लाहौर धमाके में डीआईजी समेत 16 की मौत, 6 महीने में 263 लोगों की मौत

जनता जनार्दन डेस्क , Feb 14, 2017, 9:16 am IST
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लाहौर धमाके में डीआईजी समेत 16 की मौत, 6 महीने में 263 लोगों की मौत लाहौर: पाकिस्तान के लाहौर में एसेंबली के पास बड़े धमाके में डीआईजी ट्रैफिक समेत 16 लोगों के मारे जाने की खबर है. धमाके में करीब 60 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इनमें करीब 11 घायलों की हालत गंभीर बतायी जा रही है.

अस्पताल के आस-पास भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. धमाका इतना जोरदार था कि आस पास की कई इमारतों के कांच टूट गए. जिस वक्त धमाका हुआ उस वक्त कई लोग विरोध प्रदर्शन के लिए वहां मौजूद थे.

लाहौर के पुलिस प्रमुख अमीन वैंस ने कहा, ‘‘उप महानिरीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मोबीन अहमद इस विस्फोट में मारे गए हैं.’’ बहरहाल, उन्होंने हताहत हुए दूसरे लोगों के बारे पुष्टि नहीं की है.

उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल मैं अहमद की मौत की पुष्टि कर सकता हूं.’’ पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ख्वाजा सलमान रफीक ने कहा कि विस्फोट में 60 से अधिक लोग घायल हो गए. घायलों में 11 की हालत गंभीर है.

प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से अलग हुए समूह जमात-ए-अहरार ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. इसी समूह ने पिछले साल 27 मार्च को लाहौर में गुलशन-ए-इकबाल पार्क में हुए विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी. ईस्टर के दौरान हुए धमाके में 75 लोग मारे गए थे जिनमें अधिकांश ईसाई समुदाय के लोग थे.

लाहौर में असेंबली के निकट विस्फोट के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया. फोरेंसिक टीमें मौके पर सबूत एकत्र कर रही हैं और जांच आरंभ कर दी है. डीआईजी अहमद पर बलूचिस्तान में तैनाती के दौरान हमला हुआ था जिसमें वह बाल बाल बच गए थे.

लाहौर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह आत्मघाती हमला था और हमलावर ने रैली स्थल पर मौजूद पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया. पंजाब के कानून मंत्री राणा सनाउल्लाह ने इसकी पुष्टि की है कि यह आत्मघाती हमला था और इसमें ‘कुछ पुलिस अधिकारी’ मारे गए हैं. विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इसकी आवाज कई किलोमीटर तक सुनी गई.

प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस विस्फोट की निंदा की और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी. शरीफ ने कहा, ‘‘हम अपने बीच के आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं और इस कैंसर से अपने लोगों को मुक्त कराने तक इस लड़ाई को जारी रखेंगे.’’ सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा ने भी इस हमले की निंदा की है.

साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल के मुताबिक साल 2016 में आतंकी हमलों में पाकिस्तान के लगभग 612 नागरिकों और 293 सुरक्षा कर्मियों की मौत हुई है. इस आंकड़े के मुताबिक 2016 में लगभग 1803 आतंकी भी मारे गए हैं.

इस पोर्टल के मुताबिक 2003 से लेकर 2017 तक आतंकी हमलों में 21,527 लोगों की मौत हुए है. इसके अलावा इन हमलों में 6674 सुरक्षा कर्मी और 33,363 आतंकी भी मारे गए हैं.

7 अगस्त 2016: क्वेटा के सिविल हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में एक सुसाइड बॉम्बर ने खुद को उड़ा लिया. इस धमाके में लगभग 70 लोगों की मौत हुए जबकि दर्जनों घायल हुए. इसकी जिम्मेदारी तहरी-ए-तालिबान पाकिस्तान ने ली.

1 सितंबर 2016 : पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा इलाके में एक तालिबानी बॉम्बर ने खुद को बम से उड़ा लिया. इस धमाके में 13 लोगों की मौत हुई जबकि 54 घायल हो गए.

16 सितंबर 2016: पाकिस्तान की एक मस्जिद में एक तालिबानी सुसाइड बॉम्बर ने खुद को उड़ा लिया जिससे 36 लोगों की मौत हो गई. यह ब्लास्ट जुमे की नमाज के दौरान किया गया.

17 अक्टूबर 2017: पाकिस्तान के लियाकदाबाद इलाके में हुए एक ग्रेनेड ब्लास्ट में एक बच्चे की मौत हो गई. इस धमाके में लगभग 20 लोग घायल हो गए.

2 जनवरी 2017: पाकिस्तान के बलुचिस्तान इलाके में रोड के किनारे हुए बम धमाके में छह लोग घायल हो गए.

21 जनवरी 2017: पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर के करीब धमाके की वजह 25 लोग मारे गए जबकि 87 घायल हो गए.
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