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लखीमपुरः भीड़ को भड़काने और तोड़फोड़ के आरोप में बीजेपी नेता सहित 3 अरेस्ट

लखीमपुरः भीड़ को भड़काने और तोड़फोड़ के आरोप में बीजेपी नेता सहित 3 अरेस्ट लखीमपुरः लखीमपुर खीरी में बीती रात धार्मिक भावनाएं भड़कानें वाला वीडियो वायरल होने के बाद हुए वबाल और पुलिस द्वारा लगाए कर्फ्यू के अब हालात सामान्य नजर होते आ रहे हैं। हालांकि कर्फ्यू में फिलहाल कोई ढील नहीं दी गई है। पुलिस ने शहर में सुबह खोली गई दुकानों को एहतियातन बंद करा दिया।पुलिस ने इस मामले में भाजपा नेता विनोद गुप्ता समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों पर भीड़ को भड़काने, तोड़फोड़ करवाने का आरोप है। पुलिस इस मामले में और भी लोगों की तलाश कर रही है। पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से शहर में रूटमार्च भी निकाला। हालात जल्द सामान्य हो सके इसलिए पुलिस सोशल मीडिया पर भी नजर रख रही है।

बता दें कि एक दिन पहले धार्मिक भावनाएं भड़काने वाला वीडियो वायरल होने के बाद गुरुवार को लखीमपुर में बवाल होने रात साढ़े नौ बजे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया। वीडियो वायरल करने के मुख्य आरोपी समेत दो आरोपियों को दोपहर में चुपचाप जेल भेजे जाने से भड़के दूसरे समुदाय के लोग रात में सड़क पर उतर आए और शहर में जगह-जगह तोड़फोड़ की। इस दौरान गोली चलने से दो लोगों के घायल होने की घटना हो गई, इसे देखते हुए ही डीएम ने एहतियातन कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया।

आपत्तिजनक वीडियो ने मचाया बवाल, लखीमपुर में कर्फ्यू की तस्वीरें

खुर्जा के पहासू के बाद लखीमपुर खीरी में भी बुधवार को सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करके बहुसंख्यक समुदाय को निशाना बनाकर बेहद अश्लील और अभद्र टिप्पणी की गई थीं। मामले में एसपी मनोज कुमार झा के निर्देश पर कोतवाली पुलिस ने बुधवार की रात को ही मुख्य अभियुक्त महाराजनगर के रहने वाले माज अहमद को उसके घर दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ में माज अहमद ने खुलासा किया कि करीब 10 दिन पहले उसने अपने मकान में किराए पर रहने वाले आरिफ और फैजल के साथ यह वीडियो शूट किया था। आरिफ ईसानगर थाना क्षेत्र के खमरिया और फैसल धौरहरा का रहने वाला है। माज अहमद कक्षा 12 का छात्र है, आरिफ और फैसल भी पढ़ाई कर रहे हैं।

माज अहमद से जानकारियां मिलने के बाद पुलिस ने आरिफ को भी गिरफ्तार कर लिया। अभियुक्तों के खिलाफ आईटी एक्ट की धाराओं और 295 क, 153 (बी) आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। गिरफ्तार दोनों अभियुक्तों को पुलिस ने कोतवाली के बजाय गुप्त स्थान पर रखा, जिसके बाद गुरुवार को दोपहर बाद कोतवाली पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को कोर्ट न ले जाकर सीधे जेल भेज दिया। इस दौरान हिंदू संगठनों ने अभियुक्तों को सामने लाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन भी किया।
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