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मैसूर राजघराने में शाही शादी, एक दूजे के हुए यदुवीर और तृषिका

मैसूर राजघराने में शाही शादी, एक दूजे के हुए यदुवीर और तृषिका
मैसूर: वाडियार राजघराने के महाराज यदुवीर की शादी की रस्में सोमवार को पूरी हुईं। मैसूर पैलेस के मंडप में यदुवीर ने राजस्थान के डूंगरपुर की राजकुमारी तृषिका सिंह के साथ साथ फेरे लिए। परंपरा के मुताबिक, सारी रस्में निभाई जिसमें दूल्हे ने दुल्हन के पैर में बिछिया (पैर की अंगुलियों में पहने जाने वाला गहना) पहनाई।

बता दें कि इस राजघराने में पिछले 400 साल से राजा-रानी को बेटा नहीं हुआ है। यदुवीर को भी महारानी ने गोद लिया था जिसके बाद पिछले साल उनका राजतिलक हुआ था। 400 साल से राजा-रानी को नहीं हुआ बेटा, ये है पूरी कहानी...

- दिवंगत महाराज श्रीकांतदत्त नरसिम्हराज वाडियार और रानी प्रमोदा देवी की अपनी कोई संतान नहीं थी।
- इसलिए रानी प्रमोदा देवी ने अपने पति की बड़ी बहन के बेटे यदुवीर को गोद लिया और वाडियार राजघराने का वारिस बना दिया।
- यह घराना राज परंपरा आगे बढ़ाने के लिए 400 सालों से फैमिली के किसी दूसरे मेंबर के पुत्र को गोद लेते आया है। 
- कहा जाता है कि 1612 में साउथ के सबसे पावरफुल विजयनगर साम्राज्य के पतन के बाद वाडियार राजा के आदेश पर विजयनगर की अकूत धन संपत्ति लूटी गई थी। - उस वक्त विजयनगर की तत्कालीन महारानी अलमेलम्मा हार के बाद एकांतवास में थीं। लेकिन उनके पास काफी सोने, चांदी और हीरे- जवाहरात थे।
- वाडियार ने महारानी के पास दूत भेजा कि उनके गहने अब वाडियार साम्राज्य की शाही संपत्ति का हिस्सा हैं इसलिए उन्हें दे दें। 
- अलमेलम्मा ने जब गहने देने से इनकार किया तो शाही फौज ने जबरन खजाने पर कब्जे की कोशिश की। 
- इससे दुखी होकर अलमेलम्मा ने कथित तौर पर श्राप दिया था कि जिस तरह तुम लोगों ने मेरा घर ऊजाड़ा है उसी तरह तुम्हारा देश वीरान हो जाए। 
- इस वंश के राजा- रानी की गोद हमेशा सूनी रहे। इसके बाद अलमेलम्मा ने कावेरी नदी में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली।
मैसूर पैलेस में फिर से लौटेगी दशहरे की रौनक
- यदुवीर के महाराज बनने और उनकी शादी के बाद समझा जा रहा है कि मैसूर पैलेस में फिर से मशहूर दशहरा सेलिब्रेशन की रौनक लोटेगी।
- यदुवीर के चाचा महाराज श्रीकांतदत्ता नरसिम्हाराजा वाडियार की 2013 में मौत के बाद दशहरा सेलिब्रेशन में तब्दीली ला दी गई थी।
- पिछले साल महारानी ने दशहरे पर होने वाली कई रस्मों पर रोक दिया था।
- बता दें कि करीब 40 साल बाद मैसूर के राजमहल में शादी की शहनाई बजी।
- इससे पहले अम्बा विलास राजमहल मे दिवंगत महाराज श्रीकांतदत्त नरसिम्हराज वडियार ने 1976 में प्रमोदा देवी से शादी की थी।
कल रिसेप्शन, मोदी को भी न्योता
- रविवार को प्राइवेट फंक्शन में काशी यात्री रस्म निभाई गई। ये शादी के बाद का एक राजसी रिवाज है।
- मंगलवार को दरबार हॉल में शाम साढ़े सात बजे से ग्रैंड रिसेप्शन होगा। बताया जा रहा है कि इस जोड़े को आशीर्वाद देने के लिए 2000 गेस्ट आने वाले हैं। मोदी भी आ सकते हैं।
 
महारानी ने खुद तैयार किए हैं यदुवीर के कपड़े
 
- जानकारी के मुताबिक, वाडियार राजघराने में शादी की तैयारी कई महीने पहले ही शुरू हो गई थीं।
- महारानी प्रमोदा देवी वाडियार ने खुद ही यदुवीर की वेडिंग ड्रेस बनाई है।
जब हुई थी यदुवीर की ताजपोशी...
- पिछले साल मई में मैसूर राजघराने को नया महाराज मिला था। उसी दौरान यदुवीर वडियार का राजतिलक हुआ था।
- बेंगलुरु से 150 किलोमीटर दूर अंबा विला पैलेस में यदुवीर 27th राजा हैं। मैसूर राजवंश भारत में अब तक सबसे ज्यादा समय (619 साल) तक राजशाही परंपरा को मानने वाला वंश है।
कौन हैं यदुवीर?
- 24 साल के यदुवीर पिछले साल ही अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स से इंग्लिश और इकोनॉमिक्स की डिग्री लेकर लौटे हैं।
- महाराज बनने के बाद उन्हें कृष्णदात्ता चामराजा वाडियार के नाम से भी जाना जाने लगा है।
- पिछले साल 23 फरवरी को महारानी ने यदुवीर को गोद लिया था और उन्हें राजा बनाने का एलान किया था।
- वाडियार राजघराने ने 1399 से मैसूर पर राज करना शुरू किया था। तब से राजा का एलान होते आया है।
- पिछली बार 1974 में राजतिलक हुआ था। तब यदुवीर के चाचा श्रीकांतदत्ता नरसिम्हाराजा वाडियार को गद्दी पर बैठाया गया था।
- 2013 में उनकी मौत हो गई थी। दो साल गद्दी खाली रही थी और उसके बाद यदुवीर को राजा बनाया गया।
- श्रीकांतादत्ता नरसिम्हा राजा वाडियार और रानी गायत्री देवी को संतान नहीं थी।
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