खुशखबरी! 2019 तक एक करोड़ लोगों को मिलेगा पक्का मकान 20 नवंबर को PM करेंगे योजना का शुभारंभ

खुशखबरी! 2019 तक एक करोड़ लोगों को मिलेगा पक्का मकान 20 नवंबर को PM करेंगे योजना का शुभारंभ नई दिल्ली: वर्ष 2019 तक देश भर में करीब एक करोड़ लोगों को पक्का मकान देने की योजना के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने स्पष्ट लक्ष्य तय कर लिए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 नवंबर को उत्तर प्रदेश में आगरा से प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की शुरुआत करेंगे। इसके साथ ही योजना के तहत पक्के मकान बनाने का काम तेज कर दिया जाएगा। मौजूदा वित्तीय वर्ष में 33 लाख मकान बनाए जाएंगे। आसन्न विधानसभा चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार का यूपी पर खास फोकस है। यूपी में अगले तीन साल में करीब 12 लाख पक्के मकान बनाए जाने हैं। इनमें से चार लाख 30 हजार मकान मौजूदा वित्तीय वर्ष में बनाए जाने हैं।

ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि पक्के मकान स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विशेष डिजाइन के तहत बनाए जाएंगे। आईआईटी दिल्ली और यूएनडीपी ने डिजाइन को अंतिम रूप दिया है। करीब 200 डिजाइनों में से कुछ डिजाइनों का अवलोकन भी प्रधानमंत्री आगरा में करेंगे। मकानों का डिजाइन इस तरह से तैयार किया गया है कि वे भूकंप, बाढ़, चक्रवात व अन्य प्राकृतिक आपदाओं को झेल सकें। करीब 18 राज्यों से टिकाऊ और गुणवत्ता युक्त मकानों को लेकर विचार विमर्श किया गया है। विशेष रूप से डिजाइन मकान बनाने के लिए राजमिस्त्रियों को करीब छह माह का प्रशिक्षण भी दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी आगरा में योजना के शुभारंभ के मौके पर इन राजमिस्त्रियों से भी मिलेंगे।

प्रधानमंत्री आवास योजना को पहले की तुलना में काफी अपग्रेड किया गया है। नए मकान 25 मीटर के होंगे। केंद्र सरकार मैदानी इलाकों में पक्का मकान बनाने के लिए 1.20 लाख रुपये देगी। जबकि पूर्वोत्तर और अन्य पर्वतीय क्षेत्रों के लिए 1.30 लाख रुपये की धनराशि देगी। इसके साथ ही मनरेगा के तहत 90 दिनों की मजदूरी के करीब 18 हजार रुपये भी मकान बनाने के लिए मिलेंगे। स्वच्छता अभियान के मद से भी 12 हजार रुपये दिए जाएंगे। कुल मिलाकर डेढ़ लाख रुपये मकान बनाने के लिए मिलेंगे। सरकार ने विभिन्न बैंकों से बात करके 70 हजार का ऋण देने की भी व्यवस्था की है। एक करोड़ मकान बनाने के लिए करीब 81 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2022 तक सभी जरूरतमंदों को आवास देने का लक्ष्य है। करीब दो करोड़ 90 लाख मकानों की जरूरत होगी। योजना के तहत लाभार्थियों का चयन सामाजिक व आर्थिक जनगणना 2011 को आधार बनाकर किया गया है। जो लोग एक या दो कमरों के कच्चे मकान में रह रहे हैं उन्हें योजना में प्राथमिकता दी गई है।
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