Thursday, 28 March 2024  |   जनता जनार्दन को बुकमार्क बनाएं
आपका स्वागत [लॉग इन ] / [पंजीकरण]   
 

मोदी सरकार के 2 साल: काम प्रगति पर, मगर काफी कुछ बाकी

मोदी सरकार के 2 साल: काम प्रगति पर, मगर काफी कुछ बाकी नई दिल्लीः राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दो साल के कार्यकाल को 'कार्य प्रगति पर है' की संज्ञा देते हुए एक उद्योग संघ ने कहा कि कर विवादों पर काफी कुछ किया जाना अभी बाकी है और बैंकिंग प्रणाली पर भारी-भरकम बुरे ऋण को लेकर चिंता बनी हुई है।

गत दो साल में अर्थव्यवस्था से संबंधित प्रमुख मंत्रियों के प्रदर्शन का लेखा-जोखा इस प्रकार है :

वित्त और कंपनी मामलों के मंत्री अरुण जेटली :

दो पूर्ण बजट तथा अन्य उपायों के जरिए जेटली ने अर्थव्यवस्था को स्थिरता दी है और विकास दर को सात फीसदी से अधिक रखा है, जो चीन की विकास दर से अधिक है।

इस दौरान चालू खाता घाटा और वित्तीय घाटा कम हुआ और महंगाई दर 11 फीसदी से घटकर काफी नीच आ गई है, जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

निजी निवेश में हालांकि सुस्त वृद्धि रही है और औद्योगिक विकास दर कम रहने के कारण रोजगार सृजन की गति भी धीमी रही है।

इस दौरान बैंकों की गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) का आकार चिंताजनक स्तर तक बढ़ा है, जो मार्च 2017 तक बढ़कर 6.9 फीसदी तक पहुंच सकता है। आरबीआई ने बैंकों को इस तिथि तक अपना बायलेंस शीट दुरुस्त करने की मोहलत दी है।

जेटली संसद से दिवालिया संहिता विधेयक पारित कराने में सफल रहे, जिससे एनपीए से निपटने में बैंकों को मदद मिलेगी। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक हालांकि अब भी राज्यसभा में लंबित है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमन :

वैश्विक आर्थिक सुस्ती का वाणिज्य और उद्योग पर सीधा असर पड़ा है और सीतारमन के मंत्रालय का पदभार संभालने के आसपास के समय से निर्यात में गिरावट दर्ज की जा रही है। आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक, अप्रैल में देश का वस्तु निर्यात 6.74 फीसदी घटकर 20.57 अरब डॉलर रहा, जो एक साल पहले समान अवधि में 22.05 अरब डॉलर था। यह निर्यात में लगातार 17वें महीने की गिरावट है।

बिजली, कोयला और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल :

प्रथम वर्ष में मंत्री की टीम ने पहली सफल कोयला खदान नीलामी को अंजाम दिया। कोयला उत्पादन भी बढ़ा उनके मंत्रालय ने प्रतिस्पर्धी बोली से सौर बिजली दर घटाई और गैस आधारित बिजली संयंत्रों को नवजीवन दिया।

गोयल ने कहा, "बिजली किल्लत की जगह भारत बिजली आधिक्य वाला देश बन गया है। गत दो साल में मौजूदा पारंपरिक बिजली क्षमता में 20 फीसदी वृद्धि हुई है और सौर बिजली क्षमता में 157 फीसदी वृद्धि हुई है।"

दूसरे साल में गोयल ने कर्ज में फंसी राज्य की बिजली वितरण कंपनियों को नवजीवन देने के लिए उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (उदय) लांच की। मंत्री ने नई राष्ट्रीय टैरिफ नीति लांच की है, जिसका मुख्य ध्यान सभी के लिए बिजली और सस्ती बिजली पर है।

नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू :

तमाम बहस और सराहना के बाद भी राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति नहीं बन सकी। मसौदा हालांकि तैयार है। इसमें 5/20 नियम को समाप्त करने और उड़ान के प्रत्येक घंटे के लिए अधिकतम 2,500 रुपये प्रति टिकट किराए का प्रस्ताव है। सभी प्रमुख विमानन कंपनियों ने बेहतर आय दर्ज की है। यह क्षेत्र उन 15 उद्योगों में शामिल है, जिसमें सरकार ने विदेशी निवेश के नियम उदार किए हैं।

संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद :

स्पेक्ट्रम नीलामी से 2015 में सरकार को 1.10 लाख करोड़ रुपये की आय। 22 में से 17 सर्किलों में 900 मेगाहट्र्ज, 1,800 मेगाहट्र्ज, 800 मेगाहट्र्ज और 2,100 मेगाहट्र्ज बैंड में कुल 380.75 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम के लाइसेंस दिए गए।

स्पेक्ट्रम व्यापार और साझेदारी की भी अनुमति दी गई। पूरे देश के स्तर पर मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी लागू की गई.

इस साल भी स्पेक्ट्रम नीलामी की योजना। सरकार को इससे 5,60,000 करोड़ रुपये आय की उम्मीद। कॉल ड्रॉप की समस्या बनी हुई है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने कॉल ड्रॉप के लिए एक जनवरी 2016 से ग्राहकों को मुआवजा दिए जाने की व्यवस्था की है, हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने इसे रद्द कर दिया.
अन्य राष्ट्रीय लेख
वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल