फिल्‍मकार नहीं सिर्फ यह उम्‍मीद लेकर मुंबई आये थे रॉकस्टार निर्देशक इम्तियाज अली

फिल्‍मकार नहीं सिर्फ यह उम्‍मीद लेकर मुंबई आये थे रॉकस्टार निर्देशक इम्तियाज अली पणजी: बालीवुड में ‘जब वी मेट', ‘लव आज कल', ‘रॉकस्टार' जैसी फिल्मों से अलग पहचान बना चुके निर्देशक इम्तियाज अली का कहना कि जब वह मुंबई आए थे, तो उनका फिल्मकार बनने का कोई इरादा नहीं था, बल्कि किसी काम की तलाश में थे, ताकि वह वहां रह सके.

निर्देशक ने कहा कि भविष्य के लिए योजना बनाने की बजाय, वह केवल जीवन में जो भी उनके समक्ष आता है उस पर ध्यान केंद्रित करते हैं. इम्तियाज ने कहा, ‘मैं हमेशा से ही थिएटर करता था और जहां तक मुझे याद है...मैं मुंबई नौकरी की तलाश में आया था और मैं कोई भी काम करने के लिये तैयार था.'
उन्होंने कहा, ‘मैंने पहले बतौर निर्माण-सहायक (प्रोडक्शन असिस्टेंट) और फिर क्रिएटिव कॉन्सेप्चुलाइजर काम किया...और फिर आखिरकार मैंने टेलीविजन पर निर्देशन करना शुरु किया.' निर्देशक ने कहा, ‘मैंने टेलीविजन पर काम करते समय ही फिल्मों के लिए लिखना शुरू कर दिया था, लेकिन मुझे कोई सफलता नहीं मिली. इसलिए मैंने टेलीविजन पर काम करना जारी रखा, क्योंकि मुझे अपना घर चलाना था. मुझ पर काफी जिम्मेदारियां थी. '

बालीवुड को कई सफल प्रेम कहानियां देने वाले इस निर्देशक को पूर्व में किए अपने किसी भी काम को लेकर कोई पछतावा नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि मैंने जो भी किया, वह अच्छा था...क्योंकि इससे मुझे काम करने को मिला. मैं नौकरी पाकर खुश था. मेरा लक्ष्य कभी भी निर्देशक बनना नहीं था.'

इम्तियाज ने कहा कि वह जब पीछे मुड़कर अपनी जिंदगी का सफर देखते हैं, तो उन्हें लगता है कि सब पहले से ही लिखा हुआ था. उन्होंने कहा, ‘अब जब..मैं सब चीजों का पुनरावलोकन करता हूं, तो यह आकस्मिक प्रतीत नहीं होता. ऐसा लगता है कि कोई कहानी लिख रहा था...लेकिन वह कोई निश्चित रूप से मैं नहीं था. मैं बस वह करता गया, जो मैं कर सकता था और जो मुझे करने का मौका मिला.'

इम्तियाज ने कहा, ‘आखिरकार मैंने एक पटकथा लिखी, जिसका नाम था, ‘सोचा ना था'. फिर मैं सनी देओल से मिला, उन्होंने बडे धैर्य से पूरी कहानी सुनी और अंत में उन्होंने कहा कि हम इस पर काम करेंगे.'

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