Thursday, 28 March 2024  |   जनता जनार्दन को बुकमार्क बनाएं
आपका स्वागत [लॉग इन ] / [पंजीकरण]   
 

जेएनयू की पीएचडी छात्रा ने साथी पर लगाया बलात्कार का आरोप

जनता जनार्दन संवाददाता , Aug 22, 2016, 14:07 pm IST
Keywords: Jawaharlal Nehru University   JNU rape   Hostel room   JNU scholar   जेएनयू   पीएचडी छात्रा   जेएनयू बलात्कार कांड   
फ़ॉन्ट साइज :
जेएनयू की पीएचडी छात्रा ने साथी पर लगाया बलात्कार का आरोप नई दिल्ली: जेएनयू की पीएचडी की छात्रा ने जेएनयू के ही एक छात्र नेता पर बलात्कार का आरोप लगाया है. जून में सुपरहिट मराठी फिल्म सैरत देखने-दिखाने को लेकर शुरू हुआ ये मामला बलात्कार तक आ पहुंचा. पुलिस ने बलात्कार का केस तो दर्ज किया है लेकिन आरोपी अनमोल रतन की गिरफ्तारी नहीं हुई है.

बलात्कार की वारदात उसी जेएनयू में हुई है जहां आजादी के नारे लगाने का आरोप कन्हैया कुमार और उसके साथियों पर लगा है. तब से ही जेएनयू पढ़ाई-लिखाई के लिए कम, विवादों के लिए ज्यादा खबरों में है. देश की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी में से एक जवाहरलाल नेहरू विश्वविदयालय यानी जेएनयू आज फिर बदनाम की एक घटना के कारण खबर बनी है.

घटना बलात्कार की है. जेएऩयू की एक 28 साल की लड़की ने अनमोल रतन नाम के छात्र पर बलात्कार का आरोप लगाया है. अनमोल रतन लेफ्ट संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोशिएशन यानी आइसा का कार्यकर्ता है. जेएयू में पीएचडी की छात्रा की शिकायत के मुताबिक बलात्कार की कहानी मराठी फिल्म सैरत देखने से शुरू हुई थी.

पीड़ित लड़की ने जून में फेसबुक पर पोस्ट लिखा था कि वो मराठी फिल्म सैरत नाम की फिल्म देखना चाहती है. किसी के पास फिल्म हो तो उसे बताए. अनमोल ने लड़की को मैसेज किया कि उसके पास फिल्म है. पुलिस की शिकायत के मुताबिक अनमोल खुद उसे अपने साथ परसों रात जेएनयू के ब्रह्मपुत्र हॉस्टल ले आया.

हॉस्टल में उसे सॉफ्ट ड्रिंक पिलाया. फिर उसके साथ बलात्कार किया गया. दिल्ली के वसंत कुंज पुलिस स्टेशन में बलात्कार की एफआईआर दर्ज की गई है. अनमोल रतन पर आइसा ने बयान देकर कहा है कि अगर अनमोल दोषी पाया गया तो आइसा पीड़ित लड़की के साथ इंसाफ की लड़ाई में साथ खड़ा होगा.

जिस सैरत फिल्म के चक्कर में जेएनयू में बलात्कार की घटना हुई है वो फिलम मराठी की सबसे बड़ी हिट है. 40 करोड़ से ज्यादा कमाई कर चुकी है. राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी सैरत को मिल चुका है.
वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल