पानी पीते हुए इन 10 बातों का ज़रूर रखें ध्यान

पानी पीते हुए इन 10 बातों का ज़रूर रखें ध्यान पानी पीते हुए इन बातों का ज़रूर रखें खयाल

विज्ञान भी इस बात को मानता है कि पानी मनुष्य जीवन के लिए सबसे ज़रूरी फैक्टर है। आयुर्वेद और योग में भी पानी को भोजन से ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है। हमारे शरीर का 60 से 70 प्रतिशत हिस्सा पानी से बना है। हर दिन शरीर को 6 से 10 गिलास पानी की आवश्यकता होती है। आज हम आपको बता रहे हैं कि पानी को दवा की तरह कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा पानी पीने के क्या सही तरीके हैंं, ये भी जानना ज़रूरी है..

पानी पीजिये पर थोड़ा संभलकर:

1. एक साथ ही ज्यादा पानी नहीं पी जाना चाहिए। ऐसा करने से आपको अपच की परेशानी हो सकती है।  

2. भोजन के तुरंत पहले या फिर तुरंत बाद पानी न पीयें इससे अपच होता है। असल में भोजन को पचाने वाले रस को पानी ठंडा और पतला करता है ,जिससे कब्ज, अपच जैसी समस्याएं होती हैं। भोजन के दो घंटे बाद पानी पीना सेहत के लिए अच्छा होता है।

3. धूप से या शौच से आने के तुरंत बाद पानी न पीयें।

4. सुबह शौच से पहले ठंडा पानी पीयें। अधिक ठंडा पानी देर से पचता है जबकि उबाल कर ठंडा किया पानी जल्दी पचता है इसलिए किसी मरीज को देना हो तो उबालकर ठंड़ा किया पानी ही दें।  

5. प्य़ास लगे तो उसी समय जल पियें , जल हमेशा घूंट घूंट कर पीना चाहिये ,खडे होकर जल पीने से घुटना पकड़ लेता है जल हमेशा बैठकर ही पीना चाहिये।

6. खाली पेट प्यास लगे तो, गुड़ खाकर पानी पीजिये।

7. रात मे नींद खुलने पर तुरंत जल पीने से जुकाम हो जाता है।

8. पानी पीकर तुरंत दौड़ने या घुड़सवारी आदि करने से बचें।

9. पानी शांत चित होकर पीना चाहिए। ज्यादा दुखी, तनाव ,क्रोध आने पर तुरंत पानी न पीयें।

10. पानी कभी भी लेटकर या अंधेरे मे नहीं पीना चाहिए। पानी पीने के बाद पहली सांस नाक से न छोडकर मुंह से छोड़ें।

अन्य स्वास्थ्य लेख
वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल