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पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे: ममता, जयललिता की सत्ता बरकरार, असम व केरल में बदलाव

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे: ममता, जयललिता की सत्ता बरकरार, असम व केरल में बदलाव नई दिल्ली: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के गुरुवार को आए नतीजों ने यह स्पष्ट कर दिया कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी और तमिलनाडु में सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की महासचिव जे. जयललिता सत्ता में वापसी करने जा रही हैं।

असम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बहुमत हासिल कर लिया है और केरल में पिछली बार सत्ता से चूके वाम मोर्चे ने इस बार कब्जा जमा लिया है।

पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए निराशाजनक रहा। असम में 15 वर्षो से सत्ता में रहे कांग्रेस को भाजपा के हाथों करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। केरल में भी जीत के प्रति आश्वस्त दिख रही कांग्रेस को वाम मोर्चा के हाथों करारा झटका लगा। पुदुच्चेरी में हालांकि कांग्रेस-द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) गठबंधन ने जीत दर्ज की है।

भाजपा ने इस बार केरल में अपना खाता खोला है। पार्टी के दिग्गज नेता ओ.राजगोपाल (86) ने तिरुवनंतपुरम की नेमोम सीट से जीत दर्ज की। केरल विधानसभा में वह भाजपा के पहले और एकमात्र विधायक होंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा तमिलनाडु की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जीत की बधाई दी।

उन्होंने ट्वीट किया, "पूरे देश में लोगों का भाजपा के प्रति भरोसा बढ़ रहा है और वे इसे एक ऐसी पार्टी के तौर पर देख रहे हैं, जो चहुंमुखी और समावेशी विकास कर सकती है।"

चुनाव में विकास को मुद्दा बनाते हुए ममता की तृणमूल पार्टी ने 214 सीटों पर जीत दर्ज की। कुल 294 सीटों वाले विधानसभा में उसे दो तिहाई बहुमत मिला है।

ममता बनर्जी को सत्ता से हटाने का ख्वाब देख रहे कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन चारों खाने चित्त हो गया। कांग्रेस ने जहां 44 सीटें जीतीं, वहीं मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट (माकपा) को मात्र 30 सीटों से संतोष करना पड़ा।

ममता बनर्जी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "बीते 49 वर्षो में यह पहली बार है, जब किसी एक पार्टी को इतना बड़ा बहुमत मिला है।"

तमिलनाडु के भी नतीजे शानदार रहे। एआईएडीएमके ने कुल 234 सीटों में से 126 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं डीएमके-कांग्रेस गठबंधन को 102 सीटें मिलीं।

जयललिता ने कहा, "तमिलनाडु के लोगों के प्रति आभार जताने के लिए मेरे शब्दकोश में पर्याप्त शब्द नहीं हैं।"

अधिकांश एग्जिट पोल में तमिलनाडु में एआईएडीएमके की हार का अनुमान लगाया गया था और मुत्तुवेल्लु करुणानिधि की पार्टी डीएमके को फिर से सत्ता मिलने का अनुमान लगाया गया था।

चेन्नई में जयललिता के आवास के बाहर जश्न का माहौल है। जयललिता की तस्वीर लिए लोग पटाखे फोड़ रहे हैं और जश्न मना रहे हैं।

इन चुनावों में सबसे बड़ा करिश्मा भाजपा ने असम में किया, जहां कुल 126 सीटों में से उसने 85 सीटों पर जीत दर्ज की।

भाजपा की इस शानदार विजय से कांग्रेस की मिट्टी पलीद हो गई। 15 वर्षो से सत्तारूढ़ इस पार्टी को मात्र 24 सीटों में से संतोष करना पड़ा। किंगमेकर बनने का सपना देख रहे ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) को करारा झटका लगा। उसे विश्वास था कि चुनाव परिणाम त्रिशंकु होने पर वह किंगमेकर के तौैर पर उभरेगा।

असम के भावी मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि बांग्लादेशी मुसलमानों की घुसपैठ बंद कराने के लिए भारत-बांग्लादेश सीमा को पूरी तरह सील करना उनकी सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी।

प्रत्येक चुनाव में सरकार को विपक्ष में लाने की केरल की परंपरा इस बार भी जारी रही। कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ सत्ता से बाहर हो गई। मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा कि उन्होंने कभी इसकी कल्पना भी नहीं की थी।

लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) को कुल 140 में से 92 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि यूडीएफ ने 46 सीटों पर जीत दर्ज की है।

माकपा नेता व पूर्व मुख्यमंत्री वी.एस.अच्युतानंदन ने कहा, "यह जनादेश भ्रष्टाचारियों व उनके खिलाफ है, जो महिलाओं की गरिमा बनाए रखने में नाकाम रहे।"

एक निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव जीतने में कामयाब रहा।

असम व केरल में सत्ता गंवाने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि लोगों का भरोसा जीतने के लिए पार्टी कठिन मेहनत करेगी। उन्होंने ट्वीट किया, "लोगों का भरोसा जीतने तक हम कठिन मेहनत करेंगे।"
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