वाराणसी हादसा: पुल गिरने की अफवाह से भगदड़, मृतकों की संख्या 25, राष्ट्रपति, पीएम दुखी, जांच के आदेश
अमिय पाण्डेय ,
Oct 16, 2016, 13:40 pm IST
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वाराणसीः शनिवार को वाराणसी के रामनगर पुल पर हुए हादसे के मामले में राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई सूचना के मुताबिक वाराणसी के एसपी सिटी, स्टेशन अफ़सर (एसओ) सिटी कोतवाली, एसओ रामनगर, एसओ मुग़लसराय और एसपी ट्रैफिक को निलंबित कर दिया गया है. इस बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को पत्र लिख कर हादसे पर गहरा दुख जताया है और मृतक व घायलों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है. वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में वाराणसी और चंदौली के बीच राजघाट पुल पर मची भगदड़ में मारे गये लोगों के प्रति शोक जताया है और जख्मी हुए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा- ‘वाराणसी में मची भगदड़ में लोगों की मृत्यु से मुझे गहरा आघात पहुंचा है. शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं. घायल लागों की शीर्घ स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना करता हूं.’ मैंने अधिकारियों से बात कर वाराणसी में मची भगदड़ के फलस्वरूप प्रभावित हुए लोगों को सभी संभव मदद सुनिश्चित करने के लिए कहा है. प्रधानमंत्री ने घटना में मारे गए लोगों के आश्रितों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से प्रति व्यक्ति 2 लाख रू. तथा गंभीर रूप से घायल लोगों को 50 हजार रू. प्रति व्यक्ति की दर से एकमुश्त सहायता राशि स्वीकृत की है. वाराणसी में गंगा किनारे जयगुरुदेव के दो दिवसीय सत्संग के पहले दिन शनिवार को राजघाट पुल से होकर शोभायात्रा के दौरान भगदड़ मचने से 25 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 50 घायल हो गए. मरने वालों में 20 महिलाएं शामिल हैं. हादसा राजघाट पुल पर दोपहर करीब 12:50 बजे हुआ. घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया और प्रशासन ने राहत कार्य के लिए अपनी कमर कस ली। इधर, विपक्ष ने हादसे के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया. लेकिन हादसे के पीछे एक और कारण भी सामने आ रहा है. वो है एक छोटी सी अफवाह. जी हां, एक वृद्धा की छोटी सी अफवाह से इतने बड़े हादसे को अंजाम मिला. शनिवार दोपहर 12.50 बजे थे. जय गुरुदेव के अनुयायियों का रेला शहर की परिक्रमा कर राजघाट पुल के आधे हिस्से तक पहुंच चुका था. इस दौरान मुगलसराय की ओर से कटे सर पहुंचने वाले अनुयायी भी परिक्रमा में शामिल होने के लिए पुल की ओर से लगे. भयानक भीड़ में चलना मुश्किल था. तभी पुल के नीचे से ट्रेन गुजरी. पुल में कंपन हुआ और वृद्धा चिल्ला पड़ी, पुल गिर रहा है. उसका चिल्लाना सबको इतना भारी पड़ गया. लोग बचने के लिए भागने लगें. परिणाम, भगदड़ और 25 लोगों की मौत. इसके पहले सीओ ट्रैफिक संतोश मिश्रा दो हमराहियों होमगार्ड धर्मेंद्र प्रसाद व अनिल कुमार के साथ भीड़ नियंत्रित कर रहे थे. पुल के दोनों ओर अनुयायियों का रेला था. इसके बावजूद पड़ाव और भदऊं चुंगी की ओर से बाहनों का आवागमन रोका नहीं गया था. धार्मिक समागम में शामिल होने आई एक प्रत्यक्षदर्शी शीला ने शनिवार को बातचीत में कहा, "ये समागम शाकाहार के प्रचार के लिए था. समागम के बाद जब लोग लौट रहे थे तब पुल पर जाने से लोगों को रोक दिया गया और फिर भगदड़ मच गई." लिहाजा जबरदस्त जाम लग गया. बाइक, रिक्शा, ऑटो, मिनी ट्रक, कारें, साइकिल सवार जहां -तहां जाम में फंसे थे. पैदल भी निकल पाना मुश्किल था. ऊपर से चिलचिलाती धूप ने सबको बेहाल कर दिया था. इसी दौरान राजघाट डॉटपुल (काशी स्टेशन के पास) मौजूद पुलिसकर्मियों ने पड़ाव से भदऊं की ओर से आने वाले अनुयायियों को यह कहकर लौटाना शुरू कर दिया कि आगे रास्ता रोक दिया गया है. लौट जाइए. इसके बाद तो और विकट स्थिति हो गई है. धूप से बेहाल दो लोग गश खाकर गिर पड़े. यह देख पुलिसवाले और शोभायात्रा के साथ चल रहे जय गुरुदेव के अनुयायी घबरा गए. इतने में पुल के नीचे से ट्रेन गुजरी. ऊपरी हिस्से में कंपन होने लगा. तभी जाम में फंसी एक वृद्धा ने शोर मचा दिया कि पुल गिर रहा है. इसके बाद तो स्थिति ऐसी बिगड़ी जिसका परिणाम 24 की मौत है. अब चालक वाहन मोड़कर भागने की कोशिश करने लगे, जिसे जिधर जगह मिली भागने की कोशिश करने लगा. राजघाट पुल पर करीब पांच सौ मीटर की दूरी में जहां-तहां बिखरे जूते-चप्पल, झंडे-डंडे, कपड़े हृदय विदारक हादसे की कहानी बयां कर रहे थे. स्टील के डिब्बे, ग्लास और बैग इधर-उधर पड़े थे. घटना के तीन घंटे बाद भी सामान जस का तस बिखरा पड़ा देख जो भी राहगीर गुजरता उसकी आंखे फटी रह जातीं. पुल से गुजरनेवाला हर व्यक्ति इस दृश्य को देख ठिठक जा रहा था. आसपास खड़े लोगों से पूछता रहा कि क्या हुआ? जितने मुंह उतनी बातें. शाकाहार समागम में दूसरे राज्यों से पहुंचे तमाम भक्त ऐसे थे जो भगदड़ के बाद अपनों को ढूंढते पुल पर पहुंचे. कुछ ऐसे भी थे जो बिखरे सामानों पर पहचान की तलाश यह सोचकर करते रहे कि कहीं उनके अपने तो इस हादसे में शिकार तो नहीं हो गए हैं. स्थानीय संवाददाता ने बताया कि राज्यमंत्री सुरेंद्र पटेल को वाराणसी भगदड़ राहत कार्यों की निगरानी करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है और वाराणसी के मंडलायुक्त को घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि जांच रिपोर्ट आने पर और अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जा सकती है. ऑटो रिक्शा पर बैठककर शहर की ओर आ रही महिलाएं मीडिया कर्मियों से पूछती रहीं.. भइया. क्या हो गया. मृतकों के परिवार वालों के लिए पांच-पांच लाख रुपये के मुआवज़े का पहले ही एलान हो चुका है. घायलों को ढ़ाई लाख रुपए देने की बात कही गई है. घायलों का वाराणसी के अस्पतालों में इलाज कराया जा रहा है. बच्चे भी हादसे के शिकार हो गये हैं क्या? जिसे जितनी जानकारी होती बताता जा रहा था। हर कोई एक ही बात कहता. लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल या बीएचयू जाएं. वहीं पर लोग मिलेंगे. सीतापुर के अनुयायी सुदेश चार बजे बदहवासों की तरह मौके पर पहुंचे. उनकी पत्नी और बेटी गायब थीं. वह रामनगर अस्पताल से होकर आये थे. 20 मृतकों की हुई शिनाख्त 1. नवल किशोर मिश्र : 55 वर्ष रायबरेली 2. सावित्री मिश्रा (पत्नी नवल किशोर) : 48 वर्ष रायबरेली 3. राजवती : 55 वर्ष मानपुर सीतापुर 4. रामवती 50 वर्ष हरदोई 5. सुमित्रा उर्फ मसौला 52 बाराबंकी 6. विमला देवी 43 शास्त्री नगर दिल्ली 7. रमपत्ती देवी पत्नी लालजी 52 लखीमपुर खीरी 8- दशरथ सिंह- गोला गोरखपुर 9- पृथ्वीपाल सिंह- फतेहपुर 10- इसरावती देवी- गोरखपुर 11. सुशीला देवी - लखिम खीरी 12.मल्लू देवी - भीलवाड़ा राजस्थान 13.पृथ्वीपाल - बेसरी फतेहपुर 14. कमलेश देवी - प्रतापगढ़ 15. अशोक कुमार कजजाक पूरा आदमपुर वाराणसी - दुकानदार 16. कामनी - सीतापुर 17. सरला देवी - रायबरेली 18. सोहनलाल - कौशाम्बी 19 इंदि - फतेहपुर 20.केश्वती - भिंड मध्यप्रदेश घायल 1. बिंदा देवी 45 वर्ष पत्नी योगेंद्र हाता बाजार देवरिया 2. रामदेई 65 वर्ष पत्नी श्यामबिहारी घोरावल सोनभद्र 3. मनोहर 62 वर्ष पुत्र हरिहर कप्पाखेडि़या सीतापुर 4. राजकुमारी 35 वर्ष पत्नी दूधनाथ सोरांव इलाहाबाद 5. राधिका 48 पत्नी मिश्रीलाल रायबरेली 6. पारसनाथ 60 बाराबंकी |
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