बिलकिस बानो केस: 11 दोषियों की उम्रकैद की सजा बरकरार
जनता जनार्दन संवाददाता ,
May 04, 2017, 13:05 pm IST
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मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों की उम्रकैद की सज़ा बरकरार है. सभी आरोपियों ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील की थी. बॉम्बे हाईकोर्ट ने 3 दोषियों को फांसी देने की सीबीआई याचिका खारिज कर दी है.
दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट का फैसला बरकरार रखा है. जिन आरोपियों को ट्रायल कोर्ट ने दोषी माना उन्हें हाईकोर्ट ने भी दोषी माना है. कोर्ट ने छह लोगों को बरी किए जाने के फैसले को भी पलट दिया है. इनमें डॉक्टर और पुलिसवाले शामिल हैं. इनपर सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप है. 2002 में गुजरात दंगों के दौरान 19 साल की बिलकिस का बलात्कार किया गया. उस वक्त वह 5 महीने की गर्भवती थीं. अपराधियों ने बिलकिस के परिवार के 14 लोगों की हत्या की. दंगों के दौरान बिलकिस नीमखेड़ा में रहती थी. वह हालात खराब होने के बाद परिजनों के साथ वहां से जा रही थी, जब दंगाइयों ने उन्हें पकड़ लिया. बिलकिस के आरोपों के मुताबिक- वे सबको मार रहे थे, मुझे भी मारा और कुछ देर बाद मैं बेहोश हो गई. जब मैं होश में आई तो निर्वस्त्र थी. बच्ची की लाश पास ही रखी थी और जितने लोग थे वे मिल नहीं रहे थे. दंगाइयों ने उन्हें भी शायद इसलिए छोड़ दिया कि वह मर गई हैं. जब वह पुलिस के पास गईं तो उन्हें कोई मदद नहीं मिली. पुलिसवालों ने उन्हें यह कहकर डराया कि हम डॉक्टर के पास ले जाएंगे वह तुमको जहर की सूईं दे देगा. वहीं दो डॉक्टरों ने भी कोई मदद नहीं की और गलत रिपोर्ट भी दी. इसके बाद बिलकिस ने सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी. कोर्ट ने यह मामला सीबीआई को सौंपा था और इसका ट्रायल भी गुजरात के बाहर कर दिया था. इस लड़ाई के दौरान उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. अलग-अलग रिश्तेदारों के यहां उन्हें मदद लेनी पड़ी, क्योंकि उनकी जान को खतरा हो सकता था. सीबीआई ने मामले की जांच के दौरान नीमखेड़ा तालुका से न केवल 12 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था, बल्कि 3 मार्च 2002 को भीड़ द्वारा मारे गए लोगों के शवों को बरामद करने के लिए पन्नीवेल के जंगलों में खुदाई भी करवायी थी. इस कार्रवाई में सीबीआई चार लोगों के कंकाल बरामद करने में सफल रही थी. मामले की पुष्टि के लिए इन कंकालों को डीएनए परीक्षण के लिए भेज दिया गया था. घटनाक्रमः 2002: गुजरात दंगों के दौरान 19 साल की बिलकिस का बलात्कार, पीड़ित उस वक्त 5 महीने की गर्भवती थी अपराधियों ने बिलकिस के परिवार के 14 लोगों की हत्या की 25 मार्च 2003: मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सबूतों के आभाव में केस बंद किया दिसंबर 2003: सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए अगस्त 2004: निष्पक्ष सुनवाई के लिए मामला मुंबई ट्रायल कोर्ट को सौंपा जनवरी 2008: 12 लोग बलात्कार, हत्या के लिए दोषी करार जनवरी 2008: 2 डॉक्टर और 6 पुलिसकर्मी रिहा कर दिए गए 11 लोगों को उमक़ैद की सज़ा सीबीआई ने तीन अपराधियों को फ़ांसी देने की अपील की बचाव पक्ष ने उम्रकैद के ख़िलाफ़ अपील की |
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