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'मन की बात' सरकारी कामों के गुणगान का कार्यक्रम नहीं : मोदी

'मन की बात' सरकारी कामों के गुणगान का कार्यक्रम नहीं : मोदी नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रेडियो के जरिए देशवासियों से सीधा संपर्क बनाने के कार्यक्रम 'मन की बात' को सरकारी कामों के गुणगान से दूर रखने में सफल रहने का उल्लेख करते हुए रविवार को कहा कि देशवासियों के लिए यह कार्यक्रम जानकारियों का अवसर हो सकता है लेकिन उनके लिए यह सवा-सौ करोड़ देशवासियों की शक्ति और सामर्थ्य का एहसास कराना तथा उसी से कार्य की प्रेरणा पाना है

मोदी ने आकाशवाणी पर इस मासिक कार्यक्रम में कहा कि विजयादशमी के दिन ही 2 साल पहले 'मन की बात' की शुरुआत की गई थी। इस विजयादशमी के पर्व पर इसके 2 वर्ष पूरे हो जाएंगे और इस दौरान उनकी ये पूरी कोशिश रही है कि यह सरकारी कामों के गुणगान का कार्यक्रम नहीं बनना चाहिए। यह राजनीतिक छींटाकशीं का कार्यक्रम नहीं बनना चाहिए। यह आरोप-प्रत्यारोप का कार्यक्रम नहीं बनना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि 2 साल तक भांति-भांति के दबावों और प्रलोभनात्मक वातावरण के बावजूद भी नाराजगी के साथ कुछ बात बताने का मन कर जाए, यहां तक दबाव पैदा हुए लेकिन आप सब के आशीर्वाद से 'मन की बात' को उन सबसे बचाए रखकर के सामान्य मानव से जुड़ने का मेरा प्रयास रहा। इस देश का सामान्य मानव मुझे किस प्रकार से प्रेरणा देता रहता है। इस देश के सामान्य मानव की आशा-आकांक्षाएं क्या हैं। मेरे दिलो-दिमाग पर जो देश का सामान्य नागरिक छाया रहता है, वह ही 'मन की बात' में हमेशा-हमेशा प्रकट होता रहा है।
 
उन्होंने कहा कि देशवासियों के लिए 'मन की बात' जानकारियों का अवसर हो सकता है और उनके लिए 'मन की बात' सवा-सौ करोड़ देशवासियों की शक्ति और सामर्थ्य को बार बार स्मरण करना और उसी से कार्य की प्रेरणा पाना, यही मेरे लिए यह कार्यक्रम बना।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2 वर्ष इस सप्ताह जब पूर्ण हो रहे हैं तब 'मन की बात' को लोगों ने जिस प्रकार से सराहा, संवारा और आशीर्वाद दिए, इसके लिए वह सभी श्रोताओं का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने आकाशवाणी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस संस्थान ने उनकी इन बातों को न सिर्फ प्रसारित किया बल्कि उसको सभी भाषाओं में पहुंचाने के लिए भरसक प्रयास किया।
 
इस कार्यक्रम को लेकर पत्र लिखने वाले देशवासियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि 'मन की बात' के बाद चिट्ठियां लिख करके, सुझाव दे करके, सरकार के दरवाजों को खटखटाया, सरकार की कमियों को उजागर किया और आकाशवाणी ने ऐसे पत्रों पर विशेष कार्यक्रम करके, सरकार के लोगों को बुलाकर, समस्याओं के समाधान के लिए एक मंच प्रदान किया।
 
उन्होंने कहा कि इस प्रकार यह सिर्फ 15-20 मिनट का संवाद नहीं, समाज-परिवर्तन का एक नया अवसर बन गया इसलिए इसको सफल बनाने में जुड़े हुए हर किसी को धन्यवाद देते हुए प्रधानमंत्री ने उनके प्रति आभार व्यक्त किया। (वार्ता)
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