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'मिशन 2022': प्रधानमंत्री मोदी अपने विजय उद्घोष से आखिर कहना क्या चाहते हैं ?

'मिशन 2022': प्रधानमंत्री मोदी अपने विजय उद्घोष से आखिर कहना क्या चाहते हैं ? नई दिल्लीः पांच राज्यों के चुनाव में बीजेपी के जोरदार प्रदर्शन के बाद पहली बार जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी होली से ठीक एक दिन पहले भाजपा मुख्यालय पहुंचे तो उनका अंदाज अलग ही था.

जीत के आत्मविश्वास से भरपूर पीएम मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं के सामने 2019 की बजाय 2022 का लक्ष्य पेश किया. चुनावी जीत के बाद कार्यकर्ताओं के भव्य स्वागत के बाद पीएम ने 2022 तक 'न्यू इंडिया' बनाने की बात कही.

उन्होंने कहा, 'पहला मुकाम हमारे सामने है. 2022 में भारत की आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं. हमारे पास 5 साल का वक्त है. यदि 125 करोड़ लोग हर साल एक नया संकल्प लेते हैं और उसे पूरा करते हैं तो यह देश पीछे नहीं रहेगा.'

मोदी ने देश के गरीब और मिडिल क्लास को जोड़ते हुए कहा कि 65 फीसदी युवाओं, महिलाओं के सपने से न्यू इंडिया तैयार करेंगे. उन्होंने कहा कि गरीबों की मेहनत और मिडिल क्लास के सपनों से हम 'न्यू इंडिया' तैयार करेंगे.

बीजेपी मुख्यालय में वर्कर्स के मोदी-मोदी के नारों के बीच पीएम ने कहा, 'यह न्यू इंडिया है. ऐसा न्यू इंडिया जहां देश के गरीब में कुछ पाने की बजाय कुछ करने के अवसर की खोज में है. देश का गरीब लेने की मानसिकता को छोड़ चुका है. वह कहता है मैं अपने बलबूते पर आगे जाना चाहता हूं. आप मेरे लिए अवसर दे दीजिए, मेहनत मैं करूंगा.'

मोदी ने कहा कि इस चुनाव में कौन जीता, कौन हारा. मैं इस दायरे में सोचने वालों में से नहीं हूं. चुनाव विजय बीजेपी के लिए जनता का पवित्र आदेश होता और मैं आदेश पर बल देता हूं. हमें उस आदेश को पूर्ण करने के लिए ईश्वर ने हमें जितनी क्षमता दी है, उसका पूरा उपयोग करते हुए निरंतर कोशिश करते रहना चाहिए.

पीएम नरेंद्र मोदी ने यूपी और उत्तराखंड की बंपर जीत पर कार्यकर्ताओं से इशारों में संयमित रहने का आह्वान करते हुए कहा, 'कोई भी फल कितना ही ऊंचा हो, लेकिन जैसे ही फल लगते हैं, वह झुकने लग जाता है. प्रकृति हमें प्रेरणा देती है, बीजेपी के वटवृक्ष में जब फल लगे हैं तो झुकने का जिम्मा बनता है. सत्ता पद की शोभा का हिस्सा नहीं होती.। सत्ता सेवा करने का अवसर होती है.'

इस बंपर जीत का श्रेय पार्टी के संस्थापकों और पुराने नेताओं को देते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'हमने कई बार विजय प्राप्त की है. 4-4 पीढ़ियां इस काम के लिए खप गई हैं. अटल-आडवाणी, कुशाभाऊ, जनकृष्णमूर्ति जैसे लोगों ने इस विचार के बीज को कोने-कोने में बोने के लिए पसीना बहाया है, तब यह वटवृक्ष बना है. लाखों कार्यकर्ताओं के पुरुषार्थ के चलते हम जनता की आशंकाओं के प्रतीक बने हैं.'

पीएम मोदी ने कहा कि इन चुनाव नतीजों से 'न्यू इंडिया' के सपने को बल मिला है. जनता के आशीर्वाद से ऐसे-ऐसे चेहरे चुने गए हैं, जो पहले कभी टीवी और अखबारों में नहीं थे. हो सकता है कि हमारे लोगों का अनुभव कम होगा, लेकिन भरोसा देता हूं कि हमारे यह साथी आपकी आकांक्षाओं को पूरा करने में कोई कमी नहीं रखेंगे.

पीएम मोदी ने कहा कि अकल्पनीय भारी मतदान के बाद अकल्पनीय विजय होती है तो राजनीतिक पंडितों को यह विचार के लिए मजबूर कर रहा है. इस देश में भावुक मुद्दों पर लहर दिखी और प्रभाव भी दिखा. लेकिन, इसकी बजाय विकास चुनाव का कठिन मुद्दा होता है. सभी राजनीतिक दल बीते 50 साल से इन मुद्दों को लेकर जाने से कतराते रहे हैं.

इस चुनाव का इस दृष्टि से भी मूल्यांकन जरूरी है कि इमोशनल मुद्दा न होने के बाद भी इतना मतदान हुआ. विकास के मुद्दे पर गरीब से गरीब व्यक्ति का आगे आना. एक नए हिंदुस्तान के मुझे दर्शन हो रहे हैं. इन पांचों राज्यों के चुनाव को मैं नए हिंदुस्तान की नई नींव के तौर पर मैं देख रहा हूं.

पीएम मोदी ने कहा, 'इस चुनाव के नतीजे हमारे लिए एक इमोशनल इशू भी हैं. इसलिए क्योंकि यह साल पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती का वर्ष है. यह सूबा उनकी जन्मस्थली रहा था. हमें दीनदयाल जी के अंत्योदय के चिंतन पर काम करना होगा। इस देश की सबसे बड़ी ताकत देश का गरीब है.

कभी-कभी मिडिल क्लास को ज्यादा बोझ झेलना पड़ता है. नियम और समाज की मर्यादाओं का पालन भी करना पड़ता है. उस पर यह बोझ कम होना चाहिए. इस देश में गरीब की ताकत और मिडिल क्लास के सपनों को मिला लें तो देश को आगे जाने से कोई रोक नहीं सकता है.'

शनिवार को पांच राज्यों के चुनाव नतीजे सामने आए. उत्तर प्रदेश के आंकड़े चौंकाने वाले रहे। तीन चौथाई बहुमत के साथ बीजेपी ने 15 साल बाद सत्ता में वापसी की.

बीजेपी-अलायंस को यूपी में 325 सीटें मिलीं. 37 साल बाद ऐसा हुआ जब इस राज्य में किसी पार्टी को 300+ सीटें मिलीं. पीएम ने पार्टी को जिताने के लिए अपने पद की परवाह नहीं की और इतनी रैलियां की कि पार्टी जीत गई. मोदी फिलहाल यूपी से ही सांसद हैं, और जाहिर है उनका निशाना अभी से अगला चुनाव है.
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