यूपी विधानसभा चुनाव 2017: कड़ी सुरक्षा के बीच पहले चरण में 73 सीटों पर मतदान जारी
जनता जनार्दन डेस्क ,
Feb 11, 2017, 11:30 am IST
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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में शनिवार को मतदान हो रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 15 जिलों की 73 विधानसभा सीटों पर मतदान सुबह सात बजे से जारी है। इस चरण में 2,60,17,128 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। पहले चरण में 839 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम मशीनों में कैद हो जाएगी।
- गगन सोम पर बूथ में पिस्टल ले जाने का आरोप - गगन सोम मेरठ के सरधना सीट से बीजेपी विधायक संगीत सोम के भाई हैं - मेरठ पुलिस ने गगन सोम को हिरासत में लिया - वहां के लोगों ने कहा विकास नहीं तो वोट नहीं - अलीगढ़ के अतरौली विधानसभा क्षेत्र के कुछ बूथों पर मतदान वहिष्कार की खबरें - हापुड़ में सुबह नौ बजे तक 10 फीसदी हुआ मतदान - गाजियाबाद में सुबह नौ बजे तक 11 फीसदी हुआ मतदान - आगरा में भी सुबह नौ बजे तक 12 फीसदी हुआ मतदान - फिरोजाबाद में सुबह नौ बजे तक 12 फीसदी हुआ मतदान - फिरोजाबाद में भी कुछ जगहों पर वोटिंग के वहिष्कार की खबरें हैं - मथुरा में कुछ स्थानो पर वोटिंग के वहिष्कार की खबरें हैं -सरधना सीट से बीजेपी उम्मीदवार संगीत सोम ने भी वोट डाला -साहिबाबाद में बाल भारती पब्लिक स्कूल पर वोट देने पहुंचे अमर सिंह -मथुरा से बीजेपी उम्मीदवार श्रीकांत शर्मा ने वोट डाला -बागपत के बारौत में चुनाव अधिकारी ने वोटरों को गुलाब का फूल दिया -हापुड़ के फ्री गंज रोड के बूथ पर ईवीएम मशीन की खराबी की वजह से वोटिंग शुरू नहीं हो सकी -मथुरा के गोवर्धन इलाके में ईवीएम मशीन की खराबी की वजह से वोटिंग शुरू नहीं हो सकी -इस बीच कई जगहों पर ईवीएम मशीन में खराबी की भी खबर है -मेरठ से बीजेपी प्रत्याशी लक्ष्मीकांत वाजपेई अपने परिवार के साथ सुबह-सुबह मंदिर में पूजा करने पहुंचे -पहले चरण की 73 सीटों पर वोटिंग शुरू हो गई है 2012 में 15 जिलों की 73 विधानसभाओं के 61.03 फीसद मतदाताओं ने अपने अधिकार का इस्तेमाल किया था। इस बार चुनाव आयोग यह आंकड़ा पार करने की उम्मीद कर रहा है।आयोग ने अपने स्तर पर इसके लिए सारे प्रयास किए हैं तो जागरूक मतदाताओं ने भी रैलियों, गोष्ठियों और मानव श्रृंखलाओं में जबरदस्त भागीदारी करके कदम दर कदम उसका साथ दिया है। इसके अलावा और भी कई कारण हैं जो रिकार्ड मतदान होने की ओर संकेत करते हैं। पश्चिमी उप्र में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद से लगातार गर्मा रहे सियासी माहौल से भी मतदाता अछूता नहीं है।मौसम भी लोगों के अनुकूल है।वर्ष 2012 का विधानसभा चुनाव फरवरी-मार्च के खुशनुमा मौसम में हुए तो पहली बार राज्य के विधानसभा चुनाव में 59.40 फीसद वोटिंग हुई थी। पहले चरण के मतदान की जानकारी देते हुए प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी. वेंकटेश ने कहा कि पहले चरण में कुल 2,60,17,128 मतदाता वोट डालेंगे। इसमें 1,42,76,128 पुरुष और 1,17,76,308 महिलाएं शामिल हैं। मतदान के लिए 14514 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि पहले चरण में कुल 839 प्रत्याशी हैं। इसमें महिला प्रत्याशियों की संख्या 77 है। मतदेय स्थलों पर 2362 डिजिटल कैमरे, 1526 वीडियो कैमरे लगाए गए हैं। 2,857 जगहों पर वेब कास्टिंग की व्यवस्था भी की गई है। टी. वेंकटेश ने बताया कि पहले चरण के मतदान के लिए 826 कंपनी अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। इसके अलावा 8011 सब इंस्पेक्टर, 4823 मुख्य आरक्षी तथा 60289 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। मतदान केंद्रों पर 124528 मतदान कर्मियों की तैनाती की गई है। उन्होंने बताया कि मतदान के दौरान 62 जनरल ऑब्जर्वर, 19 व्यय प्रेक्षकों एवं 10 पुलिस ऑब्जर्वरों की तैनाती की गई है। पहले चरण के तहत इन सीटों पर हो रहा है मतदान कैराना, थानाभवन, शामली, बुढ़ाना, चरथावल, पुरकाजी (सुरक्षित), मुजफ्फरनगर, खतौली, मीरापुर, छपरौली, बड़ौत, बागपत, सिवालखास, सरधना, हस्तिनापुर (सुरक्षित), किठौर, मेरठ कैंट, मेरठ शहर, मेरठ दक्षिण, लोनी, मुरादनगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद, मोदीनगर, नोएडा, दादरी, जेवर, धौलाना, हापुड़ (सुरक्षित), गढ़मुक्तेश्वर, सिकंदराबाद, बुलंदशहर, स्याना, अनूपशहर, डिबाई, शिकारपुर, खुर्जा (सुरक्षित), खैर (सुरक्षित), बरौली, अतरौली, छर्रा, कोल, अलीगढ़, इगलास (सुरक्षित), छाता, मांट, गोवर्धन, मथुरा, बलदेव (सुरक्षित), हाथरस (सुरक्षित), सादाबाद, सिकंदर राऊ, एतमादपुर, आगरा कैंट, आगरा दक्षिण, आगरा उत्तर, आगरा ग्रामीण (सुरक्षित), फतेहपुर सीकरी, खेरागढ़, फतेहाबाद, बाह, टूंडला (सुरक्षित), जसराना, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद, सिरसागंज, अलीगंज, एटा, मारहरा, जलेसर (सुरक्षित), कासगंज, अमनपुर, पटियाली। पहले चरण में मतदाताओं की संख्या के लिहाज से गाजियाबाद का साहिबाबाद सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र है, वहीं एटा का जलेसर सबसे छोटा क्षेत्र है। आगरा दक्षिण सीट से सबसे ज्यादा 26 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं हस्तिनापुर से सबसे कम छह प्रत्याशी मैदान में हैं। राज्य में 11 फरवरी से आठ मार्च के बीच सात चरणों में मतदान होगा। पहले चरण में विभिन्न पार्टियों के कई छत्रपों की प्रतिष्ठा दांव पर होगी।नोएडा सीट पर केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका कैराना से, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा और कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता प्रदीप माथुर मथुरा सीट से तथा भाजपा के विवादास्पद विधायक संगीत सोम और सुरेश राणा क्रमश: सरधना और थाना भवन से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा के पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी (मेरठ), राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे दामाद राहुल सिंह (सिकन्दराबाद) और राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह (अतरौली) की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। इस चरण में ज्यादातर उन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा, जहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। इस चरण में वर्ष 2013 के दंगों का दंश झेलने वाले मुजफ्फरनगर एवं शामली के जिलों में भी मतदान होगा। वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इन क्षेत्रों में काफी अच्छा प्रदर्शन किया था।पहले चरण का चुनाव खासकर बसपा अध्यक्ष मायावती और उनकी पार्टी के लिये अग्नि परीक्षा जैसा होगा। मायावती इस बार चुनाव में दलित-मुस्लिम वोट बैंक पर भरोसा करके चुनावी नैया पार लगाने का मंसूबा बांध रही हैं। मायावती ने इस बार कुल 403 में से सबसे ज्यादा 99 मुसलमानों को चुनाव का टिकट दिया है। पहले चरण का चुनाव यह तय करेगा कि बसपा की यह रणनीति कितनी कारगर होती है और क्या वह वर्ष 2012 के मुकाबले मुस्लिम वोट बैंक में और गहरी सेंध लगा पाती है या नहीं।वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कुल 136 सीटों में से सपा को 58 और बसपा को 39 सीटें मिली थीं। यह देखने वाली बात होगी कि सपा पश्चिमांचल में वर्ष 2012 जैसी कामयाबी दोहरा पायेगी या नहीं। पहले दो चरणों में मतदाताओं खासकर अल्पसंख्यक वर्ग के मतदाताओं का रझान चुनाव के रख को तय कर सकता है। इससे तय हो जाएगा कि चुनावी मुकाबला भाजपा और सपा के बीच है या भाजपा और बसपा के बीच, अथवा यह त्रिकोणीय लड़ाई होगी। चूंकि पहले चरण का चुनाव मुस्लिम बहुल इलाकों में हो रहा है, इसलिये असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम भी असर डाल सकती है।प्रदेश विधानसभा का पहले चरण का चुनाव जिन क्षेत्रों में होगा, उनमें से कई संवेदनशील हैं। मुजफ्फरनगर के 887 में से 600 मतदान केन्द्र संवेदनशील हैं। यहां पैनी नजर रखने के लिये वीडियो कैमरे लगाये गये हैं। वर्ष 2013 में दंगों से गुजरने वाले मुजफ्फरनगर तथा शामली में अर्धसैनिक बलों के करीब छह हजार जवान तैनात किये गये हैं।मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि कैराना में जो भी लोग किन्हीं कारणों से पलायन कर गये हैं, अगर वे अपने क्षेत्र में वोट डालना चाहेंगे तो स्थानीय प्रशासन उन्हें पूरी सुरक्षा तथा मदद मुहैया कराएगा। जैदी ने कहा कि शाम पांच बजे तक मतदान केन्द्र में पहुंचने वाले हर मतदाता को वोट डालने दिया जाएगा, चाहे इसके लिये निर्वाचनकर्मियों को कुछ देर ज्यादा ही क्यों ना काम करना पड़े। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान मतदाताओं में शराब का वितरण रोकने के लिये आबकारी विभाग ने प्रदेश से जुड़ी अन्तरराज्यीय तथा नेपाल से सटी अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर चौकियां बनाई हैं। जैदी ने कहा कि आयोग ने चुनाव से सम्बन्धित एक पुलिस प्रकोष्ठ गठित किया है जो व्हाट्सऐप तथा अन्य सोशल मीडिया माध्यमों पर भेजे जाने वाले संदेशों पर नजर रखेगा। उन्होंने कहा कि मतदान केन्द्रों में किसी चुनावकर्मी की तबीयत खराब होने पर उसे हवाई मार्ग से ले जाने के लिये हेलीकाप्टर का इंतजाम किया जाएगा और नकदी रहित इलाज की व्यवस्था होगी। |
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