![]() |
![]() |
मंत्रालय बदलने से नाखुश हैं स्मृति ईरानी
जनता जनार्दन डेस्क ,
Jul 08, 2016, 8:45 am IST
Keywords: Smriti Irani Prakash Javadekar HRD Ministry Human Resource Development HRD Prime Minister's Office PMO Unhappy Smriti rani स्मृति ईरानी प्रकाश जावेड़कर मंत्रिमंडल फेरबदल मानव संसाधन मंत्रालय
![]() स्मृति ईरानी को मंगलवार के मंत्रिमंडल फेरबदल में एक कम महत्व वाला कपड़ा मंत्रालय देकर किनारे कर दिया गया है. सूत्रों का कहना है कि मानव संसाधन मंत्रालय छिन जाने से वह नाखुश हैं. गुरुवार को स्मृति ईरानी दिल्ली में होने के बावजूद नए मानव संसाधन विकास मंत्री बने प्रकाश जावेड़कर को शास्त्री भवन में कार्यभार सौंपने नहीं आईं, जबकि उनको आधिकारिक रूप से बुलावा भेजा गया था. पारंपरिक रूप से मंत्रालय से जानेवाला मंत्री आनेवाले मंत्री को एक आधिकारिक कार्यक्रम में खुद उपस्थित होकर कार्यभार सौंपता है. इस परंपरा को देखते हुए जावेड़कर ने पर्यावरण मंत्रालय का कार्यभार नए बने मंत्री अनिल माधव दवे को बुधवार को सौंपा, जबकि उसी दिन स्मृति ने कपड़ा मंत्रालय का कार्यभार संभाला. जावेड़कर ने मानव संसाधन मंत्रालय का कार्यभार गुरुवार को लेने का फैसला किया. उन्हें उम्मीद थी कि स्मृति ईरानी उन्हें कार्यभार सौंपने जरूर आएंगी, लेकिन जावेड़कर राह देखते रह गए. वह अंतिम समय तक इंतजार करते रहे. एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया, “जावेड़कर जी ने स्मृति ईरानी से सुबह में दो बार फोन पर बात की. लेकिन वह नहीं आईं.” स्मृति ईरानी की यह अनुपस्थिति किनारे लगाए जाने के कारण उनके दुख को जाहिर करती है. लेकिन जावेड़कर ने इस मुद्दे को ज्यादा तबज्जो न देते हुए कहा, “वो आज आनेवाली थीं, लेकिन कुछ निजी काम में व्यस्त होने के कारण नहीं आ पाईं. मैंने उनसे सुबह में फोन पर बात की थी.” मंत्रालय में फेरबदल के बाद जावेड़कर बुधवार की सुबह स्मृति ईरानी से मिलने उनके घर गए थे. सूत्रों का कहना है कि जावेड़कर ने स्मृति को थोड़ी उखड़ी हुई सी देख उन्हें शांत करने की कोशिश की, लेकिन उनका यह प्रयास बेकार साबित हुआ. जावेड़कर को मानव संसाधन मंत्रालय का कार्यभार बुधवार को ही संभालना था, लेकिन उन्होंने इसे गुरुवार तक टाल दिया, ताकि स्मृति ईरानी दफ्तर आ सकें. जावेड़कर ने मानव संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बुधवार को मुलाकात भी की थी. वहीं, बुधवार को कपड़ा मंत्रालय का कार्यभार संभालने के दौरान स्मृति ने इस बात का खंडन किया कि उनकी पदावनति हुई है और जावड़ेकर की पदोन्नति, इससे वह दुखी हैं. मानव संसाधान मंत्रालय से हटाए जाने को लेकर पूछे गए सवाल के जबाव में स्मृति ने कहा, “काफी कुछ कहा-सुना जा रहा है. मैं केवल इतना ही कहना चाहूंगी कि कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना.” सूत्रों का कहना है कि स्मृति को इस बात का आभास हो गया था कि उनसे मानव संसाधन मंत्रालय छिननेवाला है. जब वह भारतीय जनता पार्टी शासित एक राज्य के शिक्षा मंत्री से मिलीं तो स्मृति ने उन्हें संकेत दिया था कि जब वह दोबारा उनसे मिलेंगे तो मानव संसाधन विकास मंत्री के पद पर शायद न रहें. सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि स्मृति को कपड़ा मंत्रालय में इसलिए भेजा गया, क्योंकि उनके मानव संसाधन मंत्रालय में रहने के दौरान ढेर सारे विवाद पैदा हुए, जिससे वे सही तरीके से नहीं निपट पाईं और सरकार की किरकिरी हुई. एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया, “उन्हें उन विवादों से आक्रामक तरीके से नहीं निपटना चाहिए था. मानव संसाधन मंत्री के रूप में उन्हें ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए था. आप छात्रों से मुखातिब हैं. यहां तक कि एक शिक्षक भी छात्रों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करता, जैसा स्मृति ने किया. यह मंत्रालय जावेड़कर को इसलिए दिया गया है, क्योंकि वे शांत और सज्जन व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं.” |
क्या विजातीय प्रेम विवाहों को लेकर टीवी पर तमाशा बनाना उचित है? |
|
हां
|
|
नहीं
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|