तवांग में दलाई लामाः कितने गरिमामय ढंग से परम पावन ने की अपने पुनर्जन्म व मृत्यु की बातें
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Apr 09, 2017, 18:23 pm IST
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तवांगः तिब्बती आध्यात्मिक धर्म गुरू दलाईलामा ने कहा है कि कोई नहीं जानता कि उनका पुनर्जन्म कहां होंगा. लद्दाख के लोग चाहते हैं कि उनके यहां हो मेरा पुनर्जन्म, तवांग के लोग चाहते हैं कि उनके यहां हो पुनर्जन्म, योरोप में लोग चाहते हैं कि मैं उनके यहां जन्म लूं, तो चीन के लोग अपने यहां चाहते हैं....बेचारी एक आत्मा, कहां-कहां जन्म लेगी?
कहते -कहत मुस्करा देते हैं परम पावन. अपना उत्तराधिकारी नामजद करने की कोशिश करने पर चीन की कड़ी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, "तिब्बती उद्देश्य को कमतर करने के लिए मेरा उत्तराधिकारी नामजद करने का बीजिंग का प्रयास बकवास है. पहले वह यह तो स्वीकार कर ले कि वह पुनर्जन्म में विश्वास रखता है." चीन ने सालों पहले दलाईलामा नामित पंचेन लामा को बंधक बनाकर रखा था और उसने अपना पंचेन लामा पेश किया था. यह दलाईलामा के तत्काल बाद वाला पद है. 82 वर्षीय आध्यात्मिक नेता ने कहा, "वर्ष 1969 में मैंने कहा था कि तिब्बती लोग यह तय करेंगे कि दलाईलामा के संस्थान को जारी रखा जाना चाहिए या नहीं. यदि यह संस्थान अब प्रासंगिक नहीं रहा, तो इसे बंद कर दिया जाना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, " किसी को मालूम नहीं है कि कौन और कहां से दलाईलामा पैदा होंगे या आएंगे. मेरी मृत्यु के समय कोई संकेत आ सकता है, लेकिन अभी ऐसा संकेत नहीं है." क्या भविष्य में कोई महिला दलाई लामा बन सकती है के सवाल पर उन्होंने हंसते हुए कहा था कि आने वाले समय में ऐसा हो सकता है, पर अगर महिला दलाईलामा हुईं, तो वह काफी आकर्षक होंगी. क्या उनकी तवांग यात्रा से भारत चीन रिश्ते पर प्रभाव पड़ेगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा, "हमें इंतजार कर देखना होगा. लेकिन मेरी आध्यात्मिक यात्राओं को राजनीतिक रंग देना चीन की आदत है." वर्ष 1959 में दलाईलामा तिब्बत से भागकर तवांग में ही शरण ली थी. चीन तवांग को अपना हिस्सा मानता है. दलाईलामा ने कहा कि चीनी लोगों को उनके बारे में गलत सूचनाएं दी जा रही हैं, जब विदेशों में ये लोग उनसे मिले तब उन्हें इसका अहसास हुआ. भाजपा नीत राजग सरकार की चीनी नीति पर तिब्बती नेता ने कहा कि "यह कमोबेश नरसिम्हा राव सरकार के दिनों की कांग्रेस की नीति जैसी ही है.....लेकिन मैं मोदी की प्रशंसा करता हूं, वह सक्रिय हैं एवं विकास चाहते हैं." |
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