संसद ने कामकाज में संतुलन बनाए रखा: वेंकैया नायडू

संसद ने कामकाज में संतुलन बनाए रखा: वेंकैया नायडू नई दिल्ली: सरकार ने आशा व्‍यक्‍त की है कि संसद कारगर तरीके से अपना काम जारी रखेगी। हाल के सोशल मीडिया अभियानों में लोगों द्वारा संसद में कामकाज किए जाने की मांग बढ़ी है। नरेन्‍द्र मोदी सरकार के दो वर्ष पूरा होने पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि पिछले वर्ष मानसून और शीतकालीन सत्र में कुछ टाले जा सकने वाले व्‍यवधानों के बाद संसद के दोनों सदनों ने नया संतुलन दिखाया है। विपक्ष अपनी पूरी शक्ति के साथ विषय उठाता है और विधायी कार्य जारी रहता है। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि आने वाले दिनों में यह संतुलन बना रहेगा।

नायडू ने कहा कि पिछले दो वर्षों में संसद के दोनों सदनों की अधिक बैठकें हुई हैं, संसद में अधिक बिल पेश किए गए हैं और लोक सभा द्वारा पिछले 10 वर्षों की तुलना में अधिक विधेयक पारित किए गए हैं।

राज्‍य सभा में लंबित 44 विधेयकों की चर्चा करते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि वह इस विषय में राज्‍य सभा के सभापति तथा अन्‍य दलों के नेताओं से बात करेंगे ताकि संसद के दोनों सदन तालमेल के साथ विधायी कार्य निपटा सकें।

पिछले दो वर्षों में सुधार की चर्चा करते हुए नायडू ने कहा कि संसद के दोनों सदनों में 101 विधेयक पेश किए गए। लोकसभा में 96 तथा राज्‍य सभा में 5 विधेयक पेश किए गए। लोक सभा ने 96 विधेयक पारित किए। इस तरह प्रति वर्ष 48 विधेयक पारित हुए पिछले 10 वर्षों में प्रति वर्ष 3 विधेयक पारित हुआ करते थे। राज्‍य सभा ने 83 विधेयकों को मंजूरी दी। प्रति वर्ष 41 विधेयक पारित करने की दर रही। इस तरह इसमें प्रति वर्ष 4 विधेयकों की कमी आई।

लोकसभा के कुल 149 बैठकें हुई। प्रति वर्ष 75 बैठकें हुई जबकि ऊपरी सदन की कुल 143 बैठकें हुई।उन्‍होंने कहा कि अब किसी तरह की व्‍यवधान और टालने की प्रवृत्ति की कीमत चुकानी होगी। मुझे विश्‍वास है कि सभी राजनीतिक दल इस बात को समझेंगे और संसद के दोनों सदनों के सुचारु रूप से काम करने में मदद देंगे।

राज्‍य सभा की संरचना में परिवर्तन तथा जीएसटी विधेयक के पारित होने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में वेंकैया नायडू ने कहा कि वित्‍त मंत्री ने पिछले एक वर्षों में जीएसटी विधेयक के बारे में अपनी स्थिति स्‍पष्‍ट की है और सरकार के पास संख्‍या बल है।
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