'अरहर मोदी': राहुल गांधी ने महंगाई के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी को घेरा

'अरहर मोदी': राहुल गांधी ने महंगाई के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी को घेरा नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने महंगाई के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बड़ा हमला बोला है. लोकसभा में राहुल ने चुनाव से पहले के मोदी के वादों की याद दिलाकर यह साबित करने की कोशिश की कि किस तरह से सब वादे झूठे साबित हुए हैं.

'हर-हर मोदी घर-घर मोदी' के नारे पर अपने अंदाज़ में चुटकी लेते राहुल गांधी ने महंगाई के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी को घेरते हुए दाल से लेकर आलू टमाटर की बढ़ी हुई कीमत बताई और 2014 चुनाव से पहले के उनके भाषणों की याद दिलाई.

राहुल गांधी ने कहा कि ''मैं मोदीजी से कहना चाहता हूं कि आप जितने झूठे, खोखले वादे करना चाहते हैं करिए, लेकिन इस हाउस को वह तारीख दे दीजिए जब दाल का दाम कम हो जाएगा।''

लोकसभा में प्रधानमंत्री मौजूद नहीं थे पर राहुल ने तीर चलाने में कोई कमी नहीं की. सरकार को किसान विरोधी बताया, उद्योगपतियों को फ़ायदा पहुंचाने का और दाल के मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा कि ''मोदीजी ने कहा था मुझे चौकीदार बनाओ। आज चौकीदार की नाक के नीचे से दाल की चोरी हो रही है, मगर चौकीदार ने एक शब्द नहीं कहा, चौकीदार चुप है.''

राहुल के हमले पर जवाब वित्त मंत्री अरुण जेटली की तरफ ये आया. उन्होंने कहा यह नारों नहीं आंकड़ों का मामला है. महंगाई यूपीए सरकार के जमाने से अब बहुत कम है.

उन्होंने कहा कि यूपीए के टाइम डबल डिजिट इनफ्लेशन था... एनडीए में कम हुई. जेटली ने कच्चे तेल की गिरी कीमत से बचने वाले पैसों का उपयोग भी बताया और सब्ज़ियों की बढ़ी कीमत की वजह भी.

राहुल जब बोल रहे थे तो जेटली उनकी बातों के नोट बना रहे थे. राहुल के हर आरोप का जवाब उन तक अहलुवालिया पहुंचा रहे थे। बीजेपी के सांसदों ने टोटाटोकी तो की लेकिन राहुल ने दो साल में संसद में अपनी 11वीं स्पीच अपने चिरपरिचित अंदाज में पूरी की.

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महंगाई के मुद्दे पर सरकार को निशाना बनाया था और पार्टी सांसदों से आक्रामक होने को कहा था. उन्होंने इसके लिए सरकार और इसके मंत्रियों को जिम्मेदार ठहराया था.

आर्थिक वृद्धि के सरकार के दावे की हवा निकालते हुए उन्होंने कहा था कि जब वे आर्थिक वृद्धि और जीडीपी आंकड़ों की बात करते हैं, तब उनके खुद के पार्टी नेता उस पर सवाल उठाते हैं.

भाजपा ने संप्रग सरकार की हर महत्वपूर्ण एफडीआई पहल को बाधित कर दिया है, और अब इसने रक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को सभी के लिए खोल दिया है.
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