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उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन के सौतेले भाई किम जोंग-नाम की मलेशियाई हवाईअड्डे पर हत्या

जनता जनार्दन संवाददाता , Feb 15, 2017, 17:22 pm IST
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उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन के सौतेले भाई किम जोंग-नाम की मलेशियाई हवाईअड्डे पर हत्या सिओलः उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन को तानाशाही भरे फैसलों के लिए जाना जाता है, लेकिन अब खबर उनके परिवार से जुड़ी है. नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग-उन के सौतेले भाई की मलेशिया में हत्या हो गई.

एक टीवी केन्द्र के अनुसार- किम जोंग-नाम पर जहरीली सुई से हमला किया गया था. बताया जा रहा है कि सुरक्षा खामियों का फायदा उठाकर उनकी हत्या को अंजाम दिया गया. सूचना मिली है कि शव का आज पोस्टमार्टम होगा.

किम के सौतेले भाई की मलेशियाई हवाईअड्डे पर हत्या हुई थी. पुलिस ने यह जानकारी दी. पुलिस हत्यारे की तलाश कर रही है.सोल ने कहा कि यह हत्या किम जोंग उन के नेतृत्व वाले प्योंगयांग प्रशासन की ‘बर्बर एवं अमानवीय’ प्रकृति को दर्शाती है.

मलेशिया में पुलिस कुआलालम्पुर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की सीसीटीवी फुटेज की जांच करके यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि सोमवार सुबह किए गए हमले के दौरान क्या हुआ.

दुनिया के सबसे अलग-थलग देश उत्तर कोरिया की सियासत पर यह बात सबसे ज्यादा लागू होती है कि सत्ता के खेल में कोई स्थायी दोस्त या रिश्तेदार नहीं होता.

सोमवार को मलेशिया के क्वावालंपुर एयरपोर्ट पर  किम जोंग-उन के सौतेले भाई किम जोंग-नाम का सनसनीखेज कत्ल इस हकीकत की एक और बानगी है.

किम जोंग-नाम उत्तर कोरिया के मौजूदा तानाशाह किम जोंग-उन के सौतेले भाई हैं. उनके पिता किम जोंग-इल जो कि किम जोंग-उन के भी पिता थे, पहले उत्तर कोरिया के सर्वेसर्वा थे.

माना जाता है कि किम जोंग-नाम का जन्म 10 मई 1971 को हुआ था. किम जोंग-नाम की मां किम जोंग-इल की पसंदीदा प्रेमिकाओं में से एक थीं.

साल 1994 से 2001 तक उन्हें उत्तर कोरिया की सत्ता का वारिस माना जाता था. सार्वजनिक जलसों पर अपने पिता के साथ वही नजर आते थे.

एक समय उत्तर कोरिया का नेतृत्व संभालने वाले किम जोंग नाम साल 2001 में जापान में फर्जी पासपोर्ट के जरिये घुसने की कोशिश करते पकड़े गए. पकड़े जाने के बाद उन्होंने बताया था कि वह टोक्यो के डिज्नीलैंड जाना चाहते थे.

पर फर्जी पासपोर्ट के सहारे जापान में प्रवेश की इस शर्मनाक कोशिश के बाद कभी समर्थन नहीं मिल पाया.

जापान को सबसे बड़े दुश्मनों में शुमार करने वाली उत्तर कोरियाई सरकार के लिए ये खता बर्दाश्त के काबिल नहीं थी. लिहाजा किम जोंग-नाम का नाम कट सा गया.

इस घटना के बाद किम जोंग-इल ने उन्हें अपने वारिस के तौर पर पेश करना बंद कर दिया. साल 2011 में पिता की मौत के बाद वो उनके जनाजे में भी नहीं दिखे.

लेकिन उत्तर कोरियाई तानाशाह की नजर में किम का इकलौता गुनाह यही नहीं था. उन्होंने कई बार अपने भाई की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए थे.

कई जानकारों के मुताबिक वो उत्तर कोरिया में राजनीतिक और आर्थिक सुधारों के हिमायती थे. उन्हें चाचा चांग सोंग-थाइक का करीबी माना जाता था जिन्हें किम जोंग-उन ने 2013 में मरवा दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- उन्हें भूखे कुत्तों के आगे छोड़ दिया गया था.

बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किम जोंग-उन सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं. उन्होंने कथित रूप से अनेक हत्याओं को अंजाम दिलाया है.

दक्षिण कोरिया की संवाद समिति योनहाप ने अपनी एक रिपोर्ट में दक्षिण कोरियाई सरकार के सूत्रों के हवाले से कहा कि किम जोंग-नाम की हत्या सोमवार को हुई. सूत्र ने इस संबंध में कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं दी.

हाल के सालों में उनकी छवि एक ऐसे वजनी शख्स की बनी थी, जिसकी लड़कियों में खास दिलचस्पी थी और जो अपने परिवार के खिलाफ मुखर था.

योनहाप ने एक अन्य सूत्र के हवाले से दावा किया है कि उत्तर कोरिया की जासूसी एजेंसी ‘द रेकन्नोयसां जनरल ब्यूरो’ ने हवाई अड्डे पर जोंग-नाम के अंगरक्षकों और मलेशियाई पुलिस के बीच सुरक्षा खामियों का लाभ उठा कर हत्या को अंजाम दिया है.

दक्षिण कोरियाई प्रसारक टीवी चोसुन के अनुसार-दो महिला एजेंटों ने कुआलालंपुर के एक हवाई अड्डे पर जहर की सुई का उपयोग कर 45 वर्षीय जोंग-नाम की हत्या की. इस रिपोर्ट में अनेक सरकारी सूत्रों के हवाले का दावा किया गया और कहा गया है कि दोनों महिलाएं एक कार से फरार हो गईं.

सेलांगोर राज्य के आपराधिक जांच प्रमुख फदजिल अहमद के हवाले से मलेशिया के ‘द स्टार’ समाचार पत्र ने कहा, ‘उन्होंने प्रस्थान हॉल में रिसेप्शनिस्ट को बताया कि किसी ने उनका चेहरा पीछे से पकड़ा और उन पर कोई तरल पदार्थ छिड़क दिया.’

फदजिल ने कहा, ‘उन्होंने मदद मांगी और उन्हें तत्काल हवाईअड्डे के क्लीनिक भेजा गया. उस समय उनके सिर में दर्द हो रहा था और वह अंतिम सांसें ले रहे थे. उन्होंने कहा, ‘क्लीनिक में पीड़ित को हल्का दौरा पड़ा. उन्हें एम्बुलेंस के जरिए पुत्रजय अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित किया गया.’
 
गौर करने लायक बात ये है कि दोनों भाई कभी असलियत में एक दूसरे से नहीं मिले थे. ऐसा इसलिए क्योंकि उत्तर कोरिया में शासन चलाने वाले परिवार के वारिसों को अलग-अलग पाला जाता है.
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