ब्रिक्स देश आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाएं: सीरियाई राजदूत डॉ रियाद कामेल अब्बास
जनता जनार्दन डेस्क ,
Oct 13, 2016, 12:11 pm IST
Keywords: Dr Riad Kamel Abbas Riad Kamel Abbas Riad Kamel Abbas interview Syria Syrian Ambassador to India BRICS summit सीरियाई राजदूत डॉ रियाद कामेल अब्बास रियाद कामेल अब्बास का साक्षात्कार
नई दिल्लीः इस सप्ताह गोवा में होने वाले ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन से पहले विश्व मंच पर मजबूत ताकत के रूप में उभर रहे पांच देशों के संघ से सीरिया ने कहा है कि वे आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट और एकीकृत दृष्टिकोण अपनाए और इसके समर्थकों को बेनकाब करे।
भारत में सीरिया के राजदूत डॉ.रियाद कामेल अब्बास ने आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में भारतीय रुख को पसंद किया, क्योंकि भारत लंबे समय से चल रहे नागरिक विद्रोह का वार्ता के जरिए हल निकालने का समर्थन करता है। पांच वर्षो से चल रहे सीरियाई संघर्ष में 4,70,000 लोग मारे गए हैं, जिनमें 10,000 बच्चे भी शामिल हैं, और लाखों लोग अपंग या विस्थापित हुए हैं। यह संघर्ष महाशक्तियों के बीच फंसा हुआ है। अब्बास ने आतंकवाद का समर्थन करने के लिए अमेरिका की भी तीखी आलोचना की और कहा कि इस्लामवादियों के युद्ध के पीछे सीरिया की धर्मनिरपेक्षता ही कारण है। जब उनसे पूछा गया कि वर्तमान स्थिति के हल के लिए वे ब्रिक्स देशों से किस तरह की भूमिका की उम्मीद करते हैं तो उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए साफ और स्पष्ट घोषणा करें तथा इसके समर्थकों को बेनकाब करें। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के प्रसार के नाम पर एक संप्रभु देश के आन्तरिक मामलों में अमेरिकी हस्तक्षेप और बिना संबद्ध देश की मंजूरी और निगरानी के मानवीय सहायता के नाम पर आतंकी संगठनों की सहयता करना, आतंकवाद के समर्थन लिए आवरण है। प्रत्येक संप्रभु देश को अपनी समझ के अनुरूप उचित तरीके से अपने नागरिकों की और क्षेत्र की सुरक्षा करने का अधिकार है और जब तक वह बाहरी सहायता की मांग नहीं करता है तब तक अपनी समस्याओं को अपने तरीके से हल कर सकता है। ब्रिक्स के जरिए या अन्य तरह से सीरियाई युद्ध को खत्म करने में भारत से अपेक्षित भूमिका पर विचार के प्रश्न पर राजदूत ने कहा कि सीरिया भारतीय रुख की अत्यधिक सराहना करता है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के जरिए भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में स्पष्ट घोषणा और इसके समर्थकों को बेनकाब करने में भागीदारी कर सकता है। सीरिया मुद्दे पर अमेरिका और रूस के बीच द्विपक्षीय वार्ता विफल होने को लेकर सीरियाई धारणा के बारे में अब्बास ने कहा कि वार्ता विफल होने के बारे में वे आश्वसत थे। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेना ने कथित गलती से सीरियाई सेना पर करीब एक घंटे तक हमला किया, जिसमें हमारे अनेक सैनिक हताहत हुए। उत्तरी सीरिया में पहाड़ों पर कब्जा करने में अमेरिका ने सीरिया के खिलाफ इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) की मदद की। इसी तरह गत बुधवार को अमेरिकी सेना ने गलती से इराकी सेना पर भी हमला किया था और उन प्रत्येक सैनिक को निशाना बनाया जो आईएस से लड़ रहे थे। सीरिया को रूसी मदद के सवाल पर अब्बास ने कहा कि सीरियाई सेना के सहयोग से रूसी सेना ने तीन महीने में आईएसआईएस के खिलाफ अमेरिका से 10 गुना अधिक उपलब्धि हासिल की है। अमेरिका ने तीन हजार से अधिक हवाई हमले किए, लेकिन किसी भी बड़े आईएसआईएस आतंकी सरगना को मार नहीं पाया। अलेप्पो पर अमेरिकी और संयुक्त राष्ट्र की हाय तौबा के बारे में सीरियाई राजदूत ने कहा कि अलेप्पो अल नुस्रा फ्रंट द्वारा नियंत्रित है। जब अलेप्पो पर अल नुस्रा का नियंत्रण था तो अमेरिका ने कभी शोरगुल नहीं मचाया। अब अमेरिका इसलिए चिल्ला रहा क्योंकि सीरियाई सेना ने इसे चारों ओर से घेर लिया है और कई विदेशी अधिकारी तथा नेता वहां फंसे हुए हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि जब भोजन वहां नहीं पहुंच सकता है तो हथियार कैसे पहुंच जाता है। सीरिया के वैश्विक समर्थन के बारे में अब्बास ने कहा कि सीरिया अकेले नहीं है। उसे अपने लोगों के समर्थन के अलावा मित्र देशों रूस, ईरान और ब्रिक्स देशों का समर्थन हासिल है। उन्होंने कहा कि जो देश कश्मीर में आतंकवाद का समर्थन कर रहे हैं, वही सीरिया में आतंकवाद का समर्थन कर रहे हैं। अब्बास ने साफ कहा कि सीरियाई संकट के मुद्दे पर अमेरिका किसी देश के साथ सहयोग नहीं करेगा, क्योंकि वह खुद आतंकवाद का समर्थन कर रहा है। |
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