरुआती अध्याय में मुस्लिम समाज में लड़कियों की स्थिति को बताने के लिए बेवजह का विस्तार दिया गया है । लगभग चार सौ पन्नों की यह किताब इस लिहाज से अहम है कि इसमें ओसामा के बारे में उसके बेटे और बीबी ने विस्तार से बताया है जो लगभग प्रामाणिक माना जा सकता है ।
                                                    ----------------------
पुस्तक- ग्रोइंग अप बिन लादेन
लेखक- जेन सासन, नजवा बिन लादेन, ओमर बिन लादेन
प्रकाशक- वनवर्ल्ड पब्लिकेशन, 185, बैनबरी रोड, ऑक्सफोर्ड, इंगलैंड
मूल्य- 8.99 पाउंड
अनंत  विजय
अनंत  विजय लेखक अनंत विजय वरिष्ठ समालोचक, स्तंभकार व पत्रकार हैं, और देश भर की तमाम पत्र-पत्रिकाओं में अनवरत छपते रहते हैं। फिलहाल समाचार चैनल आई बी एन 7 से जुड़े हैं।