7वां वेतन आयोग: कल उठ सकता है पर्दा
जनता जनार्दन डेस्क ,
Jun 28, 2016, 19:20 pm IST
Keywords: 7th Pay Commission central staff former employees annual increment 7वां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारी पूर्व कर्मचारियों वार्षिक वेतन वृद्धि
नई दिल्ली: सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की रिपोर्ट पर केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को बैठक होगी और इससे जुड़े करीब 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारी और पूर्व कर्मचारियों की टकटकी कैबिनेट की इस बैठक पर लगी हुई है। फैसला क्या होगा, कितना पैसा बढ़ेगा, यह अभी साफ नहीं है, लेकिन गौर करने की बात यह है कि जस्टिस अशोक कुमार की अध्यक्षता में गठित इस आयोग ने इस बार एक ऐसा नियम कर्मचारियों के लिए प्रस्तावित किया है, जिससे अधिकतर सेवारत कर्मचारियों की भौंहें तन जाएंगी।
संशोधित निश्चित पदोन्नति यानी एमएसीपी के तहत बदलाव का सुझाव
वेतन आयोग की रिपोर्ट में इस बार यह नया नियम सालाना वेतन वृद्धि को लेकर बनाया गया है। इस नियम को संशोधित निश्चित पदोन्नति यानी एमएसीपी ने तहत निर्धारित किया गया है। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में एमएसीपी के तहत कामकाज के नियम कड़े करने का सुझाव दिया है। अब केंद्रीय कर्मचारियों के कामकाज को ‘अच्छा’ से ‘बहुत अच्छा’ तय किया जाएगा।
आयोग ने यह सिफारिश भी की है कि वार्षिक वेतन वृद्धि उन कर्मचारियों को नहीं दी जाए जो एमएसीपी की शर्तों के अनुरूप काम करने में सक्षम नहीं हैं या अपने सेवा काल के पहले 20 वर्षों के दौरान नियमित पदोन्नति के योग्य नहीं पाए गए हैं। एमएसीपी में अन्य बदलावों की सिफारिश नहीं की गई है।
वेतन ढांचे को लेकर रिपोर्ट में बदलाव
इस आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बदलाव और किया है। यह बदलाव वेतन ढांचे को लेकर है। ग्रेड वेतन ढांचे से संबंधित मुद्दों पर विचार करते हुए और पे-बैंड और ग्रेड-पे की मौजूदा प्रणाली में पारदर्शिता लाने के दृष्टिकोण से उनके संबंध में नया वेतन ढांचा तैयार किया गया है। ग्रेड-पे को पे-मेट्रिक्स में शामिल किया गया है। कर्मचारी की स्थिति को अब तक ग्रेड-पे के आधार पर तय किया जाता था, अब उसे पे-मेट्रिक्स के स्तर पर तय किया जाएगा।
कई भत्तों को समाप्त करने की सिफारिश
आयोग ने 52 भत्तों को समाप्त करने की सिफारिश भी की है। अन्य 36 भत्ते भी अलग पहचान के आधार पर समाप्त कर दिए गए हैं, लेकिन या तो उन्हें मौजूदा भत्तों में या नए प्रस्तावित भत्तों में शामिल किया गया है।
महंगाई भत्ते के अनुरूप एचआरए करने का सुझाव
सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट में मकान भाड़ा भत्ता यानी एचआरए पर भी कुछ बदलाव के सुझाव दिए गए हैं। क्योंकि मूल वेतन को बढ़ाकर संशोधित किया गया है, इसलिए आयोग ने सिफारिश की है कि वर्ग ‘एक्स’, ‘वाई’ और ‘जेड’ शहरों के लिए नये मूल वेतन के संबंध में एचआरए क्रमश: 24 प्रतिशत,16 प्रतिशत और 08 प्रतिशत की दर से देय होगा।
आयोग ने यह सिफारिश भी की है कि जब महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत से अधिक हो जाएगा, तब एचआरए की संशोधित दर क्रमश: 27 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 09 प्रतिशत होगी। इसके साथ ही जब महंगाई भत्ता 100 प्रतिशत के पार हो जाएगा तो संशोधित दर क्रमश: 30 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 10 प्रतिशत हो जाएगी। |
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