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ईरानी ने मानव संसाधन मंत्रालय में जावड़ेकर के लिए जो छोड़ा
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jul 06, 2016, 8:29 am IST
Keywords: Smriti Irani Prakash Javadekar HRD Ministry Human Resource Development HRD Prime Minister's Office PMO स्मृति ईरानी मानव संसाधन मंत्रालय प्रकाश जावड़ेकर
![]() इस अहम विभाग की जिम्मेदारी अब प्रकाश जावड़ेकर के पास है, पर यह जानना काफी दिलचस्प है कि उन्हें विरासत में क्या मिला है? मंत्रालय मिलते ही सबसे पहले उनकी डिग्रियां विवादों में आईं. उन पर अपनी एफीडेविट में गलत जानकारी देने का आरोप लगता रहा है. ईरानी पर दो अलग चुनावी शपथपत्र में अपनी शिक्षा के बारे में अलग-अलग जानकारी देने का आरोप है. हैदराबाद यूनिवर्सिटी में छात्र रोहिल वेमुला की आत्महत्या के बाद भी स्मृति ईरानी निशाने पर आईं थीं. रोहित की मौत पर ईरानी को संसद में बयान तक देना पड़ा था. उस बयान पर भी विपक्ष ने उन्हें घेर लिया था. बिहार के शिक्षा मंत्री के साथ डियर पर उनकी लड़ाई भी सुर्खियों में रही थीं. बिहार के शिक्षा मंत्री द्वारा डियर कहना ईरानी को नहीं सुहाया था. इस पर उन्होंने फौरन आपत्ति जताई थी। इस पर भी लोगों ने उन्हें आड़े हाथ लिया. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर भी मानव संसाधन मंत्रालय सक्रिय हुआ था. इस पर भी मानव संसाधन मंत्री निशाने पर आई थीं. स्मृति ईरानी के शिक्षा मंत्री बनने के बाद यूजीसी के निर्देश पर दिल्ली यूनिवर्सिटी को चार साल का डिग्री कोर्स वापस लेना पड़ा था. इससे पहले जेएनयू विवाद तो काफी दिन तक उनके गले की फांस बना रहा। जेएनयू में राष्ट्रविरोधी नारे लगे थे. स्मृति ईरानी पर अपने मंत्रालय के अफसरों के साथ गलत बर्ताव का भी आरोप लगता रहा है. एक महिला आईएएस अफसर ने तो ईरानी पर ये भी आरोप लगाया था कि उन्होंने सार्वजनिक स्थल पर उन्हें डांटा था। वहीं एक अधिकारी का कहना था कि एक फाइल उन्होंने उन पर फेंकी थी. प्रियंका चतुर्वेदी के साथ हाल ही में उनका ट्विटर वार भी सुर्खियों में था। प्रियंका ने किसी मुद्दे पर सुरक्षा की बात की थी। इसमें उन्होंने ईरानी की जेड श्रेणी की सुरक्षा का जिक्र किया था। इस पर भी स्मृति ईरानी ने फौरन ट्विटर पर जवाब दिया था। न्यूक्लियर साइंटिस्ट अनिल काकोदकर ने भी मानव संसाधन मंत्रालय पर उनके कामकाज में दखल देने का आरोप लगाया था। आईआईटी बोर्ड के चेयरमेन पद से उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद भी स्मृति ईरानी का आलोचना हुई थी। शिक्षा मंत्रालय ने आईआईटी में शाकाहारी छात्रों के लिए अलग कैंटीन की सिफारिश की थी। इस पर शिक्षा मंत्रालय की किरकिरी हो चुकी है. इस बीच यह कयास भी लगाए जा रहे हैं कि कहीं ऐसा इसलिए तो नहीं किया गया कि वह 2017 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रचार का चेहरा बनाए जाने की स्थिति में वह प्रचार के लिए ज्यादा वक्त निकाल सकें। |
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