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किशोरी अमोनकर का निधनः पत्थरों से गीत गवाने वाली आवाज हुई खामोश

किशोरी अमोनकर का निधनः पत्थरों से गीत गवाने वाली आवाज हुई खामोश नई दिल्ली: मशहूर हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायिका किशोरी अमोनकर का सोमवार को मुंबई में निधन हो गया. वह 84 साल की थीं. पारिवारिक सूत्रों की मानें तो रात को 12 बजे के करीब मुंबई के आवास पर उनका निधन हुआ.

वह जयपुर घराने से ताल्लुक रखती थीं और उनकी मां मोगुबाई कुर्दीकर भी जानी-मानी गायिका थीं. उन्हें मुख्य रूप से खयाल गायकी के लिए जाना जाता था, लेकिन उन्होंने ठुमरी, भजन और भक्ति गीत और फिल्मी गाने भी गाए. मशहूर फिल्म गीत गाया पत्थरों ने के टाइटल ट्रैक को भी उन्होंने ही आवाज दी.

10 अप्रैल 1932 को मुंबई में जन्मी किशोरी अमोनकर को हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की अग्रणी गायिकाओं में से एक माना जाता था. उन्होंने जयपुर घराने के दिग्गज गायक अल्लादिया खान साहब से प्रशिक्षण हासिल किया था. अपनी मां से जयपुर घराने की तकनीक और बारीकियों को सीखने के दौरान अमोनकर ने अपनी खुद की शैली विकसित की जिस पर अन्य घरानों का प्रभाव भी दिखता है.  

प्रख्यात गायिका होने के अलावा अमोनकर एक लोकप्रिय वक्ता भी थीं. उन्होंने समूचे भारत की यात्रा करके व्याख्यान दिया. उन्होंने संगीत में रस सिद्धांत पर सबसे प्रमुख व्याख्यान दिया. कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें 1987 में पद्म भूषण और 2002 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. 2010 में वह संगीत नाटक अकादमी की फेलो बनीं.

किशोरी अमोनकर के निधन के बाद लोग उन्हें सोशल मीडिया पर भी याद कर रहे हैं.

शबाना आज़मी ने ट्विट पर लिखा, "ये बहुत बड़ा नुकसान है. मैं उनकी बहुत बड़ी फ़ैन हूं और ऐसे समय में रहने के लिए ख़ुद को भाग्यशाली समझती हूं जिसमें मैं किशोरी अमोनकर जी को गाते हुए सुन पाई."

शंकर माधवन ने लिखा, "महानतम किशोरी अमोनकर जी नहीं रही. ये भारतीय शास्त्रीय संगीत के लिए बहुत बड़ी क्षति है. उनका संगीत हमेशा जीवित रहेगा."

कंचन गुप्ता ने ट्वीट किया, "किशोरी अमोनकर की मौत से भारतीय शास्त्रीय संगीत की सबसे मधुर आवाज़ ग़ुम हो गई. उनके कंसर्ट स्तब्ध करने वाले होते थे. ओम शांति"

सुप्रिया सुले ने किशोरी अमोनकर के साथ अपनी एक फोटो ट्वीट की है और लिखा है 'मेरी सबसे प्रिय क्लासिकल सिंगर अब इस दुनिया में नहीं रहीं. मैं बहुत बहुत दुखी हूं.'

डॉ. प्रकाश सोनटके ने ट्वीट किया, "विदुषि किशोरी अमनोकर ऐसी सबसे कामयाब कलाकार के रूप में याद किया जाएगा जिन्होंने बॉलीवुड के ख़िलाफ़ अपना मुक़दमा जीता."

संदीप नाइक ने फ़ेसबुक पर लिखा, "आज की सुबह किशोरी ताई अमोनकर के दुखद निधन की खबर लेकर आई है. निशब्द हूँ और लग रहा है कि भारतीय शास्त्रीय संगीत का मजबूत स्तम्भ ढह गया. शब्द ही खत्म हो गए है मानो. ताई को नमन ओर श्रद्धांजलि."

आशुतोष कुमार ने फ़ेसबुक पर लिखा, "किशोरी अमोनकर की आवाज़ में 'प्रेम की पीर' थी. गहरा इंसानी दर्द. महान प्रतिभाओं से भरे पूरे अतरौली-जयपुर घराने की बेमिसाल लयकारी को कामना,वियोग और एकाकीपन के दुख से जोड़कर किशोरी अमोनकर ने 'रस' को एक नई पहचान दी. उन्हें सुनते हुए लगता है जैसे किसी वियोगिनी की रेगिस्तानों में भटकती कंपकंपाती गूंजती पुकार सुन रहे हों."

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने उनके निधन पर शोक प्रकट करते हुए उन्हें शास्त्रीय संगीत का दिग्गज बताया.
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