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सपा घमासानः शिवपाल ने पार्टी से निकाला एक मंत्री को, मुख्यमंत्री अखिलेश राज्यपाल से मिले

सपा घमासानः शिवपाल ने पार्टी से निकाला एक मंत्री को, मुख्यमंत्री अखिलेश राज्यपाल से मिले लखनऊः समाजवादी पार्टी में उठा तूफान अभी शांत नहीं पड़ा है. बुधवार को मंत्री पवन पांडे को राज्य सपा मुखिया शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. पांडे पर एमएलसी आशु मलिक को पीटने का आरोप है. पांडे को अखिलेश का करीबी माना जाता है. उन्हें 6 साल के लिए बाहर किया गया है. शिवपाल ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनसे पवन पांडे को मंत्री पद से बर्खास्त करने को कहा है.

इस बीच शिवपाल के सरकारी आवास से नेम प्लेट हटाई गई है. शिवपाल अब सरकारी आवास खाली कर रहे हैं. शिवपाल को मंत्री पद से बर्खास्त किया जा चुका है. इस बीच अखिलेश राज्यपाल से मिलने के लिए राजभवन पहुंचे.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्यपाल से मिलकर मुख्यमंत्री ने उनको 205 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी. इससे कयास लगाए जा रहें हैं कि सीएम दिखाना चाहते हैं कि उनकी सरकार पर मजबूत पकड़ है.

मंगलवार को मुलायम सिंह यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद लगा कि पार्टी और यादव परिवार में उठा तूफान अब शांत हो गया है. हालांकि पार्टी सुप्रीमो सुलह का कोई फॉर्मूला नहीं निकाल पाए हैं.

माना जा रहा है कि यादव परिवार के बीच की ये लड़ाई अब चुनावों में टिकट वितरण तक टल गई है. मंगलवार को हुई मुलायम सिंह यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद सूत्रों का मानना है कि अब अखिलेश कोई भी कठोर फैसला लेने नहीं जा रहे हैं.

मंगलवार को मुलायम ने बर्खास्त मंत्रियों की वापसी का फैसला मुख्यमंत्री पर छोड़ दिया था. अखिलेश यादव ने कहा कि वे अभी चुनावों पर फोकस कर रहे हैं. अखिलेश ने कहा कि मैं जल्द ही चुनाव की तैयारियां शुरू करूंगा. उनके लिए उत्तर प्रदेश का हित सर्वोपरी है और जो बातें उनके वश में नहीं हैं उसकी उन्हें चिंता नहीं है.

पार्टी से बर्खास्त रामगोपाल यादव पिता मुलायम सिंह यादव और पुत्र अखिलेश के बीच विवाद की हड्डी बन गए हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में रामगोपाल के सवाल पर मुलायम सिंह ने कहा था कि उसकी बात का कोई मतलब नहीं है, जबकि अखिलेश उनकी पार्टी में वापसी चाहते हैं और उनसे लगातार संपर्क में हैं.

समाजवादी पार्टी में मचे घमासान पर मंगलवार को फिर मुलायम सिंह ने दो टूक बात की. सरकार बेटे अखिलेश यादव चलाएंगे और शिवपाल और अमर सिंह पार्टी से निकाले नहीं जाएंगे. मुलायम सिंह यादव ने यह बात साफ कर दी कि पार्टी और परिवार में मचे घमासान के बावजूद वह अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री पद से हटाने की नहीं सोच रहे हैं.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बारे में पूछे जाने पर मुलायम सिंह यादव ने कहा कि यह बात सही है कि समाजवादी पार्टी को बहुमत उनके नाम पर मिला था, लेकिन अब दो महीने के लिए वह मुख्यमंत्री बनने की नहीं सोच सकते हैं. लेकिन मुलायम सिंह ने यह कहकर अखिलेश यादव के समर्थकों की चिंता बढ़ा दी कि मुख्यमंत्री कौन होगा इसका फैसला जीत कर आए विधायक करेंगे.

अखिलेश यादव के समर्थक चाहते हैं कि समाजवादी पार्टी उन्हें साफ तौर पर मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करे.

इस बीच रामगोपाल यादव ने एक बार फिर अपने भाई मुलायम सिंह यादव पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, 'मुलायम सिंह यादव को अखिलेश की लोकप्रियता से जलन हो रही है. हर बाप चाहता है कि उसका बेटा आगे बढ़े लेकिन यहां ऐसा नहीं हो रहा.'

इससे पहले सोमवार देर शाम अखिलेश यादव ने अकेले जाकर मुलायम सिंह से उनके घर पर मुलाकात की. जबकि शिवपाल यादव सीएम अखिलेश के आवास पर करीब 1 घंटे तक इंतजार करते और फिर वापस लौट गए. मुलायम सिंह ने कहा कि 2012 में बहुमत मेरे नाम पर मिला.
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