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एसबीआई ने ब्लॉक किए 6 लाख डेबिट कार्ड, चीन निर्मित एटीएम मशीन का असर 32 लाख कार्डों पर

एसबीआई ने ब्लॉक किए 6 लाख डेबिट कार्ड, चीन निर्मित एटीएम मशीन का असर 32 लाख कार्डों पर मुंबईः स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने करीब 6 लाख डेबिट कार्ड्स को ब्लॉक कर दिया है. सुरक्षा चक्र में सेंध लगने की वजह से देश के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक एसबीआई ने यह फैसला लिया है.

बैंक के सूत्रों के मुताबिक एसबीआई के नेटवर्क से बाहर के किसी एटीएम से ऐसी गड़बड़ी हुई है. यह पहला मौका है, जब भारत में किसी बैंक ने इतने बड़े पैमाने पर अपने डेबिट कार्ड्स को ब्लॉक किया है.

एसबीआई के चीफ टेक्नॉलजी ऑफिसर शिव कुमार भसीन ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बताया, 'यह सिक्योरिटी ब्रीच का मामला है, लेकिन यह हमारे बैंकिंग सिस्टम से जुड़ा मसला नहीं है.

कई दूसरे बैंकों को भी इस समस्या का सामना करना पड़ा है। यह समस्या लंबे समय से चल रही है।' भसीन ने कहा कि एसबीआई नेटवर्क से जुड़े एटीएम ही इससे प्रभावित नहीं हैं.

भसीन ने कहा, 'इस मालवेअर से कुछ एटीएम प्रभावित हुए हैं. जब लोग वायरस से वायरस से प्रभावित एटीएम और स्विचेज में एटीएम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो उनके डेटा के चोरी होने की संभावना बढ़ जाती है.'

एसबीआई के नेटवर्क से जुड़े तमाम ग्राहकों ने यह पाया है कि बैंक ने उनके डेबिट कार्ड को ब्लॉक कर दिया है. एसबीआई ने अपनी शाखाओं को ब्लॉक किए गए कार्ड्स के बारे में जानकारी दी है. जल्दी ही ब्लॉक किए गए कार्डों को दोबारा जारी किया जाएगा.

भसीन ने कहा, 'ग्राहकों को पैनिक में आने की जरूरत नहीं है. वह ब्रांच में संपर्क कर सकते हैं, फोन बैंकिंग पर कॉल कर सकते हैं या फिर इंटरनेट के जरिए दोबारा कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं. इसके अलावा वह अपने डेबिट कार्ड का पिन नंबर भी इंटरनेट बैंकिंग के जरिए सेट कर सकते हैं.'

आशंका जताई जा रही है कि देशभर में अलग-अलग बैंकों के लगभग 32 लाख डेबिट कार्ड्स के डीटेल्स और पिन नंबर चोरी हो गए हैं. कहा जा रहा है कि ये कार्ड्स ऐसे एटीएम पर इस्तेमाल किए गए हैं जहां से मालवेयर के जरिए सूचनाएं चोरी की गई हैं.

जानकारों के मुताबिक देश के वित्तीय आंकड़ों की सुरक्षा में यह अब तक की सबसे बड़ी सेंधमारी है। बताया जा रहा है कि एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और ऐक्सिस बैंक इसके सबसे बड़े शिकार बने हैं। जिन 32 लाख कार्डों के पिन चोरी होने की आशंका है, उनमें करीब 26 लाख वीजा और मास्टर कार्ड हैं जबकि बाकी के 6 लाख रुपे कार्ड हैं। इनमें कुछ कार्ड्स का चीन के कुछ जगहों पर अनाधिकार इस्तेमाल हुआ है।

कहा जा रहा है कि हिटाची पेमेंट सर्विस सिस्टम से जुड़े एटीएम का इस्तेमाल करने वाले लोगों के पिन चोरी हुए हैं। हिताची पेमेंट सर्विस यस बैंक के लिए एटीएम नेटवर्क चलाती है। यह मामला इसी साल जुलाई के महीने में सामने आया था।

हालांकि बैंक का अब भी कहना है कि उसके एटीएम नेटवर्क में किसी तरह की कोई समस्या नहीं है और वह ग्राहकों की निजी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए कई कदम उठा रहा है। हालांकि यस बैंक का एटीएम नेटवर्क बहुत छोटा है लेकिन इन मशीनों से थर्ड पार्टी ट्रांजैक्शन के कारण कई बैंक प्रभावित हुए हैं।

इस मामले पर यस बैंक ने कहा, 'बैंक ने अपने सभी एटीएम की जांच की है जिसमें सुरक्षा में सेंध का कोई मामला सामने नहीं आया है। बैंक ग्राहकों, अन्य बैंकों और एनपीसीआई (नैशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) के साथ अपनी सेवाएं जारी रखे हुए है और सुनिश्चित करता है कि बैंक के एटीएम नेटवर्क और पेमेंट सर्विस का इस्तेमाल पूरी तरह सुरक्षित हैं।'

हालांकि, रेग्युलेटरी संस्था का कहना है, 'प्रभावित सिस्टम की जांच की गई है और जिन कार्डों के डीटेल्स चोरी हुए हैं उनकी पहचान की जा चुकी है। साथ ही बैंक अपने स्तर पर सुरक्षा के लिए कदम उठा रहा है।

इस घटना ने आरबीआई को भी अपने रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क का समीक्षा करने को मजबूर कर दिया है। आरबीआई ने बैंकों को कहा है कि वह तुरंत इस फ्रॉड के बारे में उसे सूचित करें। इस जानकारी को बिना पहचान उजागर किए अन्य बैंकों के साथ भी साझा किया जाएगा।'

हालिया घटना ने बैंकों के सामने सुरक्षा को लेकर नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। अभी तक ज्यादातर एटीएम फ्रॉड मशीनों पर स्किमर लगा कर या हिडन कैमरे के जरिए पिन नंबर चुरा कर ही किए जाते थे। हालांकि, प्रभावित बैंकों और नियामक संस्थाओं ने संभावित मालवेयर के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है.

कुछ जानकारों ने कहा कि जिस तरह एसबीआई ने बड़ी संख्या में नए डेबिट कार्ड इशू करने का फैसला लिया है उससे लगता है कि मालवेयर ने कार्ड के हार्डवेयर सिक्यॉरिटी मॉड्यूल तक पहुंच बना ली है जहां से कार्ड की जानकारी और पिन नंबर जाना जा सकता है।

हिताची पेमेंट सर्विस के एमडी लॉनी एंटनी ने कहा, 'पहली नजर में सिस्टम की सुरक्षा में किसी प्रकार की कोई खामी नजर नहीं आ रही है लेकिन जांच की अंतिम रिपोर्ट आने तक कुछ भी नहीं कहा जा सकता। मुझे नहीं लगता कि किसी बैंक को नए डेबिट कार्ड जारी करने की जरूरत है। कई बैंकों ने ग्राहकों को अपने एटीएम पिन नंबर बदलने को कहा है लेकिन बैंक ऐसे निर्देश आमतौर पर ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देते रहते हैं।'

हालांकि इस समस्या से प्रभावित डेबिट कार्डों की संख्या बहुत अधिक है लेकिन यह पूरे देश में इस्तेमाल हो रहे कार्डों के आधे प्रतिशत से भी कम है। आरबीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अभी पूरे देश में लगभग 60 करोड़ एटीएम कार्ड इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
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