जो कहा उस पर कायम: सुप्रीम कोर्ट में राहुल, 'संघ के लोगों ने गांधी को गोली मारी' के अपने बयान पर
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Sep 01, 2016, 17:06 pm IST
Keywords: Rahul Gandhi RSS RSS remark Supreme Court Mahatma Gandhi Mahatma Gandhi assassination Gandhi killing महात्मा गांधी महात्मा गांधी की हत्या आरएसएस राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली: महात्मा गांधी की हत्या में आरएसएस के लोगों का हाथ बताने वाले बयान से जुड़े केस में अब बड़ा यू-टर्न आ गया है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वह ट्रायल फेस करने को तैयार हैं. वह मानहानि का मुकदमा लड़ते रहेंगे और उन्होंने कोर्ट से ट्रायल रद्द करने की याचिका वापस ले ली है.
राहुल ने यह भी कहा कि वह आरएसएस वाले अपने बयान पर कायम हैं, थे और रहेंगे. आरएसएस के लोगों ने महात्मा गांधी को गोली मारी, इस बयान पर वह अडिग हैं और वह अपना बयान वापस नहीं लेंगे. कोर्ट ने राहुल को पेशी में छूट देने से इनकार कर दिया है. यानी 16 नवंबर को उन्हें भिवंडी की कोर्ट में पेश होना होगा. वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि राहुल यह कह दें कि उनका मकसद आरएसएस को दोषी ठहराना नहीं था, तो वह केस को वापस लेने को तैयार हैं. शिकायकर्ता राजेश कुंटे की ओर से कोर्ट में कहा गया कि आरएसएस की छवि को पिछले 60 सालों से बिगाड़ने की कोशिश हो रही है. जब भी चुनाव होते हैं या विशेष वर्ग के साथ कुछ होता है तो ऐसे बयान दिए जाते हैं हालांकि कपिल सिब्बल ने कहा कि राजनीतिक बयान कोर्ट में नहीं दिए जाने चाहिए. गौरतलब है कि महात्मा गांधी की हत्या में आरएसएस के लोगों का हाथ बताने वाले बयान पर राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. राहुल ने ट्रायल रद्द करने की मांग की. पिछली सुनवाई में राहुल गांधी ने पहली बार कोर्ट में कहा था कि उन्होंने आरएसएस संगठन को दोषी नहीं ठहराया था और बॉम्बे हाईकोर्ट में भी यही हलफनामा दाखिल किया था. इसी आधार पर राहुल को आपराधिक मानहानि के मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के संकेत मिले थे. कोर्ट ने इशारा किया था कि मुकदमा रद्द हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम मानते हैं कि राहुल गांधी ने कहा था कि उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस संगठन को हत्यारा नहीं कहा था, सिर्फ जुड़े लोगों के लिए कहा था. ऐसे में आरएसएस के लिए मानहानि वाली बात नहीं लगती. उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. राहुल गांधी ने अपने खिलाफ महाराष्ट्र की एक निचली अदालत चल रहे आपराधिक मानहानि से जुड़े एक मामले को रद्द करने की मांग की है. इससे पहले वह कोर्ट के माफी मांगने के प्रस्ताव को ठुकरा चुके हैं. राहुल की ओर से दलील दी गई कि उन्होंने जो कहा वह महात्मा गांधी की हत्या के ट्रायल पर आधारित है. दरअसल, 2014 में महात्मा गांधी की हत्या का आरोप कथित रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर लगाने के संबंध में राहुल के खिलाफ मानहानि का यह मामला दाखिल किया गया था. संघ की भिवंडी इकाई के सचिव राजेश कुंटे ने आरोप लगाया था कि राहुल ने सोनाले में 6 मार्च 2014 को एक चुनावी रैली में कहा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने गांधी जी की हत्या की. कुंटे ने कहा कि कांग्रेस के नेता ने अपने भाषण के जरिए संघ की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाने की कोशिश की. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नाथूराम गोडसे ने गांधीजी को मारा, आरएसएस के लोगों ने गांधीजी को मारा, इन दोनो बातों में बहुत फर्क है. जब आप किसी व्यक्ति विशेष के बारे में बोलते हैं तो सतर्क रहना चाहिए. आप किसी की सामूहिक निंदा नहीं कर सकते. हम सिर्फ यह जांच कर रहे हैं कि राहुल गांधी ने जो बयान दिए क्या वह मानहानि के दायरे में हैं या नहीं. कोर्ट ने कहा था कि आपको केस में ट्रायल फेस करना चाहिए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने भिवंडी कोर्ट के मामले की पुलिस से रिपोर्ट मांगने पर भी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि मानहानि के मामलों में पुलिस की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए. |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
हां
|
|
नहीं
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|