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कालाधन धारकों के लिए 30 सितंबर आखिरी मौका: अरूण जेटली

जनता जनार्दन डेस्क , Jun 29, 2016, 17:10 pm IST
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कालाधन धारकों के लिए 30 सितंबर आखिरी मौका: अरूण जेटली
नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरूण जेटली ने काला धन रखने वालों को 30 सितंबर तक पाक साफ होने का अंतिम मौका देते हुए आज कहा कि एक बारगी अनुपालन खिड़की के तहत की गई घोषणा को दूसरे प्राधिकरणों के साथ साझा नहीं किया जायेगा।
 
देश के भीतर कालाधन रखने वालों के लिए कर भुगतान करने तथा कड़े जुर्माने से बचने के लिये चार माह की अनुपालन अवधि के बारे में चीजों को स्पष्ट करने के इरादे से जेटली ने आज उद्योग मंडलों, चार्टर्ड एकाउंटेंट तथा कर पेशेवरों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि योजना की अवधि आगे नहीं बढ़ायी जाएगी। बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘जिन लोगों के पास अघोषित आय है और आयकर के दायरे से बाहर हैं, उनके लिये घोषणा करने और चैन की नींद सोने के लिये यह आखिरी मौका है।’
 
उन्होंने कहा कि काला धन रखने वाले जो लोग सरकार की पेशकश का लाभ नहीं उठाते और संपत्ति छिपाना जारी रखते हैं, उन्हें इसका परिणाम भुगतना होगा। जेटली ने कहा, ‘एक नया काला धन कानून बनाया गया है और जो भी उसके दायरे में आएगा, उसे काला धन रखने के लिये परिणाम भुगतना होगा।’
 
मंत्री ने कहा कि कानून के तहत जो भी घोषणा की जाएगी, उसे सुरक्षित रखा जाएगा। वह सूचना किसी भी प्राधिकरण के साथ साझा नहीं की जाएगी, उसे सार्वजनिक नहीं किया जाएगा और किसी के भी साथ साझा नहीं किया जाएगा। आय घोषणा योजना यानी आईडीएस एक जून से शुरू हो चुकी है। इसके तहत देश में काला धन रखने वालों को ऐसी संपत्ति की घोषणा करनी है जिसपर वे 45 प्रतिशत कर और जुर्माना देकर अभियोजन से बच सकते हैं।
 
अरूण जेटली ने कहा, ‘मोहलत अवधि एक जून से 30 सितंबर तक है और जिन लोगों के पास अघोषित आय है और जो कर आकलन के दायरे में नहीं आये, वे ऐसी आय की घोषणा कर सकते हैं और 45 प्रतिशत कर एवं जुर्माना देकर उसे कानूनी रूप से वैध बना सकते हैं।’ बैठक योजना को लोकप्रिय बनाने तथा बेहतर परिणाम के लिये बुलायी गयी। इसमें वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमन, बिजली तथा कोयला मंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह भी मौजूद थे।
 
जेटली ने कहा, ‘यह माफी योजना नहीं है। माफी योजना वह होती है जहां कोई जुर्माना नहीं है। आईडीएस में जुर्माना है।’ उन्होंने यह भी कहा कि आयकर विभाग आज की बैठक से प्राप्त जानकारी के आधार पर बार-बार पूछे जाने वाले सवाल (एफएक्यू) के जरिये योजना के बारे में स्पष्टीकरण का तीसरा सेट ला सकता है।’
 
उन्होंने कहा कि उद्योग मंडलों ने कर किस्तों में दिये जाने की अनुमति देने का सुझाव दिया है। हम इस पर विचार करेंगे। जेटली ने कहा, किसी भी कानून के तहत जांच को लेकर हमें कुछ भी लेना-देना नहीं लेकिन इस कानून के तहत कोई भी जानकारी दी जाती है, उसे महफूज रखा जाएगा। वह सूचना किसी अन्य प्राधिकरण के साथ साझा नहीं की जाएगी। इसे सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। इसे किसी के साथ भी साझा नहीं किया जाएगा।
 
उन्होंने कहा, इस प्रकार की घोषणा में हम आय के स्रोत के बारे में नहीं पूछते और न ही कोई पूछताछ होती। आय खुलासा योजना के बारे में चर्चा के लिये बैठक राजस्व विभाग के साथ केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बुलायी। इसमें उद्योग मंडलों, व्यापार निकायों, चार्टर्ड एकाउंटेंट तथा कर पेशेवरों ने भाग लिया।
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