नोएडा के नटवरलालः 7 लाख लोगों से की 3,726 करोड़ की ऑनलाइन ठगी

नोएडा के नटवरलालः 7 लाख लोगों से की 3,726 करोड़ की ऑनलाइन ठगी नोएडा: उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने सोशल ट्रेडिंग के नाम पर लगभग 3,726 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का खुलासा किया है. इस मामले में एसटीएफ ने कंपनी के मालिक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और कंपनी का खाता भी सीज कर दिया है, जिसमें लगभग 500 करोड़ रुपये की राशि बताई जाती है.

एसटीएफ ने ये गिरफ्तारियां नोएडा के सेक्टर-63 के एफ ब्लाक में चल रही कंपनी से की.

एसटीएफ के मुताबिक इन लोगों ने लगभग सात लाख लोगों से पोंजी स्कीम के जरिये डिजिटल मार्केटिंग के नाम पर इतनी बड़ी ठगी को अंजाम दिया है. उत्तर प्रदेश एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने बताया कि एसटीएफ को सूचना मिली थी कि सेक्टर-63 के एफ ब्लाक में अब्लेज इन्फो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा पोंजी स्कीम के तहत लोगों से फर्जीवाड़ा किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि कंपनी लोगों को सोशल ट्रेड बिज पोर्टल से जोड़ने के लिए 50 से 60 हजार रूपए कंपनी एकाउंट में जमा करने को कहती थी. उसके बाद हर सदस्य को पोर्टल पर चलने वाले विज्ञापन को लाइक करने के लिए हर क्लिक पर घर बैठे पांच रूपए मिलते थे.

हर सदस्य को अपने नीचे दो और लोगों को जोड़ना होता था, जिसके बाद सदस्य को अतिरिक्त पैसे मिलते थे. उन्होंने बताया कि कंपनी अपने विज्ञापन खुद डिजाइन कर पोर्टल पर डालती थी और सदस्यों से लिये गये पैसे को उन्हीं को वापस करती थी.  

एसटीएफ प्रवक्ता ने बताया कि अब्लेज इन्फो साल्यूशन्स प्रा. लिमिटेड नामक कंपनी की धोखाधडी का एसटीएफ ने खुलासा किया है. यह कंपनी पहले 'सोशलट्रेड डाट बिज' आनलाइन पोर्टल से परिचालन करती थी, लेकिन बाद में ‘फ्रेन्जप डाट काम’ वेबसाइट से परिचालन करने लगी.

प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी पिछले कई वषरे से बेवसाइट के माध्यम से निवेशकों को आसान तरीके से घर बैठे पैसा कमाने का लालच देकर भारी फर्जीवाडा करती आ रही है. गोपनीय जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि उपरोक्त कंपनियों द्वारा कई बैंकों में बहुत ही कम समय में भारी मात्रा में धनराशि एकत्र की गयी.

सात लाख लोगों से 3,726 सौ करोड़ की ठगी करने वाली कंपनी के निदेशक अनुभव मित्तल ने बीटेक की पढ़ाई पूरी करने से पहले ही ठग कंपनी बना ली थी. वर्ष 2011 में अनुभव ने ग्रेटर नोएडा स्थित कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई पूरी की है.

उससे एक वर्ष पहले उसने वर्ष 2010 में ही एब्लेज एन्फो सॉल्युशन नाम की कंपनी की शुरुआत कर दी थी. जिसका पता एसपी मुखर्जी मार्ग चांदनी चौक नई दिल्ली है. कंपनी के रजिस्टर्ड पते पर जांच में एसटीएफ को वहां कोई कार्यालय नहीं मिला.

कंपनी में अनुभव ने अपने अलावा पिता सुनील मित्तल को भी डायरेक्टर बना दिया. सुनील का हापुड़ में मित्तल इलेक्ट्रानिक्स के नाम से दुकान है. पूछताछ में अनुभव ने एसटीएफ को नवनिर्मित कंपनी को उसने ग्रेटर नोएडा स्थित इंस्टीटयूट के हास्टल से शुरू करना बताया है. बीटेक पास करने के बाद साफ्टवेयर डेवलपमेंट का काम बहुत छोटे स्तर पर प्रारंभ किया.

करीब छह माह पहले सीईओ के पद पर काम शुरू करने वाला श्रीधर प्रसाद दिल्ली से एमबीए की पढ़ाई करने के बाद एक टेलीकाम कंपनी में सेल्स मैन से नौकरी शुरू कर सेल्स मैनेजर तक पहुंचा था. 2001 में हैदराबाद स्थित कंपनी में बिजनेस डेवलपर के पद पर कार्य किया.

2010 में एक दूसरी कंपनी में नाइजिरिया में सहायक बिजनेस डेवलपर के रूप में कार्य किया. सोशल ट्रेड डॉट बिज में श्रीधर की पत्नी ने सदस्यता ली थी. बिजनेस मॉडल को समझने के चक्कर में कई बार उसकी और अनुभव की मुलाकात हुई.

एसटीएफ को प्रारंभिक जांच में पता लगा है कि कंपनी से सात लाख लोग जुड़े है. जिनकी करीब नौ लाख आइडी के साथ कंपनी में पैसा जमा किया गया है. जिसके जरिए कंपनी में करीब 37 सौ 26 करोड़ रुपये कंपनी में जमा किए गए हैं.

कंपनी का राजनगर गाजियाबाद स्थित केनरा बैंक के खाते में 480 करोड़ व यश बैंक के खाते में 44 करोड़ रुपये मिले. जिसे एसटीएफ ने फ्रीज कराया है. एसटीएफ के अनुसार इनके बताए गए पैकेज को लेने के लिए कोई एक बार जुड़ जाता तो 21 दिन के अंदर दो सदस्यों को जोड़ना अपेक्षित होता है. जिसे बूस्टर कहा जाता था. जिसकी वजह से ही ग्राहकों की चेन बनती चली जाती थी.

एसटीएफ के मुताबिक कंपनी द्वारा दिए गए स्कीम के पैसे नहीं मिलने पर लोगों ने शिकायत करनी भी शुरू कर दी थी। जांच में कंपनी के मेल सर्वर पर पैसे कंपनी द्वारा नहीं मिलने पर लाखों की संख्या में शिकायतें मिली हैं. जिसका डाटा एकत्रित किए जा रहे है. जांच में कंपनी के प्रचलित खाते बंद कराना और नये बैंक में खाता खुलवाने से भी संदिग्धता प्रदर्शित हुई.

आरबीआई, ईओडब्ल्यू, वित्त मंत्रालय और नोएडा प्रशासन को भी शिकायतें मिली हैं. एसटीएफ के अनुसार शिकायतें सोशल ट्रेड डॉट बिज के विरूद्ध मिल रही थी. इसलिए कंपनी ने दिसंबर 2016 के अंत में सोशल ट्रेड डॉट बिज से माइग्रेट कर फ्री हब डॉट कॉम लांच कर दिया और फिर 10 दिन बाद इंटमार्ट डॉट कॉम पर माइग्रेट कर दिया. वहीं 27 जनवरी को फिर से इंटमार्ट से फ्रेंजप डॉट कॉम पर माइग्रेट कर लिया था. करीब सात दिन पहले एब्लेज का बोर्ड हटाकर दूसरी एक कंपनी का बोर्ड लगाया था.

एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि फर्जीवाड़े के मामले में इलेक्ट्रानिक डेटा का सर्च और सीजर फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री लखनऊ के एक्सपर्ट कर रहे हैं. केस भी यहां से ट्रांसफर कराकर साइबर थाने से कराई जाएगी. इसके अलावा पोंजी स्कीम के द्वारा किए गए फ्रॉड के संबंध में रिजर्ब बैंक ऑफ इंडिया, इनकम टैक्स विभाग और सेबी को आवश्यक कार्रवाई के लिए सूचित कर दिया गया है.

गिरफ्तार मुख्य आरोपी के कुछ नेता और अभिनेताओं से भी संपर्क की बाते सामने आई हैं। एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि बॉलीवुड के कुछ लोगों से संपर्क की बात है. कंपनी से जुड़े लोगों के डायमंड क्लब, गोल्डेन क्लब बना रखे थे. डायमंड क्लब के लोग आस्ट्रेलिया जाने वाले थे.

एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद पिछले करीब 15 दिन से एसटीएफ इस केस की जांच में लगी हुई थी. एक फरवरी को अनुभव और उसके दो साथियों को सेक्टर 63 स्थित कंपनी पर छापेमारी कर पकड़ा. अनुभव मित्तल के पिता व कंपनी के पूर्व डायरेक्टर सुनील कुमार मित्तल एवं अनुभव की पत्नी आयुषी तथा वर्तमान सह डायरेक्टर एवं सन्नी मेहरा नामजद है.

एसटीएफ के सामने लाइक करने के लिए दिए जाने वाले यूआरएल की जांच कराना बड़ी चुनौती है। आरोपी इसके लिए 12 सर्वर किराए पर ले रखा था।

पुलिस जांच में सामने आया है कि socialtrade.biz के पोर्टल से जुड़ने के लिए 5750 रुपये से लेकर 57,500 रुपये के बीच में कंपनी के अकाउंट में जमा करना होता था, जिसके बदले हर सदस्य को हर क्लिक पर 5 रुपये घर बैठे देगा.हर सदस्य को अपने नीचे 2 और लोगों को जोड़ना होता था, जिसके बाद मेंबर को एक्स्ट्रा पैसे मिलते थे.

बताया जा रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय की नजरों से बचने के लिए यह कंपनी वर्चुअल वर्ल्ड में लगातार नाम बदल रही थी. पहले socialtrade.biz फिर freehub.com से intmaart.com से frenzzup.com और फिर 3W.com के नाम से धोखाधड़ी का खेल चल रहा था।

बताया जा रहा है कि कई सदस्यों को पैसे मिलना बंद हुए, तो उन्होंने नोएडा के फेज़-3 थाने और सूरजपुर थाने में मामला दर्ज कराया. बैंक खातों की जांच से सामने आया है कि यह फर्जीवाड़ा 3700 करोड़ रुपये का है.

एसटीएफ ने कंपनी की 500 करोड़ की रकम को ट्रैक करके सीज कर दिया है. नोएडा में इस फर्जीवाड़े के खुलासे से हड़कंप मच गया. एसटीएफ की तफ्तीश में आगे भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं.
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