एक दिन में 47,000 रोजगार देकर उत्तर प्रदेश के एक जिले ने बनाया रिकार्ड
मोहित दुबे ,
May 05, 2016, 12:58 pm IST
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दुनिया भर में रविवार को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया गया। लेकिन लखनऊ से 130 किलोमीटर दूर गोंडा शहर में इस दिन 47,000 ग्रामीण रोजगार का सृजन कर एक तरह का रिकार्ड बना लिया है।
हालांकि इस रिकार्ड को ज्यादा प्रचारित नहीं किया गया है, जबकि पहले यह राज्य ग्रामीण रोजगार योजना मनरेगा के अंतर्गत ग्रामीण रोजगार का सृजन नहीं करने को लेकर बदनाम था। इसके अलावा गोंडा में अगले दस दिनों के लिए 15 लाख लोगों को रोजगार दिया गया। क्योंकि मनरेगा के तहत आवंटित 38 करोड़ रुपये की राशि इस्तेमाल नहीं होने के कारण लैप्स होने के कगार पर थी। योजनानुसार मई दिवस के दिन एक साथ 1,054 गांवों में मनरेगा के तहत निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि नए जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) ने पदभार संभालते ही पुरानी फाइलों पर धूल झाड़ते हुए रुकी हुई योजनाओं को शुरू करवाने की पहल की। इस योजना के लिए जिला मजिस्ट्रेट ने 14 से 24 अप्रैल के बीच सभी 1,054 जिला पंचायतों में सार्वजनिक विचार विमर्श किया। इसके बाद इन सभी पंचायतों में मस्टर रोल जारी किए गए और निर्माण कार्य प्रारंभ करने के एक ही दिन में आदेश जारी किए गए। डीएम आशुतोष निरंजन ने आईएएनस को बताया कि एक मई के दिन 92.64 लाख रुपये निर्माण कार्यो पर खर्च किए गए और इस पूरे अभियान के दौरान दो हफ्तों में कुल 21 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसके तहत 1,357 परियोजनाओं पर काम होगा। महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अधिनियम (मनरेगा) के तहत किए जाने वाले इन कार्यो में तालाब और नहरों की खुदाई, जमीन को समतल बनाना, अस्थाई सड़कों का निर्माण, खाद व पौध रोपण आदि कार्य शामिल है। इसी तरह से राज्य से प्राप्त 17.37 करोड़ रुपये के वित्तीय अनुदान से 4,00,000 कार्यदिवस का सृजन किया जा रहा है। इस अभियान को चलाने वाले युवा नौकरशाह ने बताया कि इसके तहत 56 किलोमीटर लंबी सड़क, 16 किलोमीटर इंटरलौकिंग, 25 किलोमीटर नहर की खुदाई, 10 हैंडपंप का उन्नयन, 9 कुओं की मरम्मत, पांच स्कूलों में शौचालय का निर्माण, 445 शोकपिट और विभिन्न पंचायतों की 41 किलोमीटर लंबी चहारदीवारी का निर्माण किया जा रहा है। निरंजन आगे कहते हैं कि चूंकि अब शादियों का मौसम खत्म हो चुका है और खेती के मौसम में अभी देर हैं। इसलिए अस्थायी रोजगार और यहां तक कि स्थायीरोजगार के लिए भी यह आर्दश समय है। |
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