आईएसआईएस ने पोस्टर चिपका कर बिहार के युवाओं से जुड़ने की अपील की
सूरज कुमार पांडेय ,
Mar 18, 2017, 20:17 pm IST
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सासाराम: बिहार के रोहतास जिले के श्रीकांत बिघा गांव के ग्रामीणों को शनिवार की अहले सुबह अपने ही गांव की बिजली के पोलों पर एक अजीब सा पोस्टर चिपका दिखा.अंग्रेजी और उर्दू में आईएसआईएस के नाम से चिपकाए गए इस पोस्टर में बिहार के युवाओं को इस आतंकवादी संगठन से जुड़ने की अपील की गई थी.
पोस्टर में आईएसआईएस के अभियान की कुछ दो तस्वीरें भी थीं और लिखा गया था कि बिहार के नौजवान इस संगठन से जुड़ें. स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी दे गई है. पुलिस ने आकर पोस्टरों को उखाड़ कर जब्त कर लिया है. मगर अभी तक ये पता नहीं चल सका है कि किसने पोस्टर लगाए थे. देश के कुछ हिस्सों में अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन आईएसआईएस की घुसपैठ की कोशिशों की सुर्खियों में रही ख़बरों के बीच रोहतास जिले के सुदूरवर्ती थानाक्षेत्र में शनिवार की सुबह एक सुनसान स्थान पर चस्पे आईएसआईएस के पोस्टर ने जिले के सुरक्षा महकमे का होश उड़ा दिया है. पुलिस सूचना पाते उक्त पोस्टर को अपने कब्जे में ले तहकीकात में जुट गयी. हाई स्कूल से आधे किमी दुरी पर स्थित एक मठ के करीब स्थित एक सुनसान स्थल पर चस्पे पोस्टर की बात फैलते पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल दिखा. पुलिस के वरीय अधिकारी इसे गंभीरता से लेते हुए भी मिस्चिफ करार दे रहे हैं. तीन अलग-अलग बिजली के पोल पर चिपके थे पोस्टर श्रीकांत बिघा के ग्रामीणों की आँख खुलते ही ये पोस्टर दिखे। गांव में इस तरह पोस्टर आम तौर पर नहीं साटे जाते हैं। पहले तो ग्रामीण समझ नहीं पाए. पर बाद में आईएसआईएस के बारे में जानकारी पा लेने के बाद लोगों में भय का माहौल व्याप्त हो गया है. बिजली के तीन खंभों पर इसी तरह के पोस्टर चिपकाए गए हैं। पोस्टर के दाहिनी सिरे पर सबसे उपर बड़े अक्षरों में अंग्रेजी में आईएसआईएस लिखा है। उसके नीचे आईएसआईएस की टैगलाइन ''ट्रायल आफ टेरर’’ अंकित है। कुछ वैसा ही बायीं ओर उर्दू में भी लिखा गया है। कौन लगा सकता है पोस्टर पुलिस अभी इस बात की पड़ताल कर रही है पोस्टर किसने चिपकाए हैं। प्रथमदृष्टया किसी की शरारत लगती है। मगर इससे पहले आज तक कभी इस तरह को पोस्टर इस गांव में नहीं देखे गए, इसीलिए पुलिस हर पहलू पर मामले की जांच कर रही है. आपको बता दें कि यह थाना क्षेत्र बहुत पहले नक्सलियों से प्रभावित था. यहां नक्सलियों का ठिकाना हुआ करता था. ग्रामीण इसी बात को लेकर दहशत में हैं. सूत्रों की माने तो जिले के सीमावर्ती थाने का अधिकांश इलाका पहाड़ी क्षेत्र होने और उत्तर प्रदेश की सरहदों से सटा होने से नक्सली प्रभाव वाला माना जाता है। इलाके में पुलिस की पैठ नहीं होने से जंगल से लकड़ी काटने, पशु तस्करी जैसे अवैध कारोबार का जोर रहता है। हाल के महीनों में दिखे कुछ बदलाव के तहत आदिवासी वहूल इस इलाके में कुछ कट्टर हिदूवादी संगठनों का तेजी से उदय हुआ है। इन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने हाल के दिनों में पशु तस्करों पर लगाम कसने की रणनीति के तहत पशु लदे वाहनों को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया था। इससे पशु तस्करों में डर बना और उनका व्यवसाय प्रभावित होने लगा। समझा जाता है कि इन्ही कारणों से पशु तस्करों ने ही किसी तकनीकि का सहारा लेकर नेट से पोस्टर निकल कर उसे चास्पाया है। इस पोस्टर के पीछे अन्य संभावनाओं में जिले के दक्षिणी इलाके के रोहतास के करीब आधे दर्जन गांवों की आबादी के एक बड़े हिस्से के इस्लामिक देशों में बसे होने से उनका विदेशी संपर्क पहले से ही रहा है। बताते हैं, जिले में विदेशी मुद्रा को भुनाने का रोहतास प्रखंड मुख्यालय में ही बड़ा बाजार है। इस पोस्टर को इससे भी जोड़ कर देखा जा रहा है. इस संबंध में नौहट्टा के थानाध्यक्ष ने पोस्टर की पुष्टि करते हुए कहा कि उसकी वास्तविकता की गहराई से जांच की जा रही है. वहीँ जिले से एसपी मानवजीत सिह ढिल्लों ने कहा कि प्रथमदृष्टया यह किसी के द्बारा किया गया मिस्चिफ लगता है पर इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है। इसके लिए आईटी सेल के विशेषज्ञों को बुलाया गया है। |
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